इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के घालमेल को लेकर केंद्र सरकार अब जाग चुकी है. लीग के क्रियाकलापों को लेकर जांच कार्रवाई शुरू हो चुकी है. वित्त मंत्रालय ने जांच का काम शुरू करा दिया है.
छापे मारे जा रहे हैं. टीमों की खरीद-बिक्री की प्रक्रिया से लेकर पैसों के लेनदेन, टैक्स चोरी और मैच फिक्सिंग के आरोपों तक की जांच हो रही है. ललित मोदी के लिए बचाव का कोई रास्ता नहीं दिखता. आज भले अखबार से लेकर न्यूज चैनल तक आईपीएल और मोदी के खिलाफ बढ़-चढ़कर लिख बोल रहे हों, लेकिन सच तो यही है कि थोड़े दिनों पहले तक यही मीडिया मोदी के गुण गाते नहीं थकती थी.
आईपीएल के मैच फुटेज और कवरेज को लेकर मीडिया की मोदी के साथ तकरार भी हुई, लेकिन क्रिकेट बिकता है और सबको मोदी के सामने झुकना पड़ा. ‘चौथी दुनिया’ वीकली अखबार ने सबसे पहले आईपीएल और मोदी के काले कारनामों को जनता के सामने पेश किया. 5-11 अप्रैल वाले अंक में चौथी दुनिया ने आईपीएल में पैसों के खेल और मैच फिक्सिंग को लेकर कवर स्टोरी छापी थी. इस लेख में किसी का नाम नहीं छापा गया था.
अखबार में इस खबर की फॉलोअप स्टोरी भी होनी थी और सभी नामों का खुलासा किया जाना था कि इस खबर ने ऐसी चिंगारी का काम किया कि पूरा आईपीएल ही विवाद के घेरे में आ गया. इस मामले ने ऐसा तूल पकड़ा कि मनमोहन सरकार को थरूर की बलि देनी पड़ी और अब अगला नंबर ललित मोदी का है.
आईपीएल बोले तो इंडियन फिक्सिंग लीग शीर्षक से भड़ास4मीडिया पर पहले भी एक खबर का प्रकाशन हो चुका है जिसमें बताया गया है कि किस तरह चौथी दुनिया ने अपनी लीड खबर में आईपीएल की गड़बड़ियों को उठाने का साहस दिखाया है. उस खबर को आप इस शीर्षक पर क्लिक करके पढ़ सकते हैं- ”आईपीएल बोले तो इंडियन फिक्सिंग लीग”
kumar
April 22, 2010 at 3:53 pm
dulhan vahi jo piya ban bhaye
khabar vahi jo pathak man bhaye
lag na lapet na chamchagiri bas hakikat bina makhan lagaye
ashutosh bajpai
April 23, 2010 at 9:08 am
acchi story hai likhne wale ko badhi
ashutosh