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हलचल

भड़ासी चुटकुला (12)

भारत में प्रेम विवाह, उसके विरोध, खाप के फैसलों और उसकी मांग तथा इस मांग के विरोध को गंभीरता से फॉलो कर रहे एक पत्रकार को अमेरिका जाने का मौका मिला। मूल काम से मुक्त होने के बाद उसे इस मामले में उदार कहे जाने वाले पश्चिमी समाज के विचार और स्थिति जानने की इच्छा हुई। वहां उसने नए मित्र बने एक अमेरिकी पत्रकार से इस बारे में चर्चा करने का फैसला किया। दोनों ने बार में मिलना तय किया और पेग पर पेग लगाते हुए काफी बातें हुईं।

<p style="text-align: justify;">भारत में प्रेम विवाह, उसके विरोध, खाप के फैसलों और उसकी मांग तथा इस मांग के विरोध को गंभीरता से फॉलो कर रहे एक पत्रकार को अमेरिका जाने का मौका मिला। मूल काम से मुक्त होने के बाद उसे इस मामले में उदार कहे जाने वाले पश्चिमी समाज के विचार और स्थिति जानने की इच्छा हुई। वहां उसने नए मित्र बने एक अमेरिकी पत्रकार से इस बारे में चर्चा करने का फैसला किया। दोनों ने बार में मिलना तय किया और पेग पर पेग लगाते हुए काफी बातें हुईं।</p> <p>

भारत में प्रेम विवाह, उसके विरोध, खाप के फैसलों और उसकी मांग तथा इस मांग के विरोध को गंभीरता से फॉलो कर रहे एक पत्रकार को अमेरिका जाने का मौका मिला। मूल काम से मुक्त होने के बाद उसे इस मामले में उदार कहे जाने वाले पश्चिमी समाज के विचार और स्थिति जानने की इच्छा हुई। वहां उसने नए मित्र बने एक अमेरिकी पत्रकार से इस बारे में चर्चा करने का फैसला किया। दोनों ने बार में मिलना तय किया और पेग पर पेग लगाते हुए काफी बातें हुईं।

बातचीत के दौरान भारतीय पत्रकार ने बताया कि उसके अभिभावक उसकी शादी गांव की एक तथाकथित सुंदर, सुशील और घरेलू लड़की से करना चाहते हैं जिससे वह मिला भी नहीं है। अमेरिकी पत्रकार को बात अजीब लगी। भारतीय पत्रकार ने बताया कि हमारे यहां शादियां ऐसे ही होती हैं मां-बाप परिवार-रिश्तेदारी में उपयुक्त वर या वधू की तलाश करते हैं और कई मायने में उपयुक्त पाए जाने पर कुंडली मिलाई जाती है। कुंडली मिल जाए तो शादी कर दी जाती है। इसे हमारे यहां अरेन्ज मैरिज कहा जाता है। मैं ऐसी लड़की से शादी नहीं करना चाहता जिसे मैं प्यार नहीं करता। मैंने यह बात उन्हें साफ बता दी है और इस कारण मेरे परिवार में काफी परेशानी है। तरह-तरह की पारिवारिक समस्याएं खड़ी हो गई हैं।

इस पर अमेरिकी ने प्रेम विवाह के बारे में बताना शुरू किया और इसी क्रम में उसने अपनी कहानी बताई – मैंने एक विधवा से शादी की जिससे मैं बेहद प्रेम करता था। हमारा प्रेम तीन साल तक चला। आखिरकार शादी हो गई। कुछ साल बाद मेरे पिताजी का मेरी सौतेली बेटी से प्रेम हो गया। और लाख समझाने के बावजूद उन्होंने उससे शादी कर ली। उन्होंने वही दलीलें दीं जो मैं देता था और मैं उन्हें रोक नहीं पाया। इस तरह मेरे पिता अब मेरे दामाद बन गए और मैं उनका ससुर हो गया। कानूनन अब मेरी बेटी मेरी मां है और मेरी पत्नी मेरी नानी। मुझे जब बेटा हुआ तो और भी समस्याएं सामने आईं। मेरा बेटा मेरे पिता की सास का बेटा है इसलिए उनका साला हुआ और इस हिसाब से मेरा मामा भी है। स्थिति और खराब हो गई जब मेरे पिता को बेटा हुआ। अब मेरे पिता का बेटा मेरा भाई तो है ही मेरा नाती भी है।

अमेरिकी पत्रकार तो मामा को अंकल और नाना / दादा को ग्रैंड फादर ही कह रहा था लेकिन भारतीय पत्रकार को इसका हिसाब लगाने में चक्कर आ गया है।

अमेरिकी पत्रकार कहां मानने वाला था – उसने पूछा अब बताओ किसकी पारिवारिक समस्या गंभीर है?

इस चुटकुला को भेजा है वरिष्ठ पत्रकार संजय कुमार सिंह ने. मीडिया की वर्तमान दशा-दिशा पर अगर आपके पास भी कोई चुटकुला हो तो हमें भेजिए, मेल [email protected] या एसएमएस 09999330099 के जरिए.

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0 Comments

  1. Rahul Mishra

    May 29, 2010 at 2:52 pm

    Jaswant gajab ka likha hai aapne ye chutkula nahi apne haqiqat byan kar di hai. ye un logo ke liye sabak hai jo sagotria vivah ko jayaj batta rahe hain. In logo ko apni sanskriti se pyaar toh hai nahi dusre apne aap ko extramode batane ke chaakar me apni sanskriti ke saath khilwad karte hain.

    yaswant ji carry on main aapka murrid ho gya

  2. yashwant

    May 28, 2010 at 12:04 pm

    9 no. chutkula bhi neeche haajir hai. galti se vo gaayab ho raha tha. dhyan dilaane ke liye thanks.

  3. कमल शर्मा

    May 28, 2010 at 11:03 am

    बहुत मजेदार, हालांकि इस समस्‍या के लिए कह सकते हैं बूझो तो जानें।

  4. Jaatak

    May 28, 2010 at 10:57 am

    AAhaaaaa!!!!! Mr. Sanjay Kr. Singh, here u r again…….again wid a pedestrian piece of Translation, the song is more funny den dis piece of crap u cooked….i thought u wud com again on ur write-up “खेल नहीं है विवाह पूर्व शारीरिक संबंध”……but u didn’t

    Neways….i have always loved this song….its so funny…..

    [I’m My Own Grandpa]

    Many, many years ago when I was 23.
    I was married to a widow who was pretty as could be;
    This widow had a grown up daughter who had hair of red
    My father fell in love with her and soon the two were wed.

    This made my dad my son in law and changed my very life.
    My daughter was my mother since she was my fathers wife.
    Then to complicate the matter, even though it brought me joy,
    I soon became the father of a bouncing baby boy.

    This little baby then became a brother in law to Dad.
    And so became my Uncle, though it made me very sad
    For if he was my Uncle, then he also was the brother
    Of the widow’s grown up daughter who of course was my stepmother.

    Chorus:

    Now I’m my own Grandpa, I’m my own Grandpa;
    It sounds funny, I know, but really it’s so.
    I’m my own Grandpa.

    My fathers wife then had a son who kept him on the run
    Who thus became my grandchild ’cause he was my daughter’s son.
    My wife is now my father’s mother and it makes me blue
    Although she’s my wife she’s my Grandmother too.

    Now if my wife is my Grandmother, then I am her grandchild
    And every time I think of it, it nearly drives me wild
    Now I have become the strangest case you ever saw
    As husband of my grandmother, I’m my own Grandpa.

    Chorus:

    hava nice day…..:):)

  5. Ved Ratna Shukla

    May 28, 2010 at 9:59 am

    Bhai sahib, yeh Chutkula nahi karara Vyangya hai. Bhai log bhai-behan ki shaadi karane ke firaq me hain.

  6. raju

    May 28, 2010 at 9:02 am

    yashwant aap ka 9 no. bhadasi chutkala kaha hai

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