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नए राज्यों में ईटीवी के विस्तार की योजना तैयार

जगदीश चंद्रा उत्तर भारत के सबसे प्रभावशाली इलेक्ट्रानिक मीडिया संचालक बन जाएंगे : खबर है कि ईटीवी प्रबंधन कई नए राज्यों में अपने न्यूज चैनल्स लांच करने की योजना बना रहा है. अभी तक दिल्ली-एनसीआर, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल आदि प्रदेशों के लिए ईटीवी के न्यूज चैनल्स नहीं हैं. सूत्रों के मुताबिक उत्तर भारत में ईटीवी के संचालन के सभी अधिकार हासिल कर लेने वाले जगदीश चंद्रा उत्तर भारत के जिन प्रदेशों में ईटीवी के न्यूज चैनल नहीं है, वहां भी इस चैनल को लांच कराने की रणनीति पर काम कर रहे हैं.

जगदीश चंद्रा उत्तर भारत के सबसे प्रभावशाली इलेक्ट्रानिक मीडिया संचालक बन जाएंगे : खबर है कि ईटीवी प्रबंधन कई नए राज्यों में अपने न्यूज चैनल्स लांच करने की योजना बना रहा है. अभी तक दिल्ली-एनसीआर, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल आदि प्रदेशों के लिए ईटीवी के न्यूज चैनल्स नहीं हैं. सूत्रों के मुताबिक उत्तर भारत में ईटीवी के संचालन के सभी अधिकार हासिल कर लेने वाले जगदीश चंद्रा उत्तर भारत के जिन प्रदेशों में ईटीवी के न्यूज चैनल नहीं है, वहां भी इस चैनल को लांच कराने की रणनीति पर काम कर रहे हैं.

दिल्ली में ईटीवी के हिंदी चैनल्स के नेशनल ब्यूरो को ईटीवी के बाकी चैनल्स से अलग कराकर उसकी जिम्मेदारी अजय सेतिया को दिलाने के बाद जगदीश चंद्रा का अगला कदम नए राज्यों में ईटीवी न्यूज को पहुंचाना है. सूत्रों के मुताबिक सबसे पहले हरियाणा-हिमाचल के लिए ईटीवी का न्यूज चैनल शुरू किया जाएगा. अभी तक यह तय नहीं हो सका है कि सिर्फ हरियाणा के लिए अलग न्यूज चैनल होगा या हरियाणा-हिमाचल को मिलाकर चैनल लांच किया जाएगा.

सूत्रों का कहना है कि पंजाब के लिए पंजाबी में ईटीवी न्यूज शुरू करने पर विचार चल रहा है. यह भी संभव है कि शुरू में जो एक चैनल हरियाणा के लिए लांच हो, उसमें हिमाचल व पंजाब के लिए भी अलग टाइम स्लाट रखा जाए. बाद में पंजाब के लिए अलग चैनल लांच किया जाए. सूत्रों के मुताबिक सबसे आखिर में दिल्ली-एनसीआर के लिए ईटीवी न्यूज लाने की योजना है. ईटीवी में पदस्थ वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि चैनल लांचिंग के लिए तैयारियां गुपचुप तरीके से शुरू की जा चुकी हैं. प्रबंधन की पूरी कोशिश यह है कि ईटीवी के न्यूज चैनल अब किसी

जगदीश चंद्रा : विस्तार के मंसूबे

जगदीश चंद्रा : विस्तार के मंसूबे

कीमत पर घाटे में न रहें. इसीलिए ईटीवी के चेयरमैन रामोजी राव उत्तर भारत के ईटीवी न्यूज चैनलों के संचालन के सारे अधिकार जगदीश चंद्रा को दे चुके हैं क्योंकि वे दक्षिण भारत में बैठकर उत्तर भारत के चैनलों को लाभ में ला पाने में अभी तक सफल नहीं हो सके हैं.

आईएएस की नौकरी से वीआरएस लेकर मीडिया फील्ड में आए जगदीश चंद्रा अपने ऊंचे संपर्कों के लिए जाने जाते हैं. जिस तरीके से उन्होंने पिछले कुछ वर्षों में बिहार, झारखंड, यूपी, उत्तराखंड, राजस्थान, मध्य प्रदेश आदि राज्यों में ईटीवी न्यूज का सफल संचालन किया है और पहले की तुलना में ज्यादा रेवेन्यू जनरेट किया-कराया है, उससे ईटीवी का हैदराबाद स्थित शीर्ष प्रबंधन प्रसन्न है. इसी कारण उत्तर भारत के जिन राज्यों में ईटीवी नहीं है, वहां भी चैनल लांच की अनुमति जगदीश चंद्रा को मिल गई है. जगदीश चंद्रा की राह में एक बड़ा संकट वरिष्ठ पत्रकार एनके सिंह का नेशनल ब्यूरो का हेड होना था. ईटीवी के शीर्ष मैनेजमेंट ने जगदीश चंद्रा को खेलने के लिए पूरा मैदान देने के वास्ते नेशनल ब्यूरो को दो पार्ट में बांटने की अनुमति दे दी.

इस प्रस्ताव से असहमत एनके सिंह ने ईटीवी को गुडबाय बोल दिया और उधर एनके सिंह के जाते ही जगदीश चंद्रा ने अपने विश्वस्त पत्रकार अजय सेतिया को ईटीवी के हिंदी चैनल्स के लिए नेशनल ब्यूरो का प्रमुख बना दिया. सूत्रों के मुताबिक नेशनल ब्यूरो के पूरी तरह जगदीश चंद्रा के हाथ में आ जाने से इसका फायदा जगदीश चंद्रा की कंपनी को मिलेगा और कंपनी के लिए निर्धारित ओवरआल टारगेट को हासिल करने में अच्छी-खासी मदद मिलेगी. अभी तक जगदीश चंद्रा की टीम सिर्फ राज्यों के भरोसे लक्ष्य हासिल करने की कवायद कर रही थी. अब सेंटर के भी हाथ में आने से प्रभाव ज्यादा व्यापक होगा. जिन राज्यों में ईटीवी नहीं है, वहां भी न्यूज चैनल लांच करने की कवायद शुरू कर जगदीश चंद्रा पूरे उत्तर भारत के सबसे प्रभावशाली इलेक्ट्रानिक मीडिया संचालक बनने की ओर अग्रसर हैं.

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0 Comments

  1. ETVian

    March 23, 2010 at 11:43 am

    umeed hai ki AB ETV nai Uchaiyan chhuyega aur news channelon ke kshitij mein dhruv tarein ki tarah jagmagaega..

  2. samay laal

    March 23, 2010 at 12:02 pm

    ईटीव्ही आने वाले समय में बुलंदियों को छूने जा रहा है | लेकिन उचाईयों को छूने से कोई फ़ायदा नहीं है | ईटीव्ही के कर्मचारियों की सेलरी में कोई वृद्धी नहीं की जा रही है | जिससे कर्मचारियों में ख़ासा तनाव देखने को मिल रहा है | एक तरफ तो ईटीव्ही उत्तर भारत में नए चैनल खोलने की बात कर रहा है | वन्ही दूसरी तरफ देश के सभी 2mb सेंटर को 1 मई 2010 से बंद किया जा रहा है और कर्मचारियों का ट्रांसफर हैदराबाद किया जा रहा है | नए चैनल खोलने के लिए ईटीव्ही प्रबंधन को ढेर सारी बधाइयाँ |

  3. etvians

    March 23, 2010 at 2:49 pm

    haal hi me hue etv ke presentaion se chnl ki logo me mang badti ja rahi hai. ab zaroort is baat ki hai ki managment har nagar goan kasbe main aniware roop se etv chnls ka prasaran su nischit kare. tabhi puri safalta haasil hogi aur field me kaam kar rahe reporter aur news contributers ko responce milega

  4. जीत भाटी

    March 23, 2010 at 6:26 pm

    उम्मीद की एक नयी किरण , पर शुरु वहीँ करना जो आप लोग लम्बे समय तक जरी रख सको ,
    कृपया एक्सपेरिमेंट के चक्कर में लोगो के भविष्य के साथ खिलवाड़ मत करना , ढेरो शुभकामनाये .:)

  5. k k singh

    March 24, 2010 at 8:37 am

    rajasthan mai he nahi pure utar bhart mai etv ko bulandiyo per pahuchane ka kaam kiya hai kaatil sahab ne

  6. raju

    March 24, 2010 at 8:37 am

    all is well .but etv is not going to do different form other channel because without money there is nothing

  7. etv ka sevak

    March 25, 2010 at 3:30 pm

    ETV me immediately salary bhadana behad zaruri hai… H.B.C, TV 24, RELIANCE and other regional news channel rajasthan me aa rahe hain.. arthik mandi ka daur bhi khatam ho gaya.. purane manjhe hue Empyoyee ko kahin company kho na de… andar ki baat baahar na jaye yahi achcha hai…

  8. sandeep

    March 26, 2010 at 6:57 am

    Congratulation for expansion of ETV. This Channel is most watch able all over India. And public likes is very much as the nearest one. Congratulation again Mr Jagdish Chandra.
    sandeep sinha ,journalist.
    9818317275

  9. pramod in rishikesh

    March 26, 2010 at 7:27 am

    etv apne kadam aage bada raha hai acha laga lekin apne workaron ke bare me bhi to socho laxmi ke pujariyon

  10. vijay malhotra

    March 27, 2010 at 8:34 am

    etv punjab aane se logo ko khasi khushi hogi , yeh etv network ka ek saharanieye kadam hai joki apne network ka vistaar uttar bharat mein bhi kar rahe hain .. meri etv network ko hardik shubhkamnaye.. and best of luck to jagdish chandra….

  11. nakul

    March 27, 2010 at 8:54 am

    etv walo ka jawab nahi hai election ke waqt yeh log meetings karte hai wahan us state ke stringers ko ikatha karte hai wahan unse kaam lete hai aur unke kaam ka paisa bhi dete hai lakin baad mein next election mein ek nayi team banate hai aur purane logo ko dhakka mar dete hai.

  12. Rahul

    March 29, 2010 at 11:28 am

    ETV regional sector me very powerfull media hai inake khabaro me sachchai hoti hai…. chandra sahab badhai ke patra hai jinhone channel ko aage badhane ki bharpur koshish ki hai, aaj etv me salary sabase importatnt factor hai jis tarah se employees me salary ko lekar asantosh hai etv ko turant employees ke capability ke hisab se other channel ke comparision me salary hike deni padegi jabhi channel aur aage ki rah dekh sakega

  13. X ETvian

    March 29, 2010 at 4:07 pm

    ई टीवी को मै न्यूज की दुनिया की एक ऐसी महाशक्ति मानता हूं जो घुटनों के बल बैठी है। प्रदेशिक प्रसारण में ई टीवी एक बड़ा चैनल है…अगर ये चाहे तो बड़े बड़े नेशनल चैनलों को पानी पिला दे…लेकिन जबतक चैनल में उंचे पदों पर गैर पेशेवर और अनुभवहीन लोग रहेंगे…जब तक इस चैनल में अनुभव को इज्जत नहीं दी जाएगी….जब तक इस चैनल में कर्मचारियों को सम्मान नहीं दिया जाएगा…तब कुछ बड़ा लक्ष्य हासिल करना मुश्किल लगता है। अरे यार कम से कम इन्क्रीमेंट तो ऐसी लगाओ जो घरवालों को बता सकें..यार दोस्तों तक बताने में शर्म आती है

  14. kumar jai

    March 31, 2010 at 2:42 pm

    आगे बढ़ना बहुत ही अच्छी बात है लेकिन अब तक ये देखा गया है की जितना बड़ा नेटवर्क उतना ठंडा काम , e tv का सिस्टम इतना बड़ा है की वो बड़े बड़े टी आर पि के सोदागर महारथी चेनलों पर भारी पड़ सकता है | मुझे लगता है की ये समय e tv का सुन्हेरा भविष्य ले कर आएगा , लेकिन सिस्टम को चलाने वालों को एक बात समज लेनी होगी की कभी एक्सपेरिमेंट के चक्र मे लोगो के भविष्य से खिलवाड़ न हो | आज की मीडिया का सवरूप देख कर मुझे गुसा आता है जो पूरी तरह से बजारवाद मे रंग गया है अगर आप के पास पैसा है तो सब चुप हो जाते है,—– जैसे कुछ कंपनिया एड के रूप मे चेनलो को पैसे दे कर उन्हें खरीद लेती है उन के खिलाफ कोई negative स्टोरी नहीं चल सकती इस जमात मे वो धुरंदर भी है जो अपने आप को नम्बर वन बता कर ढीन्डोरा पिटते है , कोई गरीब मरता है तो उस को पूछने वाला कोई नहीं होता, उस समय ये पुछा जाता है की प्रोफाइल क्या है, गरीब है छोड़ दो यार …….. और कुछ लोगो को ये तक बताया जाता है की सेफ अली खान ने न्या रुमाल खरीद लिया ये हालत है मीडिया की , सब कुछ बजारू , टीवी स्क्रीन पे तो लोगो को खूब पाठ पढाए जाते है जब खुद पर वो बात आती है तो वो सब कुछ गायब , खबरों की आपा धापी मे कितनी ही गलत खबरे चलती है ये हाल धुरधर महारथियों का है, और सब से बड़ी बात लोगो को रौशनी दिखाने के दम भरने वाले खुद ही करवा रहे है गलत काम , आज कल चेनलों मे stringer रखने का चलन जोरो पर है जिन को खूब यूज कर रहे है चैनल वाले , काम तो इन से खूब लिया जाता है मन मर्जी , जरूरत हुई तो फटकार भी दो , लेकिन इन लोगो को मेहनत नामा देने मे आना कानी करते है चेंनल, जिस के चलते एक नई प्रथा सुरु हो गई है उगाई की, जिस की फसल जम के काट रहे है लोग , हालत इतने खराब हो रहे है की मीडिया वालों की जो इज्जत हुआ करती थी उस पर ग्रहण लग गया है, इस मे गलती उन लोगो की है जो किसी भी ऐरे – गेरे को आई डी थमा कर बना देते है पत्रकार , काम तो करवाते है stringer से पूरा लेकिन उसे पैसे नहीं देते भेजी गई स्टोरियों के , देते है तो काट पिट कर आखिरकार मे ये ही कहूँगा की ऐसे कदम e टीवी ना उठाए जो उस हवा के झोको की तरह हो जिस का वजूद कुछ समय के लिए हो , बहुत बहुत शुभकामनाए नई पारी के लिए |

    [b][/b][b][/b]

  15. manish kumar

    April 1, 2010 at 8:16 am

    main chahta hu ki agra ki office band na ki jaye .otherwise etv k liye ye bahut insulting hoga.

  16. vikram singh

    April 3, 2010 at 3:53 am

    ETV management kam paise me jada kaam lene main mahir raha hai, Etv network ka expantion isi ka natija hai. Expantion se pahele channel ke kai Centers band kar diye gaye hain, Employees ko bhe hataya jaa raha hai.

  17. rana singh

    April 3, 2010 at 5:16 am

    baat theek hai ki bistar ho lekin paisa kamane ke sath karmchariyon ka bhi khyal rakha jaye.

  18. vijay

    June 1, 2010 at 7:48 pm

    दोस्ते इटीवी वाकई नम्बर वन हैं लेकिन चमचों और चापलूसों ने इस चेनल को कहां पहुंचा दिया कोई सोच भी नहीं सकता। वो दिन ज्यादा दूर नहीं जब ईटीवी में महज चमचे ही रह जाएगें। राजस्थान में अन्दर जो बगावत चल रही हैं ुसके आगे किसी कातिल का बस नहीं चलने वाला।

  19. Dheeraj Singh, Dehraun,Uttarakhand

    July 19, 2010 at 10:04 am

    Thanks to Mr.Chandra.
    Kaafi suna hai aapke baare main aaj pad bhi liyan.Aapse ek baar milne ki tamanna hai.Ummmeed hai, jald poori hogi.
    Mera naam bahut jald aapke kaano mai sun ne ko milega.

    Thanks & Regards

    Dheeraj Singh
    Marketing Head

  20. राजकुमार साहू, जांजगीर, छत्तीसगढ़

    November 28, 2010 at 10:05 am

    पहले ईटीवी जहां चल रहा है, वहां टीआरपी बढ़ाने की जुगत भिड़ाई जाए, क्योंकि मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ में तो आज की स्थिति में अन्य चैनलों के मुकाबले ईटीवी कमजोर ही नजर आता है। ईटीवी, उस दौरान मैदान मारता रहा, जब तक कोई और चैनल नहीं था। आज हालात बदल गए हैं। हालांकि अन्य चैनलों में जो शोषण स्ट्रींगरों का होता है, वह ईटीवी में नहीं है। यही इस चैनल का ठीक लगता है। थोड़ी-बहुत खामियां तो सभी जगह मिल जाती हैं।

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