प्रभात खबर के प्रधान संपादक हरिवंश ने कहा कि प्रत्येक वर्ष बिहार डेवलपमेंट रिपोर्ट जारी की जायेगी. जिन सवालों से जीवन प्रभावित होता है, उन्हें सार्वजनिक जीवन का एजेंडा बनाया जा सके, इसका प्रयास इससे किया गया है.
सर्वप्रथम दिल्ली सिटीजन रिपोर्ट के तर्ज पर प्रभात खबर ने डेवलपमेंट रिपोर्ट जारी करने का निर्णय लिया था. इस अवसर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि राज्य को अपनी कहानी खुद लिखनी होगी. अलग-अलग राज्यों की अपनी जरूरत होती है. इसके लिए आवश्यक है कि उसकी योजनाएं स्थानीय समस्याओं के अनुरूप बनें. लेकिन, केंद्र सरकार है कि केंद्रीय योजनाएं बना कर एक समान सभी राज्यों में लागू करती है. इससे अपेक्षित लाभ नहीं मिलता. केंद्रीय योजनाओं में भी राज्य का पैसा और संसाधनों का खर्च होता है. भारत सरकार की भूमिका है कि वह राज्य सरकारों को सहायता करे.
हर इलाके की अलग खासियत : मुख्यमंत्री ने गुरुवार को प्रभात खबर द्वारा तैयार बिहार डेवलपमेंट रिपोर्ट 2010 का लोकार्पण करने के बाद कहा कि राज्य की समृद्धि के बहुत से रास्ते हैं. अलग-अलग इलाकों की अलग-अलग खासियत है. बिहार के लोग मेहनती हैं. युवा पीढी मेधावी हैं. यहां की भूमि उपजाऊ है. इस सब के बावजूद राज्य में हर वर्ष बाढ व सुखाड का सामना करना पडता है. इस वर्ष पूरा राज्य सूखे की चपेट में है. राज्य का प्राचीन इतिहास है. यहां गौरवशाली विरासत है. हमने जनवरी-फ़रवरी में राज्य के ऐतिहासिक स्थलों की यात्रा की थी. राजगीर, नालंदा, वैशाली सहित अन्य ऐतिहासिक स्थलों को देखा. चिरांद का प्राचीन इतिहास है. एक लेयर की खुदाई करने पर डेढ हजार वर्ष पुराना इतिहास मिलता है. दूसरे लेयर की खुदाई पर चार हजार वर्ष का इतिहास जीवंत हो उठता है.
2002-03 में झारखंड की रिपोर्ट : प्रभात खबर ने वर्ष 2002-03 में झारखंड की रिपोर्ट जारी की थी. उस दौरान स्पष्ट कर दिया गया था कि अगर इसी प्रकार झारखंड के हालात बने रहे तो वर्ष 2020 में यह अफ्रीकी देश जिंबाब्वे की तरह हो जायेगा. उस दौरान यह भी रिपोर्ट में बताया गया था कि बिहार की विकास दर तत्कालीन अर्थव्यवस्था की तरह रही तो वह नेपाल की स्थिति में पहुंच जायेगा.
आम आदमी की भाषा : हरिवंश गुरुवार को बिहार डेवलपमेंट रिपोर्ट, 2010 जारी करने के दौरान कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि झारखंड का रिपोर्ट कार्ड तैयार करने में सेंटर फ़ॉर सिविल सोसाइटी का सहयोग मिला.उन्होंने कहा कि वर्ष 2003 में इंडिक्स के लवीश भंडारी से मुलाकात के बाद इसे आम आदमी की भाषा में तैयार करने का निर्णय किया गया ताकि लोग आसानी से समझ सकें. उन्होंने बिहार डेवलपमेंट रिपोर्ट की चर्चा करते हुए कहा कि इसके चार भाग है. पहले भाग में प्रख्यात अर्थशास्त्री अशोक देसाई सहित छह लोगों के लेख हैं. दूसरे भाग में 1985 से 2005 तक के विकास की रिपोर्ट है. तीसरे भाग में 2005 से अबतक के विकास की चर्चा है. चौथे भाग में विभिन्न जिलों की झलक है.
तेजी से बढता अखबार : अतिथियों का स्वागत करते हुए प्रभात खबर के प्रबंध निदेशक केके गोयनका ने कहा कि प्रभात खबर देश का सबसे तेजी से विकसित होता अखबार है. शीघ्र ही बिहार के मुजफ्फ़रपुर व भागलपुर से प्रकाशन शुरू करने का निर्णय किया गया है. कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन स्थानीय संपादक स्वयं प्रकाश ने किया.
Chandrashekhar Prasad, jagran haldwani
September 3, 2010 at 8:03 am
harivansh ji app ko bahutsari badhiya
meghe pura vishwas hai ki app apne makshd me kamyab hoge aur app ke sathi bhi app ke vichro par hi chlenge.
anoop narayan singh
September 4, 2010 at 10:24 am
HARIVANS JEE ,APKAI REPORT PAR BIHAR KI JANTA KO PURA BISWAS HAI BIHAR BIKAS KI REPORT PARKASIT KARA NAI KAI LIA AAP KO KOTI KOTI DHANYBAD-ANUP N SINGH BIHARI KHABAR
rajkumar singh
September 4, 2010 at 2:46 pm
bihar devlapment report prakasit karne ke liye bdhai. esi tarah se p.k aage badta rahe.
M.N. giri khalari ranchi
September 4, 2010 at 5:19 pm
yah harivansh gee hi soch sakte hai. newspaper kaise karantikari ho sakta hai koi harivansh gee se sikhe. bihar development report nikalne ke liye badhai.
Ranjan
September 5, 2010 at 2:19 pm
BDR (Bihar Development Report-2010) se BIHAR ki achi esthiti ka pata chalega.
अमित गर्ग. जयपुर. राजस्थान.
September 6, 2010 at 1:50 pm
ये सच है नफ़रतों की आग ने सब कुछ जला डाला, मगर उम्मीद की ठंडी हवायें रोज़ आती हैं!
-मुन्नवर राना