जम्मू से खबर है कि अमर उजाला का पत्रकार गोविंद चौहान प्रमुख आयकर कमिश्नर (नार्थ जोन) बनकर पटाखे के नामी व्यापारी से दस लाख की मांग करते वक्त पुलिस के हत्थे चढ़ गया। गोविंद के विरुद्ध पुलिस ने गांधीनगर थाने में जबरन वसूली का मामला दर्ज कर लिया है। जानकारी के अनुसार पटाखों का नामी थोक विक्रेता रवि कुमार को पिछले दस दिन से एक व्यक्ति अपने आपको आयकर विभाग का चीफ इनकम टैक्स कमिश्नर जीएम सौफी बता कर फोन कर रहा था। वह रवि को कह रहा था कि उसका आयकर विभाग में एक करोड़ रुपये बकाया है। यदि वह उसे दस लाख देगा तो उसके नब्बे लाख रुपये का आयकर माफ करवा देगा।
रवि कुमार ने तुरंत जम्मू आयकर विभाग के कार्यालय में जाकर घटना की जानकारी दी। इससे यह बात स्पष्ट हो गई की उसे फोन करने वाला कोई फर्जी आदमी है। आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए रवि कुमार ने एक जाल बिछाया। सोमवार सुबह ग्यारह बजे आरोपी ने रवि कुमार के मोबाइल फोन नंबर 9419145845 पर लैंडलाइन नंबर 0191-2454964 से फोन किया और पैसों की मांग की। रवि कुमार ने उसे दोपहर चार बजे फोन करने को कहा ताकि वह पैसे देने के स्थान को तय कर ले। जब रवि को लैंडलाइन नंबर के बारे में पता चला कि वह गांधीनगर ग्रीन फील्ड की एक एसटीडी का है तो रवि व उसके परिजनों ने दोपहर तीन बजे एसटीडी को घेर लिया। जैसे ही आरोपी ने रवि के मोबाइल पर काल की तो उसके परिजन तुरंत एसटीडी में पहुंच गए और आरोपी को दबोच लिया। उसे तुरंत गांधीनगर पुलिस के हवाले कर दिया गया। उसकी पहचान गोविंद चौहान निवासी बिश्नाह के रूप में हुई। वह हिंदी दैनिक अमर उजाला में बतौर पत्रकार कार्यरत है। पुलिस कर्मियों ने तुरंत चौहान को पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया। उसके कब्जे से मोटरसाइकिल मिला जिसे पुलिस ने जब्त कर लिया। रवि की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने एफआईआर नंबर 23/10 में सीआरपीसी की धारा 170 के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
Bharpur singh
February 10, 2010 at 5:33 am
yeh to hona hi tha
Ajay Shukla, Chandigarh
February 10, 2010 at 7:48 am
पत्रकारिता जैसे पवित्र पेशे मे रहकर इस तरह की हरकत करने वालो को तो सामाजिक रूप से बहिस्कृत करना चाहिए. इनके सार्वजनिक रूप से दस जुटे लगाने चाहिए
shaheen
February 10, 2010 at 9:10 am
woh to thik hai ki aise journalist ko publically do jute lagwaane chahiye.
Magar kin logon se lagwane chahiye, zara yeh bhi to clear kar dejiye.
SHAHEEN
Abhay Tomar
February 10, 2010 at 10:33 am
ase logo ko to tarerist ki ttara goli se udadena chahiye
Syed Athar
February 10, 2010 at 11:33 am
ganda hai par media bhi dhnadha hai.shaheen ne achachhi baat likhi hai ki aakhir kisse aise ptrkar ke do joote lagwaae jaye
FAQIR
February 10, 2010 at 5:29 pm
ji sahi kaha…..kon hai paksaf yahaan?
tarun sharma
February 11, 2010 at 1:31 pm
right usne galat kiya saza mele theek hai par socha hai log aiysa kyoon karte hain pata hai patrkaron ko kya salary melti hai boss ghar chalana mushkil hai upar se har waqt managment ka darr kab naukri se nikal de boss mazburi hai
anurag trivedi
February 11, 2010 at 4:35 pm
kahin sajish ka shikar to nahin ho gaya yah patrakar
arvind singh
February 13, 2010 at 1:34 pm
if the journalist is really involeved in such act then he should be punished acording to rule but it is also nesessary to see the thing is right or he is framed in such act by some whitcolour unsocial elements.