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नौकरी लेने व गलती मढ़ने के उस्ताद हैं यहां!

दैनिक जागरण, कानपुर के संपादकीय विभाग का हाल कैसा है, इसे नीचे प्रकाशित ‘इस्तीफानामा’ को पढ़कर जाना जा सकता है. कुछ महीनों पहले अमर उजाला, नोएडा की नौकरी छोड़ सीनियर सब एडिटर पद पर दैनिक जागरण, कानपुर पहुंचे चंद्र गौरव गुप्ता ने अपने इस्तीफे के पत्र में जो लिखा है, वह यह बताने को पर्याप्त है कि जागरण, कानपुर के न्यूज रूम की स्थिति विकट है. काम का माहौल नहीं है. जुबान के पक्के नहीं हैं. जागरण, कानपुर में ही एक सज्जन ने चंद्र गौरव गुप्ता के इस्तीफे की कापी को भड़ास4मीडिया तक पहुंचाया है. इस्तीफानामा नीचे प्रकाशित कर रहे हैं. -एडिटर

<p style="text-align: justify;">दैनिक जागरण, कानपुर के संपादकीय विभाग का हाल कैसा है, इसे नीचे प्रकाशित 'इस्तीफानामा' को पढ़कर जाना जा सकता है. कुछ महीनों पहले अमर उजाला, नोएडा की नौकरी छोड़ सीनियर सब एडिटर पद पर दैनिक जागरण, कानपुर पहुंचे चंद्र गौरव गुप्ता ने अपने इस्तीफे के पत्र में जो लिखा है, वह यह बताने को पर्याप्त है कि जागरण, कानपुर के न्यूज रूम की स्थिति विकट है. काम का माहौल नहीं है. जुबान के पक्के नहीं हैं. जागरण, कानपुर में ही एक सज्जन ने चंद्र गौरव गुप्ता के इस्तीफे की कापी को भड़ास4मीडिया तक पहुंचाया है. इस्तीफानामा नीचे प्रकाशित कर रहे हैं. -एडिटर</p>

दैनिक जागरण, कानपुर के संपादकीय विभाग का हाल कैसा है, इसे नीचे प्रकाशित ‘इस्तीफानामा’ को पढ़कर जाना जा सकता है. कुछ महीनों पहले अमर उजाला, नोएडा की नौकरी छोड़ सीनियर सब एडिटर पद पर दैनिक जागरण, कानपुर पहुंचे चंद्र गौरव गुप्ता ने अपने इस्तीफे के पत्र में जो लिखा है, वह यह बताने को पर्याप्त है कि जागरण, कानपुर के न्यूज रूम की स्थिति विकट है. काम का माहौल नहीं है. जुबान के पक्के नहीं हैं. जागरण, कानपुर में ही एक सज्जन ने चंद्र गौरव गुप्ता के इस्तीफे की कापी को भड़ास4मीडिया तक पहुंचाया है. इस्तीफानामा नीचे प्रकाशित कर रहे हैं. -एडिटर


सेवा में,

संपादक,

दैनिक जागरण,

कानपुर

आदरणीय सर,

आपको अवगत कराना चाहता हूं कि मैं इस संस्थान से इस्तीफा दे रहा हूं। जिसका कारण है कि  जितने भी दिन मैंने यहां काम किया तो सिर्फ यही जाना कि यहां लोग अपने काम से अधिक दूसरे को नौकरी से निकालवाने के प्रयास में लगे रहते हैं। इतना ही नहीं अपनी गलतियों को दूसरे पर मढऩा यहां आम बात है। हर कोई अपने ही संस्थान के मैनेजमेंट को कोस रहा है।

मैं तो दैनिक जागरण जैसे बड़े बैनर में काम करने को लेकर बहुत उत्साहित था, लेकिन यहां के हालात देखकर मैं अपने आप को इस संस्थान काम करने के योग्य नहीं मानता। मेरे छह साल के करियर में मुझे अपने काम के जरिये ही सफलता मिली। लेकिन यहां पर मुझे अपने पिछले संस्थान की तुलना में बहुत कम सैलरी दी गयी। साथ ही मुझे नियुक्ति पत्र तक नहीं दिया गया। वहीं मुझसे रिपोर्टिंग व डेस्क दोनों ही कार्यों को एक साथ करने को कहा जा रहा है। जो कि मेरे लिये संभव नहीं है।  कृपया मेरा इस्तीफा स्वीकार करें।

भवदीय

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चंद्र गौरव गुप्ता

सीनियर सब एडिटर

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0 Comments

  1. arun sathi

    August 17, 2010 at 3:20 pm

    yahi hota he bhai.

  2. shaileshtiwari

    August 17, 2010 at 3:38 pm

    Gaurav sir aap ne bulkul thek kara…….

  3. sunil barua

    August 17, 2010 at 3:55 pm

    jagan un channi chhap akhbaraon main hai jo patrakarita ke nam par dhandha karate hain. ye bulate samay adhik salary batate hai. jab koi apni jami jamai nokary chhodkar aa jata hai to fir ye use kafi kam salary dete hain. ye sachte hain ki admi ab kahan jayega. lekin jo kabil hota hai uske pas kam ki kami nahin hai.

  4. Rishi Naagar

    August 17, 2010 at 6:16 pm

    Bhai ji NishiKant Thakur se mil lo, Noida me…Ek to karela, doosra Neem chadha….!!!

    Is sansthaan ko chhod diya, achha kiya, ab tarakki ke dwar khul jayenge bhai ji!

  5. abc

    August 18, 2010 at 5:28 am

    भैया ये तो बनिए कि दुकान है….जागरण का हाल बुरा है..इसके सहयोगी प्रकशन i next का भी यही हाल, कहीं भी आपको नियुक्ति पत्र नहीं दिया जाता और ना ही सेलरी स्लिप मिलती है,,,मतलब आप खुद ही निकाल सकते हैं कि जागरण अपने कर्मचारियों के प्रति कितना ईमानदार है……

  6. nam nahi hai

    August 18, 2010 at 6:45 am

    dost aj ye hal 1-2 nahi kai sare samachar patro ke hai. desh ke number 01 kahe jane vale akhbar kese khoon chuste hai dekha ja sakta hai

  7. लक्ष्मण मिश्र

    August 18, 2010 at 8:03 am

    चंद्रगौरव जी, आपने बहुत अच्छा किया, जितनी जल्दी जागरण कानपुर को अलविदा कह दिया। ये ऐसा संस्थान है, जहां केवल चाटुकारों और मैनेजमेन्ट के लिए हर उल्टा सीधा काम करने वालों का ही सम्मान होता है, काम करते हैं तो कुत्ते की तरह टुकड़े डाले जाते हैं। नोएडा जागरण से भी बुरा हाल है कानपुर जागरण का। संस्थान के बगल की जमीन घेरी हुई और पेड न्यूज़ का धंधा अब सबके सामने आ चुका है। सैलरी स्लिप तो दूर की बात है,अगर नौकरी छोड़ी तो सैलरी भी रोक देते हैं। अगर जान जाएं कि आप कानपुर नहीं छोड़ना चाहते तो फिर आपकी मजबूरी का पूरा फायदा उठाते हैं। डायरेक्टर
    संदीप गुप्ता जी बेहद घटिया मानसिकता वाले और पत्रकारों की मजबूरी का फायदा उठाने वाले मालिक हैं। यहां केवल संजीव मिश्र, जैसे चाटुकार और घटिया इनसान ही तरक्की कर सकते हैं। किसी और संस्थान में नौकरी ढूढिए, हमेशा सुखी रहेंगे।

  8. facebook se

    August 18, 2010 at 9:31 am

    इसी पोस्ट पर फेसबुक पर आए कमेंट….

    Haresh Kumar- इन बनियों ने मीडिया को भी बनिया की दुकान बना दिया। और अपने को भारत की आवाज कहते हैं।

    ShaiLesh TiwAri- Jagran group he baker hai……….

    ShaiLesh TiwAri- Inext b same hai

    Sudhanshu Chouhan- aap bataye kaun sa group imandar hai………….sab dalal hain……………

    Pratik Awasthi- Its not right thing to see only one side

    Pratik Awasthi- Jagran also give the lots more 2 industry

    Sudhanshu Chouhan- ‎@Pratik Awasthi; bhai sachhai to kadwi hoti hi hai………desh k sabse vishwsniya channel ki sacchai se wakif nahi ho kya………2G SPECTRUM GHOTALA……….BAKI SAB TO PATA HI HOGA……..

    Pratik Awasthi- ‎@Sudhanshu SAHI hai but we r the part of that systm

    Sudhanshu Chouhan- PHIR GHABRAKAR HUM KYON BOLE………….HAMARE BICH KUCH AISE LOG JO APNE KO JOURNALISM KA BOSS KAHTE HAI ASAL ME DALALI KARTE HAI…..PESHA HI APNA LIYE HAIN………….SADE HUE SUAR SE V BADTTAR HAIN WO LOG…………..PTA NAHI DES AUR JOURNALISM KO ISSE KAB AUR KAUN NIJAT DILAYEGA…….

    Pratik Awasthi- Print se lekar Tv tak yahi haak hai bhai

    Sudhanshu Chouhan- G HA………INKI SANKHYA V LAGATAR DENGUE K MACCHAR KI TARAH BADH RAHI HAI………….

    Deepak Upadhyaya- sab jagaha to yahi hall chal raha ha,kon kesh ke sunta ha.hindustan ma to or bora hall ha.ham log br den kat raha han…….kar be keya sakta

    Sudhanshu Chouhan- ‎@Deepak Upadhyaya ; BHAIYA AISA MAT SOCHIYE……..HUM BAHUT KUCH KAR SAKTE HAIN………AKELE YASHWANT G NE WO KAR DIKHYA JO KOI SOCH V NAHI SAKTA HAI………..उग्र पत्रकार बनिए। झुकिए मत, जितना झुकेंगे दलाल उतना ही झुकने को मजबूर करेंगे…………

    ShaiLesh TiwAri- Sudhanshu ji mai to aap ke baat sa shamat hu……..

  9. Satyender Mishra

    August 18, 2010 at 12:16 pm

    Naukri se nikale jane ke baad sab yahi baten karte hain, join karne se pehle malum nahin chalta, agar nahin malum chalta to kyon aur kaise patrakar hain, dusro ki khabar hai, lekin apne dhandhewalon ki nahin, jahan tak Rishi Nagra ki Baat hai, jis karele ki baat kar rahe hain, unhe woh apne naukri ke samay jalebi kaha karte the, khair patrakar bhai, aap iska arth jarur samjh gaye honge……

  10. abc

    August 18, 2010 at 12:47 pm

    dear c.gaurav,
    aap ne jagran ke baare me apne vichaar prakat kiye. ab jar us ” sva vitta ” sansthaan ke baare me thora prakash dale janha se aapne patrakarita ki padhai ki hai.
    ummed hai aap kripa karenge.

  11. yuva gunj

    August 18, 2010 at 2:32 pm

    sab saale bak bak kartain hain koi inke muh per khinch kaar tamacha kiyon nahi marta, tabhi inki akal thikane aayegi..
    yashwant bhai…ye log desh ke yuvao kaa khoon choose rahe hain wo din bhi door nahi jaab in jaise newspaper ke owner, editor or CGM, GM, ko journalist or reader charanpaduka ke samman se sammanit karna suru karengian…..agar inhe ishse bachna hai to sambhal jayain,,,,..or baniyagiri chodkaar media ke dayiteve ko samjhen…..

  12. GHANSHYAM S BAGHI

    August 18, 2010 at 2:35 pm

    Dear Sathi,
    Apne jagranh chhodne ka nirnhay bahut achha liya hai. mein apki himmat ki daad dunga apne bhut bada sahas kiya hai kam se kam in dalal logo ko nacked to kiya mujhe is baat ki khushi hai varna desh mein ninety nine prcentage log jillat jhel kar ghar beth jate hain. bhai apne himmet ka kam kiya hai mein apki bahaduri par khush huen aur bhaiyon ko bhi issi se sikh leni chahiye. mein bhi isi group ka kata hua ek patrakar hun jo apni jaban khol nahin paya. Thanks

  13. कुमार हिन्दुस्तानी

    August 19, 2010 at 1:33 pm

    गौरव जी.
    आपकी बहादुरी की तारीफ़ करें या फिर आपको सनकी समझें. खिअर कुछ भी हो लेकिन जो भी होता है अच्छे के लिए ही होता है. यह बात आपको अब तक पता चल ही चुकी होगी. आपके लिए एक शेर अर्ज़ करना चाहूँगा जो की आप पर बिलकुल सटीक बैठता है.

    हर अलफ़ाज़ पर गौर जरूर फरमाईएगा…….

    हालात के कदमो मी कलंदर नही गिरता, टूटे भी जो तारा जो जमी पर नही गिरता,
    यूं तो गिरते है समंदर मे बड़े शौक से दरिये, लेकिन किसी दरिये मे समंदर नही गिरता.

    आपके सफल पत्रकारिता करियर के लिए आपको शुभकामनाएं.

    http://www.funtadoo.blogspot.com

  14. Shaily

    August 22, 2010 at 2:57 pm

    Rishi Nagar, behtar patrakar aur wafadar bhi hain, jab jagran me the to apni tarakki ke liye bahut kuch kiya, ab bade patrakar hain, sabzi bhazi ki batein karne lege hain, pehle jagran ki sabzi achi lagti thi, ab too…………sahi likha hai satyender Mishra ne

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