छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में पीपुल्स ग्रुप का अखबार प्रारंभ करने जा रहे पीजी इन्फ्रास्ट्रक्चर ग्रुप को पहला झटका लगा है। यहां करोड़ों रुपये की मशीन और सुसज्जित आफिस तैयार हो जाने के बाद भी पीपुल्स समाचार पत्र का प्रकाशन अनिश्चितकाल के लिए टल गया है।
भड़ास4मीडिया को मेल से भेजी गई सूचना के मुताबिक समाचार पत्र के प्रबंधन द्वारा यहां अचानक आकर पत्रकारों एवं मीडियाकर्मियों की सेवायें समाप्त करने के फैसले से दुखी होकर मनोज शर्मा ने यहां यूनिट हेड और सम्पादक के पद से इस्तीफा दे दिया है। 20 वर्षों से क्षेत्र की पत्रकारिता में सक्रिय मनोज नवभारत में 10 वर्षों की नियमित सेवा छोड़ कर आए थे। श्री शर्मा की पीपुल्स ग्रुप में जगह नहीं बन पाई। हालत यह है कि प्लांट और आफिस में ताला लगाने की नौबत आ गई है। पीपुल्स समाचार बिलासपुर में भ्रूण हत्या की ओर चल पड़ा है।
कमल शर्मा
February 24, 2010 at 7:00 am
पीपुल्स समूह ने किसकी सलाह से यह अखबार शुरु किया। सबसे पहले तो उससे ही पूछना चाहिए कि भाई क्या सोच कर हमें अखबार निकालने की राय दी थी। यह समूह शिक्षा के क्षेत्र में काफी आगे हैं, मेडिकल के क्षेत्र में काफी नाम है, समझ नहीं आता कि इन्हें किसने अखबार निकालने की अमूल्य राय दी या इस समूह से बदला लिया है। इस समूह के कर्ताधर्ताओं को भी सोचना चाहिए था कि अपना मूल काम छोड़कर कहां अखबार के कारोबार में उतर गए। अब कह रहे हैं कि खर्चों का बोझ कम करो। अखबार से अच्छा है एक मोमबत्ती जलाकर बैठो और पांच सौ पांच सौ रुपए के बंडल लेकर बैठो। अब एक एक नोट जलाते जाओ। अखबार निकालना आज के जमाने में कोई मामूली काम नहीं रहा। अब खर्चे भारी पड़ने लगे, जब ताकत ही नहीं थी कि दस साल घाटा होने दो जमकर, तो क्यों अखबार के धंधे में उतरे। अब भी समय है बस पांच सात अलीगढ़ के ताले खरीदकर इस खर्चें को बचाया जा सकता है।
Balram Shrivas
February 26, 2010 at 5:15 am
चार पत्रकारों ने पीपुल्स छोड़ा
पीपुल्स ग्रुप की बिलासपुर यूनिट से चार पत्रकार मनीष वर्मा, विवेक सिंह बघेल, असद अहमद, सुरेश शर्मा ने पीपुल्स समाचार की सेवायें 8 माह के अल्पकाल में छोड़ दी हैं। प्रबंधन द्वारा वित्तीय कठिनाईयां बताये जाने और संस्करण 6 माह विलंब होने का राग अलापने पर पत्रकारों ने अपनी एक माह की सेलरी ग्रुप के रहमोकरम पर छोड़ दी है। क्षेत्र के प्रतिनिधियों और मीडियाकर्मियों में 6 माह से धमाकेदार अखबार निकलने की उम्मीद फुस्स हो गई है। प्लांट, मशीन और चेम्बर सहित शानदार आफिस एक चपरासी के भरोसे छोड़ दिया गया है। उधारी लेने वाले भोपाल के प्रतिनिधियों को सूंघते हुए पहुंच जाते हैं। उधारी वालों ने आफिस के पास बने दुकानदारों से विनती की है कि अगर भोपाल से कोई भी आता है तो उन्हें तत्काल सूचित करें, ताकि उनका भुगतान जल्द हो सके। हे भगवान! विनाश काले विपरीत बुद्धि। क्यों प्रबंधन अभी भी कान से देख रहा है। उसे फिर प
Balram Shrivas
February 28, 2010 at 3:00 am
raipur k sampadak ne bhi istifa de diya. yaha tin mashine padi hai. pg ko ulti salah dene valo kuch to raham karo
Priveen
March 1, 2010 at 9:31 am
poplie samachar cuki ek naya gurup hai jo ki news paper ko lekar marcet me aya hai news pepar ke gurup ko karmcariyon ki selri nahi dene jensi harkat nahi karni chaiye tha.