: आज स्पोर्ट्स के सुनील ने हिंदुस्तान ज्वाइन कर लिया : स्टाफ की कमी दूर करने के लिए भास्कर ने कई लोगों को जयपुर से रांची भेजा : दैनिक भास्कर, रांची से कुल सात लोग हिंदुस्तान, रांची ज्वाइन कर चुके हैं. आज सुनील कुमार ने हिंदुस्तान, रांची में सीनियर सब एडिटर पद पर ज्वाइन किया. वे पहले भी हिंदुस्तान में थे लेकिन भास्कर की भर्तियों के समय जो खेप हिंदुस्तान से भास्कर गई थी, उसमें सुनील भी थे. वे स्पोर्ट्स डेस्क पर सेकेंड मैन की हैसियत से काम देखते थे और उसी रूप में भास्कर से वापस लौटे हैं. आज ही हेम सिंह ठाकुर ने भी हिंदुस्तान ज्वाइन कर लिया.
कल संजय सिंह ने ज्वाइन किया था. सभी सातों लोग भास्कर की लांचिंग से ठीक एक दिन पहले हिंदुस्तान, रांची के आफिस जाकर फिर से ज्वाइन करने के बारे में बातचीत कर सहमति दे दी थी. कुछ ने तो उसी दिन ज्वाइन कर लिया था. बाकी बचे लोगों ने कल और आज औपचारिक रूप से ज्वाइन कर लिया. बताया जा रहा है कि जिन लोगों ने ज्वाइन किया है, उनमें से कई लोग रांची के बाहर भेजे जाएंगे क्योंकि ये लोग इसी शर्त पर वापस आए हैं.
सूत्रों का कहना है कि हिंदुस्तान प्रबंधन रांची आफिस के उन लोगों को जल्द ही पद व पैसे का प्रमोशन देगा जो भास्कर के साथ नहीं जुड़े और हिंदुस्तान में ही बने रहे. ऐसा इन लोगों की नाराजगी व संस्थान के प्रति समर्पण भाव किया जा रहा है. उधर, भास्कर को रांची में लांच कराने आए भास्कर के ज्यादातर वरिष्ठ अपने-अपने ठिकाने की ओर लौट गए हैं. नवनीत गुर्जर जयपुर चले गए हैं तो कल्पेश याज्ञनिक भोपाल. बताया जा रहा है कि ये लोग फिर अगले महीने के प्रथम सप्ताह में रांची में डेरा डालेंगे. एक अन्य सूचना के मुताबिक भास्कर प्रबंधन रांची में स्टाफ की कमी को देखते हुए इनहाउस तबादला कर रहा है. कई लोगों को जयपुर से रांची भेजे जाने की सूचना है.
Manoj
August 26, 2010 at 4:51 am
sach ke aage jeet Hai
sanjeev
August 26, 2010 at 5:18 am
;D ya to hona hee tha. Shoshan krna wala sansthan pr bhe logo kee budduya lagte ha
Sunit
August 26, 2010 at 6:55 am
कृपया अफवाह फैलाने का काम न करें, इससे पत्रकार साथियों का ही नुकसान भड़ास कर रहा है। आप को जो लोग जानकारी दे रहे हैं, वे पत्रकारों का नाम छपवाकर अपना उल्लू सीधा कर रहे हैं। नाम छापने से पहले यदि इन पत्रकारों से बात कर ली जाए तो शायद गड़बड़ी न हो। वैसे भी भड़ास को सभी पत्रकार अपनी साइट मानते हैं ऐसे में इसे प्रबंधन नहीं बल्कि पत्रकारों के हित में काम करना चाहिए।
vikash
August 26, 2010 at 10:55 am
Media mai bhi jod tod ki gandi rajniti suru ho gayi hai.ab bhi waqt hai media apni laj bacha sakta hai,nahi to der ho jayegi.
saurabh123
August 29, 2010 at 1:36 pm
jod tod ki raajniti kaha nahi hotio bhaai…yahaan to chalta hi jod tod hai…