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दुख-दर्द

अखबार मालिक पर फिर बरपा सरकारी कहर

[caption id="attachment_16720" align="alignleft"]प्रो. निशीथ रायप्रो. निशीथ राय[/caption]लखनऊ से बड़ी खबर है. माया सरकार के कारनामों का खुलासा करने के लिए चर्चित हिंदी दैनिक डेली ‘न्यूज एक्टिविस्ट’ (डीएनए) के चेयरमैन प्रो. निशीथ राय के लखनऊ स्थित सरकारी आवास को राज्य और जिला प्रशासन ने धावा बोलकर जबरन खाली करा लिया है. यह आवास उन्हें लखनऊ विश्वविद्यालय स्थित रीजनल सेंटर फार अर्बन एंड इनवायरमेंटल स्टडीज का निदेशक होने के चलते मिला हुआ था. इस सरकारी निवास का पता 31, राजभवन कालोनी है. प्रदेश सरकार के लोगों ने कई बार यह आवास खाली कराने की कोशिश की पर हर बार उन्हें कोर्ट के दखल से मुंहकी खानी पड़ी. इस बार गुपचुप तरीके से कागजी कार्यवाही पूरी कर धावा बोला. अखबार मालिक का सारा सामान सड़क पर फिंकवा दिया.

प्रो. निशीथ राय

प्रो. निशीथ रायलखनऊ से बड़ी खबर है. माया सरकार के कारनामों का खुलासा करने के लिए चर्चित हिंदी दैनिक डेली ‘न्यूज एक्टिविस्ट’ (डीएनए) के चेयरमैन प्रो. निशीथ राय के लखनऊ स्थित सरकारी आवास को राज्य और जिला प्रशासन ने धावा बोलकर जबरन खाली करा लिया है. यह आवास उन्हें लखनऊ विश्वविद्यालय स्थित रीजनल सेंटर फार अर्बन एंड इनवायरमेंटल स्टडीज का निदेशक होने के चलते मिला हुआ था. इस सरकारी निवास का पता 31, राजभवन कालोनी है. प्रदेश सरकार के लोगों ने कई बार यह आवास खाली कराने की कोशिश की पर हर बार उन्हें कोर्ट के दखल से मुंहकी खानी पड़ी. इस बार गुपचुप तरीके से कागजी कार्यवाही पूरी कर धावा बोला. अखबार मालिक का सारा सामान सड़क पर फिंकवा दिया.

घर खाली कराने गए अफसरों का कहना है कि उन्हें ऐसा करने के लिए उपर से निर्देश मिला है. इस बारे में भड़ास4मीडिया ने जब प्रो. निशीथ राय से संपर्क किया तो उन्होंने बताया कि वे दिल्ली में आए हुए हैं और मायावती सरकार अपने चारण नौकरशाहों के जरिए अवैध तरीके से उनके सामान बाहर फिंकवा चुकी है. प्रो. राय ने आरोप लगाया कि उनके परिजनों के साथ बदसलूकी और घरेलू सामान की तोड़फोड़ की गई है.

प्रो. राय के मुताबिक- ‘जबसे डीएनए अखबार निकलना शुरू हुआ है, सरकार की गल्तियों को उजागर करने के कारण उसे सरकार और सत्ता को लगातार विरोध झेलना पड़ रहा है. अखबार को कमजोर करने के लिए यह कुचक्र रचा गया है. इन लोगों ने वो सारे बिंदु तलाशे, जिसके नाम पर हम लोगों को कमजोर किया जा सके. मेरे पास 28 जनवरी तक का स्टे आर्डर था लेकिन अरली हियरिंग के नाम पर फैसला दिला दिया गया और जिले स्तर के कुछ न्यायिक अधिकारियों को प्रशासन ने साजिश में शामिल कर रातोंरात मकान खाली कराने की रणनीति बना डाली. अभी तक हम लोगों के प्रतिनिधि को फैसले की प्रति भी नहीं मुहैया कराई गई है.’

निशीथ ने ऐलान किया- ‘मैं कहना चाहता हूं कि यूपी के सबसे निष्पक्ष अखबार को कमजोर करने के लिए जिस सोची समझी रणनीति पर माया सरकार और उसके चारण नौकरशाहों ने काम किया है, उसके कारण हम न डरे हैं और न डरेंगे. बल्कि बदले में हम माया सरकार के पोलखोल अभियान को और प्रखरता व प्रमुखता से आगे बढ़ाएंगे. सरकार के गलत कामों को उजागर करने का काम और मुस्तैदी से करेंगे हम लोग. भ्रष्ट नेताओं और अफसरों के दबाव में हम लोग न कभी आए थे और न आएंगे. भ्रष्टाचारियों की इस साजिश में जनपद स्तर के कुछ न्यायिक अधिकारी भी शामिल हैं. मेरे परिवार को अपमानित करते हुए राज्य सरकार ने मेरे घर में सरेआम डकैती डाली है. मैंने सचिव राज्य संपत्ति और मुख्यमंत्री के सचिव नवनीत सहगल को फोन किया तो उन्होंने कहा कि मुझे पता नहीं है, देखता हूं. इससे जाहिर होता है कि सीनियर आईएएस आफिसर किस रूप में काम कर रहे हैं’

सूत्रों के मुताबिक प्रो. निशीथ राय के सरकारी आवास पर सरकारी अमला अचानक पहुंचा और बिना कोई चेतावनी या मोहलत दिए, सामानों को फेंकना-तोड़ना शुरू कर दिया. जानकारी मिलते ही मीडिया के लोग मौके पर पहुंचे. मौके पर मौजूद कुछ अफसरों से जब पत्रकारों ने इस कार्यवाही के बारे में जानना चाहा तो इन लोगों ने सिर्फ इतना कहा कि ऊपर से आदेश है, हमें इस पर अमल करना ही होगा.

भड़ास4मीडिया पर निशीथ राय के सरकारी मकान और माया सरकार के खाली कराने के अभियान के संबंध में एक खबर पहले भी प्रकाशित हो चुकी है. उसे पढ़ने के लिए क्लिक करें… अखबार मालिक नहीं झुकता है तो झेलता है

 

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0 Comments

  1. B.P.Gautam

    January 14, 2010 at 1:01 pm

    Congress’ Mulayam Sinhg Yadav Aur Amar Singh Ka Mayawati Kuchh Kar Nahi Paai To Akhbar Malik Par HI dikha Di Sherdili Par Ye Npunsakta Ki Nishani Hai.

  2. Prem sharma

    January 14, 2010 at 1:21 pm

    patrakarita me is tarah ke avrodh samanya hain, in par tippadi karne se behtar hai ki kalam ko aur dhardar banaya jaye aur patrakarita ke viruddh ho rahe hamle ke khilaf ekjut hokar sangharsh kiya jaye warna aaj teri to kal meri bari hai.

  3. vikas kumar

    January 14, 2010 at 1:49 pm

    ye maya sarkar ki taanaashaahi hai. eska sabhi ko milkar ninda karni chahiye.

  4. Prem Arora

    January 14, 2010 at 3:34 pm

    कभी डी एन ए में बोटम पर एक लेख लगा था मायावती जी के विरुद्ध कि राहुल गाँधी की पर्शंषा करने पर एक बड़े अधिकारी को किसी सजा मिली जिसमे यू पी के बारे में राहुल गाँधी के सुल्तानपुर पैर लिखी किताब पर अनेक लोग चपेट में अब में यह नहीं कह सकता कि अखबार के संपादक को माकन खली करने में खुद मायावती का हाथ है या फिर उन लोगों का जो मायावती के नाम पर पुरी दुनिया को डराते हैं. मेरा निजी मानना है कि जब बात ज्यादा आगे बाद जाती है तो बहिन जी अपना हात पिच्छे खींच कर दूसरों पर दोष मड देती हैं और जब लगता है कि सब काबू में हैं तो वह वही लुटती हैं. जब कलम चलानी है तो जुल्म तो सहने ही पड़ेंगे भाई जी वैसे ऐसे में सारा मीडिया एक साथ हो जाता है इतिहास गवाह है.
    प्रेम अरोड़ा
    090120043100

  5. Brahma Nand Pandey

    January 14, 2010 at 3:34 pm

    Yah Mayawati sarkar ki ochi manshikta ka Antim Parinam nahi hai…..Is ko Yad kertai Huai Mayawati Aur Unkai chahatai Afasaro ki Kardastani Ko Janhit Mai likhnai Ki Jarurat Hai…………….Brahma Nand Pandey Journalsit,Mau. +919450437314

  6. ambuj

    January 14, 2010 at 3:36 pm

    mayawati never listen anybody. i wanna remind you that how mayawati retaliated to raja bhaiyya and seized his property and imposed pota.

    “east or west buwaji is best”

    read chanakya neeti then run newspaper

  7. vijay singh kaushik (mumba)

    January 14, 2010 at 3:40 pm

    mayavati kuch to sharm karo. nisith ji jhukna mat. desh aap ke sath hai……

  8. sunil taneja

    January 14, 2010 at 3:52 pm

    कोई नया नहीं है यह कला कारनामा… ऐसे कारनामो को उजागर करने का है खामिअजा यह हिटलर शाही तो पत्रकारिता व पत्रकारों को है माया देवी का नजराना ..उठो जागो और दलाली-चाटुकारिता की कलम छोड़ अपना असली दायित्व निभाने आगे आओ साथियों…..सुनील तनेजा मेरठ

  9. Sanjay Gupta

    January 14, 2010 at 4:29 pm

    pradesh me patrakaro par ho rahe julm ki dastaan isse adhik aur kahan dekhne ko milegi… is tanashahi ke khilaf patrakaro ko apni kalam ki dhaar aur adhik paini karni hogi. tabhi patrakaro aur patrakarita ka astitv bach sakegaa…

  10. ghanshyam rai

    January 14, 2010 at 5:55 pm

    आज के सारे अखबार सरकारी मशीनरी के भोपू बन गए हैं आज के समाज में सचाई िलखाना बहुत ही कठिन है कोई भी अखबार जब सरकार की पोल खोलने लगता है तो उसके मािलक को सरकार परेशानी में डाल देती है ताकि वह सरकार की बात के को मान जाए और उसकी वाली खबरो को पकाशित करने लगे मैं तो यहीं कहूंगा कि भले ही टूट जाइये लेकिन झुकिए नहीं

  11. Awdhesh kumar mishra

    January 16, 2010 at 5:44 am

    media par ankush laga kar agar mayawati ji yeh sochti hai ki wo indra ji ki shreni me khadi ho jayengi toye unki bhool hai.indra ji ki kabiliyat ki barabri ve is janm me to kisi kimat par nahi kar sakti.

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