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अमर उजाला, अलीगढ़ के संपादक गीतेश्वर बनेंगे ‘हिंदुस्तानी’

[caption id="attachment_16942" align="alignleft"]गीतेश्वरगीतेश्वर[/caption]शशि शेखर ने फिर दिया अमर उजाला को झटका : अमर उजाला, अलीगढ़ के संपादक गीतेश्वर के बारे में सूचना आ रही है कि उन्होंने अमर उजाला प्रबंधन को इस्तीफे का नोटिस भेज दिया है. साढ़े तीन वर्षों से अलीगढ़ में अमर उजाला के संपादकीय विभाग को हेड कर रहे गीतेश्वर ने इस्तीफा क्यों दिया है, इसके बारे में स्पष्ट तौर पर कुछ पता नहीं चल पाया है लेकिन सूत्रों का कहना है कि गीतेश्वर भी ‘हिंदुस्तानी’ बनने जा रहे हैं. मतलब, वे शशि शेखर की टीम के हिस्से बनेंगे. गीतेश्वर को अमर उजाला, अलीगढ़ के संपादक की कुर्सी भी शशि शेखर के राज में ही मिली थी.

गीतेश्वर

गीतेश्वरशशि शेखर ने फिर दिया अमर उजाला को झटका : अमर उजाला, अलीगढ़ के संपादक गीतेश्वर के बारे में सूचना आ रही है कि उन्होंने अमर उजाला प्रबंधन को इस्तीफे का नोटिस भेज दिया है. साढ़े तीन वर्षों से अलीगढ़ में अमर उजाला के संपादकीय विभाग को हेड कर रहे गीतेश्वर ने इस्तीफा क्यों दिया है, इसके बारे में स्पष्ट तौर पर कुछ पता नहीं चल पाया है लेकिन सूत्रों का कहना है कि गीतेश्वर भी ‘हिंदुस्तानी’ बनने जा रहे हैं. मतलब, वे शशि शेखर की टीम के हिस्से बनेंगे. गीतेश्वर को अमर उजाला, अलीगढ़ के संपादक की कुर्सी भी शशि शेखर के राज में ही मिली थी.

सूत्रों के मुताबिक सीनियर न्यूज एडिटर के रूप में कार्यरत गीतेश्वर हिंदुस्तान में स्थानीय संपादक के पद पर जा रहे हैं. पिछले 15 वर्षों से हिंदी पत्रकारिता में सक्रिय गीतेश्वर कई शहर और कई अखबारों में विभिन्न पदों पर काम कर चुके हैं. वे अमर उजाला में दूसरी पारी खेलने के बाद हिंदुस्तान जा रहे हैं. पहली पारी के दौरान उन्होंने अमर उजाला, वाराणसी और जालंधर में करीब साढ़े तीन साल गुजारे. वे दैनिक जागरण, नोएडा और लुधियाना में भी काम कर चुके हैं. पूर्वांचल विश्विद्यालय और इलाहाबाद विश्वविद्यालय से पढ़े-लिखे गीतेश ने अलीगढ़ में अपने कार्यकाल के दौरान अमर उजाला को नंबर वन बनाया.

अगर गीतेश्वर के हिंदुस्तान जाने की बात सच है तो कहा जा सकता है कि शशि शेखर अमर उजाला को झटके पर झटका देते जा रहे हैं. अमर उजाला में अपने कार्यकाल के दौरान शशि शेखर ने जो टीम खड़ी की, उस टीम के लीडरों को एक-एक कर ‘हिंदुस्तान’ ज्वाइन कराते जा रहे हैं. देखना है कि गीतेश्वर के बाद अमर उजाला का कौन संपादक हिंदुस्तान की ओर कदम बढ़ाता है.

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0 Comments

  1. jitendra srivastava

    February 16, 2010 at 10:16 am

    Bhaisahab badhai.

  2. डॉ.अभिज्ञात

    February 16, 2010 at 5:22 pm

    समाचार जानकर हार्दिक प्रसन्नता हुई। गीतेश्वर जी आपको बधाई।

  3. mukesh

    February 16, 2010 at 11:39 pm

    hindustani bhaiyon ko badhai ho. tea peena chhor dein. chhutti bhul hi jayei. khane ki to shochna hi band ker dein. ye meri salah nahi hai. giteswar ji yese hi logo ko pasand karte hain. yaswantji prachar karne main aapne dosti khoob nibhai hai.

  4. vivek varshney

    February 17, 2010 at 10:08 am

    Best of luck for their future assignments. :):)

  5. Manoj Sharma

    February 17, 2010 at 1:16 pm

    My hearty congratulations for future ahead.

    Thanks & regards

  6. Manoj Sharma

    February 17, 2010 at 1:22 pm

    Dear Sir,
    My hearty best wishes for your next inning, Congratulations.
    Best regards
    MANOJ SHARMA

  7. somendra "yk"

    February 17, 2010 at 1:45 pm

    best of luck may god grand you all the successes in life

  8. राजकुमार

    February 17, 2010 at 2:15 pm

    भड़ास में गितेश्वर जी के अमर-उजाला,अलीगढ़ छोड़ने की खबर छपने पर वहां के लोग घी के दिए जला रहे हैं. कनिष्ट से लेकर वरिष्ठ तक सभी लोग भगवान का शुक्रिया अदा कर रहे हैं. हालांकि इसकी लौ थोड़ी मध्यम है क्योंकि दो-तीन लोग हमेशा की तरह अपने हिस्से का घी गितेश जी को लगाने में व्यस्त हैं. फिर भी कह सकते हैं कि एडिटोरियल से लेकर विज्ञापन विभाग तक के लोग खुश हैं. गितेश जी काफी सज्जन पुरुष हैं. अपनी प्रगति का पूरा ख्याल रखते हैं. बस अपने साथियों की प्रगति नहीं देख सकते. कोई इनके रहते अमर-उजाला छोड़कर अच्छी जगह पर गया तो पूरे अलीगढ़ में ढ़ोल पीट दिया कि निकाल दिया है. यहां तक कि गेट पर दरबान से कह देते कि उसे अंदर मत आने देना. वेदरतन शुक्ल इसके उदाहरण हैं जो काफी अच्छे पद और पैसे पर स्टार न्यूज में गए थे.
    वैसे हिंदुस्तान में गितेश जा रहे हैं वहां के लोग सतर्क हो जाएं. कुछ सुझाव आमंत्रित हैं–1.अपने बाल-बच्चों को भूल जाएं. अकेले हैं तो घर जाने का ख्याल छोड़ दें.
    2.रिपोर्टर शाम को आफिस में आने से पहले चाय पी लें.
    3. डेस्क वाले तो चाय घर से लेकर आएं तभी उनका भला है.
    4. काम से अधिक कुछ ‘खास बातों’ पर ध्यान दें.
    5. डेस्क और रिपोर्टिंग इंचार्ज सतर्क रहें. वो कभी भी बदले जा सकते हैं.

  9. sachin

    February 17, 2010 at 3:32 pm

    mukeshji, kyon kaleja jala rahe hain. aapaki tippani se kachche chamare ke jalane ki badboo aa rahi hai. kisi safalata ke peechhe ka tyag bhi dekhane seekhiye,
    thank u

  10. Mahabir Seth

    February 17, 2010 at 5:06 pm

    hahhahahhahahahhahhhhhhhahahahhaha
    Rajkumar ke Lekh se hansi aa gyai. sorryyyy

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