भड़ास4मीडिया ने पिछले दिनों जिन दो मुद्दों को उठाया, उस पर कार्रवाई की शुरुआत हो चुकी है। पहला मामला दैनिक जागरण के सोनभद्र ब्यूरो का है जहां रिपोर्टर ने अपने ब्यूरो चीफ पर अवैध खनन कराने का आरोप लगाया था। दूसरा मामला उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले का है जहां नशे में धुत एक सिपाही को एक स्ट्रिंगर ने खबर बनाने के लिए रिक्शे वाले से पिटवाया। सोनभद्र वाले मामले में प्रबंधन ने ब्यूरो चीफ को निलंबति कर दिया है। फिरोजाबाद वाले मामले में आरोपी स्ट्रिंगर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। नशे में धुत सिपाही को भी सस्पेंड कर दिया गया है। अब बात करते हैं विस्तार से। पहले सोनभद्र प्रकरण। ब्यूरो चीफ और रिपोर्टर के बीच जंग को भड़ास4मीडिया ने जब प्रमुखता से उठाया तो अखबार की छवि खराब होते देख दैनिक जागरण, वाराणसी के प्रबंधन ने इस प्रकरण में अपने स्तर से हस्तक्षेप किया है।
वाराणसी से सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक जागरण प्रबंधन ने सोनभद्र के ब्यूरो चीफ चंद्रकांत पांडेय को निलंबित कर दिया है और मामले की गंभीरता को देखते हुए आंतरिक जांच के आदेश दिए हैं। सोनभद्र के नए ब्यूरो चीफ के रूप में वाराणसी संस्करण के लोकल डेस्क इंचार्ज हिमांशु उपाध्याय को भेजा गया है। सूत्रों के मुताबिक जागरण प्रबंधन चाहता है कि ब्यूरो चीफ पर जागरण के ही पूर्व रिपोर्टर व एक व्यवसायी द्वारा अवैध खनन के आरोप लगाए जाने की सच्चाई हर हाल में सामने आए ताकि अखबार की छवि को दागदार होने से बचाया जा सके। प्रबंधन द्वारा नियुक्त की गई जांच समिति सोनभद्र के अधिकारियों, व्यवसायियों व पत्रकारों से संपर्क कर आरोपों में सच-झूठ के मात्रा की पड़ताल कर रही है। बताया जा रहा है कि अगर आरोप सच पाए गए तो चंद्रकांत को बर्खास्त भी किया जा सकता है। वैसे, यह भी कहा जा रहा है कि प्रबंधन के लोग चंद्रकांत को बचाने के मूड में हैं क्योंकि चंद्रकांत वरिष्ठों के निर्देश पर ही काम करते थे। संभव है कि जांच की खानापूरी के बाद आरोपों को गलत बता चंद्रकांत को फिर से सोनभद्र या वाराणसी में ज्वाइन करा दिया जाए।
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अब चलते हैं फिरोजाबाद। यहां रिक्शे वाले को उकसाकर नशे में धुत पुलिस वाले को पिटवाने के मामले में आरोपी स्ट्रिंगर कृष्ण कुमार पोरवाल के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। मुकदमा फिरोजाबाद के उत्तर थाने में आईपीसी की कई धाराओं में दर्ज किया गया है। यह जानकारी फिरोजाबाद के पुलिस अधीक्षक रघुवीर लाल ने दी। उत्तर थाने के एसएचओ आरएस राना ने बताया कि पोरवाल के खिलाफ आईपीसी की धारा 332, 323, 504, 506 और 109 के तहत रिपोर्ट दर्ज कराया गया है। ये धाराएं सरकारी कर्मचारी पर हाथ उठाने, घेराबंदी कराने, भीड़ को उकसाने आदि से संबंधित हैं। सूत्रों का कहना है कि ये सभी धाराएं जमानती हैं।
उधर, नशे में धुत सिपाही विजय के बारे में पता चला है कि फिरोजाबाद पुलिस ने विजय का मेडिकल कराकर जो रिपोर्ट लखनऊ भेजी है, उसके आधार पर लखनऊ के पुलिस अधिकारियों ने उसे सस्पेंड कर दिया है। पुलिस कर्मी विजय पर पुलिस एक्ट की धारा 34 के उल्लंघन का आरोप लगा है। इस धारा में वर्दी धारण कर दारू पीने को गलत माना गया है। यह सिपाही मूलतः हाथरस का रहने वाला है और उस दिन बस से जा रहा था। सूत्रों का कहना है कि जिले में पत्रकारों के दो गुट हैं जो आपस में एक दूसरे के प्रबल विरोधी हैं। ये गुट एक दूसरे को नष्ट करने पर तुला रहता है और कोई भी मामला-मसाला मिलते ही एक दूसरे के खिलाफ सक्रिय हो जाते हैं। पोरवाल को विरोधी गुट ने बलि का बकरा बनाया है, ऐसा कहा जा रहा है। उधर, जिले के पुलिस अधिकारियों का कहना है कि वे पत्रकारों की इज्जत करते हैं, मान-सम्मान देते हैं लेकिन वे मुश्किल में फंसे हमारे ही आदमी को रिक्शेवाले से पिटवाएंगे तो कैसे निभेगी? इसी कारण पुलिस-प्रशासन ने पोरवाल को सबक सिखाने का मन बनाया है।