भास्कर, रांची को लेकर चल रहे विवाद में आज दिल्ली हाईकोर्ट की संयुक्त बेंच ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है. फैसले की तारीख भी कोर्ट ने घोषित नहीं की है. करीब साढ़े चार घंटे तक दोनों पक्षों के वकीलों ने अपनी बात रखी.
डीबी कार्प की तरफ से वरिष्ठ वकील विवेक तनखा और मुकुल रोहतगी ने स्टे वैकेट कराने के लिए जमकर दलील पेश की. संजय अग्रवाल की तरफ से राजीव नय्यर ने डीबी कार्प की अंधेरगर्दी के बारे में विस्तार से जानकारी दी और जमशेदपुर डेटलाइन से भी अखबार के प्रकाशन पर रोक लगाने की मांग की. जज मुक्ता गुप्ता और विक्रमजीत सेन की कोर्ट नंबर दो की संयुक्त बेंच ने दोनों पक्षों की बात को सुना. आखिर में फैसला सुरक्षित रखने का ऐलान किया. जब उनसे फैसले की तारीख के बारे में पूछा गया तो कुछ भी बताने से न्यायाधीशों ने इनकार कर दिया.
tejas
August 31, 2010 at 5:02 pm
हमें मालूम था यही होगा
jharkhand reporter
August 31, 2010 at 5:52 pm
भास्कर की सुपारी ले रखी है क्या तुमने. “संजय अग्रवाल की तरफ से राजीव नय्यर ने डीबी कार्प की अंधेरगर्दी के बारे में विस्तार से जानकारी दी”…ये लाइन लिख कर तुमने अच्छा किया…इससे तुम्हारी द्र्भावना साफ़ झलक रही है. प्रभात खबर की दलाली बंद करो…तुम कितना भी भड़ास का ढोल बजा लो…भास्कर वहां आपना पैर जमा कर रहेगा. कभी प्रभात खबर में मची अंधेरगर्दी पर भी नजर डालों. नहीं पता तो वहां के पत्रकारों को फ़ोन कर लो..
ABC
September 1, 2010 at 4:36 am
Are Bhai, Jharkhandi Reporter ji, Johar, kahe garma rahe hain, jo kam court ko bhi andhere me rakh kar kiya woh andhergardi nahi to aur kya hai. vaise aap ki bat se lagta hai ki bhaskar ke liye aap bhi wohi hain jo aarop aapne B4M par lagaya hai
राधेश्याम
September 1, 2010 at 4:59 am
दलाली बंद करों यशवंत
झारखंड रिपोर्टर के नाम से जिसने भी कामेंटस लिखा सच लिया है। यशवंत जी ने शायद पूरी तरह भास्कर की सुपारी ले रखी है। शायद यही वजह है उनकी रिपोर्ट पर भी इसका असर दिखने लगा है। समाचार में “संजय अग्रवाल की तरफ से राजीव नय्यर ने डीबी कार्प की अंधेरगर्दी के बारे में विस्तार से जानकारी दी”…ये लाइन बहुत कुछ इशारा तो कर रही जाती है जो द्र्भावना की ही झलक है। साफ हो गया है कि भडास प्रभात खबर की दलाली कर रहा है। झारखंड और जमशेदपुर में अखबारों के भीतर सच और उसकी सही अभिव्यक्ित प्रस्तुत करने के लिए यशवंत जी प्रभात खबर, हिन्दुस्तान और दैनिक जागरण में मची अंधेरगर्दी पर भी नजर डाल लेते तो शायद भडास की विश्वसनीयता और बढ जाती। दैनिक जागरण में जितेन्द्र शुक्ला भी बाहरी–भीतरी के नक्शे कदमताल करते हुए जमशेदपुर यूनिट में कानपुर–इलाहाबाद–गोरखपुर से अपने लोगों को गिराने में लगे हुए है तो रांची में पटना में जमे कानपुर के एक वरिष्ठ पूर्व संपादक अपने लोगो को गिरा रहे। योग्यता यहां भी तो अंधेरे में धूंल फांक रही है। हिन्दुस्तान में भी उल्टी-पुल्टा चल रहा। एक खास जाति से लगाव का लेबल तो जमशेदपुर के संपादक गीतेश्वर पर लग ही चुका है। प्रभात खबर में भी चुन-चुन कर योग्यताएं सम्मान पा रही जबकि वर्षो से यहां सेवा देने वाले उपेक्षित है। कभी इन लोगों की पीडा भी सुन लेते तो बेहतर होगा ———
mandeep
September 1, 2010 at 5:45 am
Kal Dainik Bhaskar kai Front page mai ek khabar chapi.Chalne lagi hai aapki margi.
No. 1 ka dawa karne wale akhbar mai kya chapa ye janiye.
Ek din pahle DB mai baasi khabar chapi. jo sabhi akhbaro mai 1 month pahle chap chuka tha. Waha tak bhi thik hai.
Lekin Haad tab ho gaya.Jab sarkar ne Kisan Credit Card Ke sandharv mai Jaach ka aades diya. Akhbar ne apni marji chala diya ki Health card ke jaach sarkar news dekh karwar rahi hai.
Aadrniye Editor sahab se anurodh hai ki. Apne reporters aur desk mai baithe logo ko kisan credit card aur health card ka difference bata dai.
Agar Yahi haal raha too phir akhbar 4 no. ke liye fight karega.
lagta hai Bhaskar ke top log dhyan nahi de rahe hai.Roj Baasi Khbar chap rahi Hai aur likha ja raha hai DB expose. Kal Chapi Khelgaon aur PDS ki baasi khabar .jo sabhi akhbaro mai 100 times chap chuki hai.
Ho ye raha hai Jo bhi patrkar yaha sai gaye hai.Dusare Akhbaro kai file khol rahe hai aur chala rahe hai aapni marji.
Aaise Pathko ka Viswas kaise jitenge Bhai.
jharkhand reporter
September 1, 2010 at 12:18 pm
Abe gadhee ladhna jhagdna band kar kiu khun garmarha hai
kautilya
September 3, 2010 at 11:01 am
महोदय ,
मैं भी एक बात बताना चाहूँगा I
क्या आपको ऐसा नहीं लगता है की ये वेबसाइट जिस चीज के लिए प्रकाश में आया था उस राह से अलग सा होता जा रहा है .
किसी का भी पक्ष लेना पत्रकारिता नहीं है …
लोगों के कमेन्ट पर अगर ध्यान दिया जाय तो बेहतर होगा I
अगर आपको बुरा लगा हो तो क्षमा कीजियेगा