उज्जैन में पिछले दिनों एक आयोजन में आउटलुक हिंदी की फीचर एडिटर व वरिष्ठ कला समीक्षक गीताश्री को अभिनव राष्ट्रीय कला समीक्षा सम्मान और प्रसिद्ध रंगकर्मी आलोक चटर्जी को राष्ट्रीय रंग सम्मान से अलंकृत किया गया. गीताश्री और आलोक, दोनों को ही शाल, श्रीफल, सम्मान राशि रु. 11000/- एवं सम्मान पत्र प्रदान किए गए. पुरस्कार वरिष्ठ कवि एवं समालोचक अशोक वाजपेयी ने दिए. उज्जैन के अभिनव रंगमंडल के सालाना नाट्य समारोह के दौरान ये दोनों पुरस्कार दिए गए.
अशोक वाजपेयी ने गीताश्री के योगदान की चर्चा करते हुए कहा कि वे विविध कला माध्यमों और सिनेमा के साथ साहित्यिक परिदृश्य पर अच्छी पकड़ रखती हैं. श्री वाजपेयी ने कथाकार श्री राजेन्द्र यादव के साथ गीताश्री द्वारा करवाए गए लम्बे संवाद को याद करते हुए कहा कि गंभीर मुद्दों को लेकर हुई इस महत्वपूर्ण बातचीत से मुझे गीताश्री की साहित्यिक प्रतिभा पर यकीन हो गया.
अपने सम्मान के प्रत्युत्तर में वरिष्ठ कला समीक्षक गीताश्री ने कहा कि मेरे लिये यह भावुक पल है, जहां एक ओर मैं कालिदास की नगरी उज्जैन में सम्मानित हो रही हूं, दूसरी तरफ मेरे पसंदीदा कवि श्री अशोक वाजपेयी के हाथों से सम्मान प्राप्त हो रहा है. यह मेरे जीवन की कुछ अविस्मरणीय घटनाओं में से एक है. इसके साथ ही मेरी चुनौतियों एवं जिम्मेदारियां बढ़ जाती है कि मैं कला-संस्कृति के क्षेत्र में और बेहतर कार्य करूं. गीताश्री ने कहा कि देश में सबसे पहले इस तरह के सम्मान की शुरुआत करके शरदजी ने महत्वपूर्ण कार्य किया है. आज युवा समीक्षक इस तरह के सम्मान से समीक्षा के प्रति गम्भीरता से कार्य करने को प्रेरित हुए हैं.
ajeet
February 9, 2010 at 10:24 am
mubarak ho geeta ji.
Satyen
February 10, 2010 at 6:26 am
Many Congrats!
dinesh srivastava
February 13, 2010 at 8:57 am
dear Geeta,
really very happy to that u r honoured at ujjain by ashokji but it
was not at all surprising bcoz i know about ur passion and deter
minatin to work as mad one.u hav to achieve a lo more n more.
best of luck.
dinesh srivastava