यशवंत भाई, आपने भास्कर डॉट कॉम की चोरी को तो उजागर कर दिया लेकिन तरकश डॉट कॉम की चोरी को उजागर नहीं किया। क्यों? यह आपकी चिरकुटई हो सकती है। और आपके विवेक के बारे में क्या कहा जाए कि जिस पोर्न टाईप की खबरों के खिलाफ आवाज उठाकर आप आत्ममुग्ध हो रहे हैं, उसी की चोरी पर अब आप पहरेदारी कर रहे हैं।
इससे साफ पचा चलता है कि खबरों में लपेटकर जैसे तथाकथित बड़े ब्रांड पोर्न परोस रहे हैं, आप भी उसी पोर्न को विवाद की चासनी में लपेटकर परोस रहे हैं। महाराज, आपको अपनी ही बात समझ में नहीं आ रहा है कि आप पोर्न न्यूज परोसने वाले पोर्टलों के खिलाफ अभियान चला रहे हैं और दूसरी तरफ कौन-सी पोर्न खबर चोरी हुई, उसकी पहरेदारी कर रहे हैं। आपके पोर्न विरोधी रुख को कैसे सीरियसली लिया जाए? आपने भास्कर की उन खबरों पर प्रहार नहीं किया जो नेट से सीधे-सीधे उठाई जाती हैं। आपको नजीर ही मिली तो पोर्न खबर की! वाह यशवंत भाई, लगे रहो। मुझे लगता है कि अब आपका भड़ास सेचुरेट हो गया है और आपको टीआरपी मेंटेन रखने के लिए इस तरह की खबरों का सहारा लेना पड़ रहा है।
आपका
संदीप राऊजी
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