इस अवसर पर उत्तर प्रदेश मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति के सचिव योगेश मिश्र सहित बड़ी संख्या में पत्रकार व फोटोग्राफर मौजूद थे. उत्तर प्रदेश मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति के सदस्यों ने रेडियो तेहरान से जुड़े संवाददाता यशा रिज़वी और तहलका पत्रिका से जुड़े फोटोग्राफर मयंक सक्सेना के असामयिक निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया. उपाध्यक्ष मुदित माथुर, बी.बी.सी. के संवाददाता रामदत्त त्रिपाठी, पायनियर के विशेष संवाददाता राज बहादुर सिंह ने समिति की ओर से दोनों के परिवारजनों से मिल कर शोक संवेदना व्यक्त की और उनसे हर सम्भव सहायता की पेशकश की.
ज्ञातव्य है कि श्री यशा रिज़वी बहुत संवेदनशील पत्रकार थे और परसों उन्हें पक्षाघात के बाद ट्रामा सेण्टर में भर्ती कराया गया था जहाँ से बिना समुचित उपचार किए ही उन्हें गाँधी वार्ड भेज दिया गया था. श्री रिज़वी को विवेकानन्द पॉलीक्निक ले जाया गया तब तक बहुत देर हो चुकी थी और उन्हें नहीं बचाया जा सका. आज तालकटोरा स्थित कब्रिस्तान में उन्हें दफनाया गया जहाँ बड़ी संख्या में पत्रकार व फोटोग्राफर मौजूद थे. समिति ने प्रदेश सरकार से इन दोनों परिवारों को समुचित आर्थिक सहायता देने की अपील की है.
Akhilesh Singh(Lko), Noida
March 12, 2010 at 4:30 am
mayank aur rizbi ke nidhan pr mai dukhi hu, mayank aur rizbi ki aatma ki shanti ke liye bhagwan aur allah se gujarish karu ga ki unhe shanti de,aur unke pariwar ko vo shakti mile ki achank aaye es dukh ko sahan kar sake,
sanjogwalter
March 11, 2010 at 11:07 am
वो अपने कई साथीयों को वो गम दे गये जिसकी भरपाई कभी नहीं हो सकेगी,अलविदा दोस्त.” है अपना दिल तो आवारा ” यह अब सुनने को नहीं मिलेगा.”मयंक”के परिवार को भगवान् यह गम सहन करने की शक्ती प्रदान करे
Ajay Mohan, Bangalore | Native place: Lucknow
April 24, 2010 at 5:10 am
आज करीब दस दिन बाद अपने मित्र के निधन की खबर पढ़कर मैं सन्न रह गया। मुकुल (मयंक सक्सेना) जैसे जाबांज फोटोग्राफर की भरपाई कभी नहीं हो सकती। मुझे आज भी याद है वो दिन जब मैं और मयंह फाइव स्टार न्यूज में एक साथ काम करते थे। मयंक ने ही मुझे सिखाया कि न्यूज को कैसे पकड़ते हैं। बाद में हमने जनसत्ता एक्सप्रेस में एक साथ फिर काम किया। वहां भी हमने कई कवरेज एक साथ किए। वो सिर्फ एक फोटोग्राफर नहीं बल्कि एक रिपोर्टर भी था। खबर को सूंघने की गहरी क्षमता उसके अंदर थी, शायद हम उसे कभी नहीं भुला पाएंगे।
लेकिन हां हम लखनऊ के सभी फोटोग्राफरों व पत्रकारों से एक बात जरूर कहना चाहेंगे कि हमें हमेशा हेलमेट लगाकर चलना चाहिए। मुझे पता नहीं कि सड़क दुर्घटना के वक्त मुकुल हेलमेट लगाए था या नहीं, लेकिन कृपया हम सभी ट्रैफिक के इस नियम का पालन जरूर करें। मुझे याद है मेरे एक दोस्त अभिषेक दीक्षित (ईटीवी, हर्दोई संवाददाता) की मौत भी सड़क दुर्घटना में हुई थी। तब वो हेलमेट नहीं लगाए था। इस प्रकार की दुर्घटनाएं न केवल हमारे परिवार को क्षति पहुंचाती हैं, बल्कि ऐसे में हमारा देश अपने अच्छे नागरिकों को खो देता है।
इसलिए [b]मैं पत्रकार एसोसिएशंस और फोटो जर्नलिस्ट एसोसिएशंस से कहना चाहूंगा कि वे सभी के लिए हेलमेट पहनना अनिवार्य करें। ताकि हमारे परिवारों को इस प्रकार के दु-ख दोबारा न झेलने पड़ें। [/b]