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दुख-दर्द

बिजनेस स्टैंडर्ड की निरुपमा की लाश मिली

नीरू की मौत (1) : विजातीय प्रेम विवाह के लिए पापा को राजी करने घर गईं थीं : महिला मीडियाकर्मियों के लिए आजकल आफत के दिन हैं. पुरुष प्रभुत्व वाला समाज इनकी जिंदगी-करियर में मौत का कुआं बना हुआ है. स्टार न्यूज की सायमा सहर की दास्तान सबके सामने आई तो अब एक और महिला मीडियाकर्मी के बारे में स्तब्धकारी खबर आ रही है.

<p style="text-align: justify;"><strong>नीरू की मौत (1) : विजातीय प्रेम विवाह के लिए पापा को राजी करने घर गईं थीं : </strong>महिला मीडियाकर्मियों के लिए आजकल आफत के दिन हैं. पुरुष प्रभुत्व वाला समाज इनकी जिंदगी-करियर में मौत का कुआं बना हुआ है. स्टार न्यूज की सायमा सहर की दास्तान सबके सामने आई तो अब एक और महिला मीडियाकर्मी के बारे में स्तब्धकारी खबर आ रही है.</p>

नीरू की मौत (1) : विजातीय प्रेम विवाह के लिए पापा को राजी करने घर गईं थीं : महिला मीडियाकर्मियों के लिए आजकल आफत के दिन हैं. पुरुष प्रभुत्व वाला समाज इनकी जिंदगी-करियर में मौत का कुआं बना हुआ है. स्टार न्यूज की सायमा सहर की दास्तान सबके सामने आई तो अब एक और महिला मीडियाकर्मी के बारे में स्तब्धकारी खबर आ रही है.

बेहद दुखी करने वाली खबर यह है कि विजातीय प्रेम विवाह के लिए अपने पिता को मनाने अपने होम टाउन गईं एक महिला पत्रकार की लाश उनके ही घर में लटकती मिली है. जिस होनहार महिला पत्रकार की लाश मिली है उनका नाम है निरुपमा पाठक. ये इंडियन इंस्टीट्यूट आफ मास कम्युनिकेशन (आईआईएमसी) की 2008-09 बैच की मेधावी छात्रा रही हैं.

निरुपमा पाठक इन दिनों बिजनेस स्टैंडर्ड में कार्यरत थीं. 29 अप्रैल को उनकी संदेहास्पद परिस्थितियों में हुई मृत्यु से उन्हें जानने वाले सभी लोग सन्न हैं. निरुपमा उर्फ नीरू का कुसूर सिर्फ इतना था कि वह अपने पसंद के लड़के से विवाह करना चाहती थीं. इसके लिए वह अपने धर्मभीरू पिता को समझाने घर गयी हुई थी. वहां निरुपमा को अपने प्रेम का मूल्य प्राण देकर चुकाना पड़ा. बताया जा रहा है कि निरुपमा पाठक के ब्राह्मण पिता को विजातीय दामाद किसी भी सूरत में स्वीकार न था.

समाचार एजेंसी भाषा ने झारखंड के कोडरमा जिले से जो खबर रिलीज की है वह इस प्रकार है..

”जिले में आज एक महिला पत्रकार ने अपने माता पिता द्वारा अपने ‘‘प्रेम संबंधों’’ पर आपत्ति किए जाने के बाद कथित तौर पर आत्महत्या कर ली। पुलिस अधीक्षक क्रांति कुमार ने बताया कि निरूपमा पाठक राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के एक अखबार से जुड़ी हुई थी जिसने तिलैया में स्थित अपने घर में फांसी लगा ली। उन्होंने बताया कि घटना का ब्यौरा जुटाने के लिए पुलिस की एक टीम घटनास्थल पर गई और मामले की जांच जारी है।”

निरुपमा को जानने वाले आत्महत्या की बात पचा नहीं पा रहे हैं. इनका कहना है कि पुलिस को पूरे मामले की गहराई से छानबीन करनी चाहिए. कहीं ऐसा तो नहीं कि निरुपमा को जबरन फांसी पर लटका दिया गया हो!

अगर निरुपमा से किसी पत्रकार साथी का परिचय व करीबी रहा है तो कृपया वे उससे जुड़ी तस्वीरें, संस्मरण व अपनी बात भेजें ताकि निरुपमा के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी अन्य पत्रकार साथियों को मिल सके. आप हमें मेल [email protected] या फिर [email protected] पर भेज सकते हैं.

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0 Comments

  1. hari govind

    April 30, 2010 at 7:52 am

    very sad news for media… we are leaving in that era which is 200 year back from civilisation… this is male-dominated society where women have no option to fallow the instructions of parents, husband or relatives… very sad and deppressing news…

  2. dushyant kumar

    April 30, 2010 at 11:44 am

    kite durbhagya ki baat hai ki abhi tak hum log samaaj, jati, religion main uljhe hue hain. cahe ye vakia mout ho ya aatamhatya.. main karan hai hamaara samaaj or ghatiya riti riwaaj…………………..bhut hua ab thod do ye bandhan or ek sabhya samaaj bano, nahi tho utaar do ye padhe likhe or tarkki karne ka mukhota……..

  3. Raj Agarwal

    April 30, 2010 at 12:21 pm

    It is quite similar to the story as presented in the film – LSD (Love, S**, DHOKA).

    REEL Life only indicates what happens in REAL life. It is really true.

    GOD can now only save this country from such COWARD peoples who have killed / persuaded the lady to commit suicide.

  4. RAHUL CHOUKSEY

    April 30, 2010 at 1:50 pm

    DHIKKAR HAI NEERU K BAAP PAR….THOOOOOOOOOOO

  5. Parul Gupta

    May 1, 2010 at 10:11 am

    In this case their is no reason to say anything about male dominating society. This case has nothing to do with that issue.
    Being a honourable media person, she had more responsibility on her shoulders rather than just hanging herself for satisfing her father’s ego.

    Either a full thorough enquiry should be done as i d’ont see a reason for her to hang herself. Truth should come out to the people.

    With full sympathy with her and her loved ones, may god give peace to her soul.

  6. kamal.kashyap

    May 2, 2010 at 7:01 am

    vise to hum modran hone ki baat karte hai par sach yahi hai ki hum phake bhi pice the aur aaj bhi hai………….. ye moot usi ki nisani hai

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