मौर्य टीवी की लांचिंग पर मुझे भी पटना बुलाया गया. न्योता कुबूल किया. जहाज से मुफ्त में उड़ने का प्रस्ताव हो और प्रस्तावित प्रोग्राम में कैलाश खेर जैसे मस्त व महान गायक को सुनने का मौका मिल रहा हो तो मेरे जैसा देहाती क्या, अच्छे से अच्छा शहरी भी इस लोभ को त्याग नहीं सकता. सो, मैं परसों दोपहर जहाज से फुर्र से उड़कर सवा घंटे में पटना पहुंच गया. पटना मैं कभी नहीं गया था. बिहार के बार्डर पर अपना गृह जिला गाजीपुर होने के बावजूद बिहार दर्शन का कभी सौभाग्य नहीं मिला था. पटना हवाई अड्डे पर उतरकर गेट से बाहर निकल रहा था तो जिंदाबादा के ढेर सारे नारे को मुंह में लिए ढेर सारे कंधे और हाथ लहराते दिख रहे थे. कुछ नेताजी लोग गर्वित भाव से खिसक-खिसक कर बाहर की ओर सरक रहे थे. उनके पीछे मैं भी मजबूरन रेंग रहा था क्योंकि गेट नेतागिरी वाली भीड़ से लबालब था. बाहर निकल कर देखा कि माल्यार्पण और भाषणबाजी के हल्के दौर के बाद नेताजी को मीडिया ने घेर लिया. मुझसे रहा न गया. मैंने भी मोबाइल को वीडियो आन किया और लगा रिकार्डिंग करने. लाख धंधेबाज होने के बावजूद अंदर का पत्रकार मरा नहीं है, ऐसा मुझे प्रतीत-आभास-महसूस होता है 🙂
सो, वीडियो बनाता रहा. नेताजी की बड़ी बड़ी बातें, कैमरे, पत्रकार, लाठी, कार्यकर्ता, प्रेस, भड़भड़… सब दिख जाएगा इसमें. इसे देखिए, और इंतजार कीजिए आगे के अनुभवों को जानने-पढ़ने-देखने के लिए…. मोबाइल वीडियो की खराब क्वालिटी के लिए पहले से ही माफी मांग रहा हूं. – यशवंत
रंजीत कुमार
February 4, 2010 at 7:44 am
लगता है आपको भी असली नेतागिरी दिख ही गया। देखकर दिल को सुकून पहुंचा कि अब भी लाठी की राजनीति अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज करा रहा है। फिल्मी पर्दे पर राजनीति का दंभ भरने वाले तो बिहार के मैदान में चारों खाने चित्त हो गए । (इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के अंदाज़ में) अब देखना है कि टीवी की लड़ाई प्रकाश बाबू जीत पाते हैं या नहीं। [b][/b]
bijay
February 4, 2010 at 2:42 pm
intro padh ke maja aa gaya