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नीरा राडिया दे रही है वीर सांघवी को शाबासी- वेरी नाइस, लवली, थैंक्यू वीर….

फिर वीर सांघवी. इस टेप में राडिया और वीर सांघवी की बातचीत है. तारीख है 20 जून 2009. इसमें राडिया और वीर सांघवी के बीच हिंदुस्तान टाइम्स अखबार में छपने वाले वीर सांघवी के कालम काउंटरप्वाइंट, जो नीरा राडिया टेप कांड के बाद बंद किया जा चुका है, पर चर्चा होती है. वीर सांघवी अपने कालम के बारे में बताते हैं तो नीरा राडिया कहती है- वेरी नाइस, लवली, थैंक्यू वीर. सुनिए, वीर सांघवी अपने कालम को लेकर क्या-क्या बातें कर रहे हैं नीरा राडिया से. सोचिए, ऐसे बड़े नामों द्वारा लिखे गए कालम के कंटेंट कहां से जनरेट होते हैं. शायद तभी एचटी प्रबंधन ने टेप कांड के प्रकाश में आते ही और वीर सांघवी के काउंटरप्वाइंट कालम पर सवाल उठते ही, कालम को बंद करने का फैसला ले लिया.

<p style="text-align: justify;">फिर वीर सांघवी. इस टेप में राडिया और वीर सांघवी की बातचीत है. तारीख है 20 जून 2009. इसमें राडिया और वीर सांघवी के बीच हिंदुस्तान टाइम्स अखबार में छपने वाले वीर सांघवी के कालम काउंटरप्वाइंट, जो नीरा राडिया टेप कांड के बाद बंद किया जा चुका है, पर चर्चा होती है. वीर सांघवी अपने कालम के बारे में बताते हैं तो नीरा राडिया कहती है- वेरी नाइस, लवली, थैंक्यू वीर. सुनिए, वीर सांघवी अपने कालम को लेकर क्या-क्या बातें कर रहे हैं नीरा राडिया से. सोचिए, ऐसे बड़े नामों द्वारा लिखे गए कालम के कंटेंट कहां से जनरेट होते हैं. शायद तभी एचटी प्रबंधन ने टेप कांड के प्रकाश में आते ही और वीर सांघवी के काउंटरप्वाइंट कालम पर सवाल उठते ही, कालम को बंद करने का फैसला ले लिया.</p>

फिर वीर सांघवी. इस टेप में राडिया और वीर सांघवी की बातचीत है. तारीख है 20 जून 2009. इसमें राडिया और वीर सांघवी के बीच हिंदुस्तान टाइम्स अखबार में छपने वाले वीर सांघवी के कालम काउंटरप्वाइंट, जो नीरा राडिया टेप कांड के बाद बंद किया जा चुका है, पर चर्चा होती है. वीर सांघवी अपने कालम के बारे में बताते हैं तो नीरा राडिया कहती है- वेरी नाइस, लवली, थैंक्यू वीर. सुनिए, वीर सांघवी अपने कालम को लेकर क्या-क्या बातें कर रहे हैं नीरा राडिया से. सोचिए, ऐसे बड़े नामों द्वारा लिखे गए कालम के कंटेंट कहां से जनरेट होते हैं. शायद तभी एचटी प्रबंधन ने टेप कांड के प्रकाश में आते ही और वीर सांघवी के काउंटरप्वाइंट कालम पर सवाल उठते ही, कालम को बंद करने का फैसला ले लिया.

लेकिन क्या हम लोग यह शक न करें कि वीर सांघवी यह सब कहीं एचटी प्रबंधन की मिलीभगत से तो नहीं लिख-कह रहे थे. नीचे दिए गए टेप पर क्लिक करें और अपने ‘वीर’ पत्रकार की बातें सुनें.

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0 Comments

  1. Anon

    December 12, 2010 at 1:10 pm

    The cat is finally out of the bag. The veneer of “professionalism” professed by the so called fourth estate had been ripped apart by these tapes. I shudder to think that if such is the integrity of the so called “celeb journalists”, one can imagine the state of affairs at the district level of “local journalists”. Its a lethal caucus of politicians, corporates, bureaucracy and the malleable judiciary trying to put Britishers (our erstwhile lords, and ,apparently, lesser exploitative than our present brown ‘ sahibs’) to shame since the night of our “tryst with destiny”. The journalists only act as a catalyst to get the win-win deal done and get a share of the ever-burgeoning pie. There is only one crisis that is staring in the face of this country – and the society at large : CRISIS OF CHARACTER.

    Anon.

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