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दुख-दर्द

इस साल सबसे ज्यादा अमेरिकी पत्रकार मारे गए

: आठ महीनों में 52 पत्रकार मारे जा चुके : पत्रकारों के लिए सबसे खतरनाक जगह है मेक्सिको : दुनिया भर में प्रेस की स्वतंत्रता की निगरानी करने वाली संस्था अंतरराष्ट्रीय मीडिया संस्थान (आईपीआई) ने वियना में कहा कि इस वर्ष अगस्त तक 52 पत्रकारों को अपने काम के दौरान जान से हाथ धोना पड़ा. आईपीआई के मुताबिक मैक्सिको में 10, हांडुरस में नौ और पाकिस्तान में छह पत्रकारों की मौत हुई.

<p style="text-align: justify;">: <strong>आठ महीनों में 52 पत्रकार मारे जा चुके : पत्रकारों के लिए सबसे खतरनाक जगह है मेक्सिको </strong>: दुनिया भर में प्रेस की स्वतंत्रता की निगरानी करने वाली संस्था अंतरराष्ट्रीय मीडिया संस्थान (आईपीआई) ने वियना में कहा कि इस वर्ष अगस्त तक 52 पत्रकारों को अपने काम के दौरान जान से हाथ धोना पड़ा. आईपीआई के मुताबिक मैक्सिको में 10, हांडुरस में नौ और पाकिस्तान में छह पत्रकारों की मौत हुई.

: आठ महीनों में 52 पत्रकार मारे जा चुके : पत्रकारों के लिए सबसे खतरनाक जगह है मेक्सिको : दुनिया भर में प्रेस की स्वतंत्रता की निगरानी करने वाली संस्था अंतरराष्ट्रीय मीडिया संस्थान (आईपीआई) ने वियना में कहा कि इस वर्ष अगस्त तक 52 पत्रकारों को अपने काम के दौरान जान से हाथ धोना पड़ा. आईपीआई के मुताबिक मैक्सिको में 10, हांडुरस में नौ और पाकिस्तान में छह पत्रकारों की मौत हुई.

इंस्टीट्यूट के अंतरिम निदेशक एलिसन बेथल मैकेंजी ने आईपीआई की बैठक में कहा कि पत्रकार संघर्ष, आतंकवादियों, धन लेकर हत्या करने वाले हत्यारों, मादक पदार्थ तस्करों, भ्रष्ट सुरक्षा अधिकारियों और अन्य के हाथों मारे गए. ये पत्रकार या तो कार्य के दौरान मारे गए या उन्हें उनकी रिपोर्ट को लेकर निशाना बनाया गया.

अंतरिम निदेशक एलिसन बेथल मैकेन्जी ने कहा, “पत्रकारों के लिए विश्व में सबसे खतरनाक जगह मेक्सिको है. वर्ष 2010 के पहले आठ महीनों के भीतर ही 52 पत्रकारों की उनके कार्य की वजह से हत्या हो चुकी है, जो पिछले साल आठ महीने में होने वाली हत्याओं से केवल चार कम है, लेकिन 52 का आंकड़ा भी बहुत होता है.”

आईपीआई वर्ल्ड कांग्रेस की 60वीं वर्षगांठ के दोरान मैकेन्जी ने कहा, “वर्ष 2010 के पहले आठ महीनों के भीतर अमेरिका के सबसे अधिक 20 मीडियाकर्मियों की हत्या हुई. मेक्सिको वर्तमान में मीडियाकर्मियों के लिए सबसे खतरनाक जगह है क्योंकि वहां जनवरी से अब तक 10 पत्रकारों की हत्या हो चुकी है.” उन्होंने कहा, “पिछले साल कुल 110 मीडियाकर्मियों को अपनी ड्यूटी की वजह से अपनी जान गंवानी पड़ी थी. इस वर्ष भी हम उसी आंकड़े की तरफ बढ़ रहे हैं.” गौरतलब है कि आईपीआई इस वर्ष अपनी 60 वीं वर्षगांठ मना रही है. इस दौरान यहां हुए सम्मेलन में 60 देशों के 360 से अधिक पत्रकार और मीडिया विशेषज्ञ शामिल हुए.

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0 Comments

  1. .xyz.

    September 16, 2010 at 10:58 am

    In mein se koi Indian bhi tha ? Shaayad nahi ! Kyonki India ke news channel , Delhi mein hi baith kar Washington, Iraq, Iran , Talibaan sahit kai international news bayan to kar hi dete hain saath mein PTC kuch is kadar dete hain, maano Field mein Jaakar Reporting kar rahe hon ? Ye CHAMATKAAR foreign ke News Channels nahi jaate , Lihaaza unhe Field mein jaakar Reporting karni hi padati hai !

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