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आयोजन

पटना में फ़ैज जन्मशताब्दी समारोह आयोजित

बिहार प्रगतिशील लेखक संघ के तत्वावधान में माध्यमिक शिक्षक संघ, पटना के सभागार में फ़ैज अहमद फ़ैज की जन्मशती समारोह  का आयोजन किया गया। समारोह की अध्यक्षता डा. इम्तियाज अहमद, निदेशक खुदाबख्श आरियंटल उर्दू लाइब्रेरी, पटना ने की। मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार शकील सिद्दिकी, लखनऊ के साथ-साथ प्रलेस के राष्ट्रीय उपमहासचिव डा. अली जावेद थे। कार्यक्रम का संचालन युवा कवि शहंशाह आलम ने किया।

चित्र में बायें से - अरविन्द श्रीवास्तव, शहंशाह आलम, राजेन्द्र राजन, डा. इम्तियाज अहमद, डा. खगेन्द्र ठाकुर, डा. अली जावेद, शकीलसिद्दिकी, अरुण कमल, कर्मेन्दु शिशिर, डा. व्रज कुमार पाण्डेय

बिहार प्रगतिशील लेखक संघ के तत्वावधान में माध्यमिक शिक्षक संघ, पटना के सभागार में फ़ैज अहमद फ़ैज की जन्मशती समारोह  का आयोजन किया गया। समारोह की अध्यक्षता डा. इम्तियाज अहमद, निदेशक खुदाबख्श आरियंटल उर्दू लाइब्रेरी, पटना ने की। मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार शकील सिद्दिकी, लखनऊ के साथ-साथ प्रलेस के राष्ट्रीय उपमहासचिव डा. अली जावेद थे। कार्यक्रम का संचालन युवा कवि शहंशाह आलम ने किया।

कहा जाता है कि गालिब के बाद उर्दू का सबसे बड़ा लोकप्रिय शायर फैज़ हैं। इतनी लोकप्रियता उन्हें उनकी शायरी के कारण मिली। जुल्म, अन्याय, बर्बरता एवं शोषण के विरुद्ध समर्पित होकर लिखने वाले फ़ैज़ को इस कारण से सितम कम नहीं उठानी पड़ी। जेल जाना पड़ा। फांसी के फंदे उनके लिए पाकिस्तान हुकूमत ने तैयार कराई थी। तब भी समाज और दुनिया को बदलने की लड़ाई वह अपनी कलम और जेहन से लड़ते रहे। तभी तो लिखा –

चित्र में बायें से - अरविन्द श्रीवास्तव, शहंशाह आलम, राजेन्द्र राजन, डा. इम्तियाज अहमद, डा. खगेन्द्र ठाकुर, डा. अली जावेद, शकीलसिद्दिकी, अरुण कमल, कर्मेन्दु शिशिर, डा. व्रज कुमार पाण्डेय

चित्र में बायें से – अरविन्द श्रीवास्तव, शहंशाह आलम, राजेन्द्र राजन, डा. इम्तियाज अहमद, डा. खगेन्द्र ठाकुर, डा. अली जावेद, शकीलसिद्दिकी, अरुण कमल, कर्मेन्दु शिशिर, डा. व्रज कुमार पाण्डेय

‘बोल, कि थोड़ा वक्त बहुत है
जिस्म-ओ जबाँ की मौत के पहले
बोल, कि सच जिन्दा है अबतक
बोल, जो कुछ कहना है कह ले।’

और

‘हम महकूमों के पाँव तले
जब धरती धड़-धड़ धड़केगी…..
….सब ताज उछाले जायेंगे
सब तख्त गिराये जायेंगे।’

फ़ैज ने प्रगतिशील कविता के साथ-साथ प्रगतिशील आन्दोलन को व्यापकतम अर्थ दिए। फ़ैज के साहित्यिक योगदान को देखते हुए बिहार प्रगतिशील लेखक संघ ने फ़ैज़ का जन्मशताब्दी समारोह मनाने का निर्णय लिया। इस अवसर पर बिहार प्रलेस के महासचिव राजेन्द्र राजन, चर्चित कवि अरुण कमल, वरिष्ठ आलोचक डा. खगेन्द्र ठाकुर, डा. व्रज कुमार पाण्डेय आदि ने अपने महत्वपूर्ण विचार उपस्थित श्रोताओं के समक्ष रखे। समारोह में कर्मेन्दु शिशिर, डा. संतोष दीक्षित, अनीश अंकुर, डा. रामलोचन सिंह, वद्रीनारायण लाल, डा. विजय प्रकाश, परमानन्द राम एवं अरविन्द श्रीवास्तव आदि की उपस्थिति रही।

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0 Comments

  1. संपादक

    August 29, 2010 at 10:51 am

    रोचक जानकारी के लिए आभार… शुभकामनाएं..!

  2. संपादक

    August 29, 2010 at 11:13 am

    रोचक जानकारी के लिए आभार…. शुभकामनएं !

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