दैनिक हिंदुस्तान, दिल्ली के वरिष्ठ स्थानीय संपादक प्रमोद जोशी के खिलाफ शैलबाला ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। शैलबाला ने प्रमोद जोशी पर शारीरिक दुर्व्यवहार करने और साजिश रचने का आरोप लगाया है। दिल्ली के बारह खंभा रोड पुलिस थाने में दर्ज कराई गई शिकायत में शैलबाला ने कहा है कि वे जब कल आफिस पहुंचीं तो प्रमोद जोशी ने उन्हें इस्तीफे के पत्र पर हस्ताक्षर करने को कहा। हस्ताक्षर करने के बाद जब अपना सामान लेने के लिए सीट की तरफ लौटने लगीं तो प्रमोद जोशी ने धक्का देकर और बांह पकड़कर बाहर जाने वाले रास्ते की ओर बढ़ने को कहा। शैलबाला के मुताबिक प्रमोद जोशी को यह कतई अधिकार नहीं है कि वे किसी स्त्री के शरीर को टच करें। उन्हें इसके लिए महिला गार्ड को बुलाना चाहिए था।
यह घटना उस संस्थान में हुई जहां प्रमुख संपादक और चेयरपर्सन दोनों महिला हैं। शैलबाला ने कहा है कि इस अशोभनीय घटना के वक्त दर्जनों मीडियाकर्मी मौजूद थे। भड़ास4मीडिया से बातचीत में शैलबाला ने कहा कि वे कल से जब भी इस घटना के बारे में सोच रही हैं, आंख में आंसू आ जा रहे हैं। क्या हम लोगों की यही औकात है? 33 साल तक जिस ग्रुप के साथ जुड़ी रही, वहां से जाते वक्त अपनी सीट से सामान तक नहीं लेने दिया गया और धक्के देकर बाहर निकाला गया। आज के समय में आप अपने नौकर तक से धक्का देकर बात नहीं कर सकते। एक महिला पत्रकार के साथ ऐसी हरकत की तो कल्पना तक नहीं की जा सकती। शैलबाला का कहना है वे आत्मसम्मान की इस लड़ाई से किसी कीमत पर पीछे नहीं हटेंगी। शैलबाला की तीन पेज की लिखित शिकायत पर पुलिस ने धारा 34, 120, 120बी के तहत मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है।
उधर, इस घटना की जानकारी मिलने पर कई पत्रकार संगठन भी सक्रिय हो गए हैं। पीआईबी जर्नलिस्टों के संगठन प्रेस एसोसिएशन के महासचिव राजीव रंजन नाग ने वरिष्ठ महिला पत्रकार के साथ घटी घटना को शर्मनाक बताया और आरोपी स्थानीय संपादक प्रमोद जोशी के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है। राजीव के मुताबिक शैलबाला बेहद निष्ठावान, ईमानदार और मेहनती जर्नलिस्ट रही हैं। उनके साथ प्रमोद जोशी ऐसा करेंगे, यह किसी को उम्मीद न थी। राजीव का कहना है कि लगता है हताशा के चलते प्रमोद जोशी अपना मानसिक संतुलन खो चुके हैं। राजीव ने बताया कि उनका संगठन इस मामले को महिला आयोग, महिला मंत्रालय, पुलिस कमिश्नर, गृह मंत्री आदि तक पहुंचाएगा। साथ ही एचटी ग्रुप की मुखिया शोभना भरतिया के संज्ञान में भी यह मामला लाया जाएगा।
भड़ास4मीडिया ने दैनिक हिंदुस्तान, दिल्ली के वरिष्ठ स्थानीय संपादक प्रमोद जोशी से संपर्क किया तो उनका कहना था कि सारे आरोप बेबुनियाद और सरासर झूठ हैं। उन्होंने ऐसी किसी घटना में खुद के शामिल होने से इनकार किया।
मदन कुमार तिवारी
September 12, 2010 at 5:36 pm
शैलबाला जी मैं नहीं जानता की आपके साथ वाकई में वैसा कुछ हुआ या नहीं । परंतु जहां तक समाचार पत्रों के प्रबंधकों के व्यवहार की बात है तो मीडिया या समाचार पत्र जो भी आप कहें उसे निकालने का एकमात्र उद्देश्य अपने व्यावासायिक हितों की रक्षा करना है। यही कारण है की चाहे भरतिया हों या सुब्रतों या फ़ीर चंद्रा और अंबानी जिनका आज ताक में हिस्सेदारी है। सरकार इनकी चोरी को नजर अंदाज करे इसीलए ये मीडिया में हैं। अगर वाकई आपके साथ वैसा कुछ हुआ है जिसका वर्णन आपने किया है तो मेरी सलाह है अपनी जंग जारी रखें विजेता आप हीं होंगी । कभी कानुनी सलाह की जरुरत हो तो मैं आपके साथ हुं। [url][/url] http://www.myspace.com/tiwarygaya