अनिल माथुर और विनोद सिंह की विदाई की सूचना : जबलपुर में दो पत्रकारों की नई पारी : राजस्थान पत्रिका से सोम साहू जुड़े : ‘संडे इंडियन’ नामक मैग्जीनों को लांच कराने वाले वरिष्ठ पत्रकार शरद गुप्ता ने नई पारी की शुरुआत दैनिक भास्कर के साथ कर दी है। देर से मिली जानकारी के अनुसार शरद गुप्ता ने एक दिसंबर 2009 को दैनिक भास्कर, भोपाल में ज्वाइन कर लिया। वे नेशनल न्यूज रूम में एक्जीक्यूटिव एडिटर बनाए गए हैं। शरद ने लंबे समय तक लखनऊ में भी रहे हैं।
उन्होंने टाइम्स आफ इंडिया, लखनऊ में वर्ष 1987 को जुड़े तो करीब सात वर्षों तक इसी के साथ रहे। फिर 1994 में लखनऊ में ही इंडियन एक्सप्रेस के साथ हो लिए। वे इंडियन एक्सप्रेस में सीनियर करेस्पांडेंट, स्पेशल करेस्पांडेंट फिर चीफ आफ ब्यूरो बने। बाद में एक स्कालरशिप के सिलसिले में लंदन गए शरद लौटे तो इंडियन एक्सप्रेस ने उन्हें दिल्ली बुला लिया। वे दिल्ली में पोलिटिकल एडिटर के रूप में इंडियन एक्सप्रेस के साथ 2001 तक रहे। इसके बाद इंडिया टुडे इंग्लिश ज्वाइन कर लिया। फिर साढ़े तीन साल तक हिंदुस्तान अखबार की सेवा की। अरिंदम चौधरी वाली चौदह भाषाओं की मैग्जीन संडे इंडियन को लांच करने का श्रेय शरद को ही जाता है।
अभी हाल में ही दैनिक भास्कर से इस्तीफा देकर संदेश (गुजरात) अखबार में स्टेट हेड सरकुलेशन के पद पर ज्वाइन करने वाले अनिल माथुर संस्थान से विदा होने की स्थिति में आ गए हैं। इसी अखबार के सरकुलेशन मैनेजर विनोद सिंह के बारे में भी सूचना मिल रही है कि वे भी कार्यमुक्त हो गए हैं। दोनों खबरों की अभी आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं हो पाई है। अनिल माथुर से भड़ास4मीडिया ने संपर्क किया तो उन्होंने संदेश से हट जाने की बात से इनकार किया।
खबर है कि हरिभूमि, जबलपुर के पत्रकार द्वय विजय तिवारी और सुनील लखेड़ा ने इस्तीफा देकर नई पारी की शुरुआत पीपुल्स समाचार, जबलपुर के साथ की है।
अमर उजाला से इस्तीफा देकर पत्रकार सोम साहू ने राजस्थान पत्रिका, जयपुर में ज्वाइन किया है। वे जनरल डेस्क पर काम कर रहे हैं।
Ashish Agarwal
January 19, 2010 at 6:18 am
Congratulation
raju ranjan prasad
January 21, 2014 at 3:30 am
दैनिक भास्कर का नाम सुनकर एक आशा बंधी थी. हिंदुस्तान जैसे सड़ियल और संस्कृतिहीन अखबार भी कला-संस्कृति की चिंता में सम्पादकीय लिखने लगे थे. लेकिन आज सुबह मेरे ससुर (कामरेड राजेन्द्र सिंह) ने जो सुनाया-दिखाया वह बेहद शर्मनाक है. दैनिक भास्कर,पटना में शरद गुप्ता का ‘करंट अफेयर्स’ (पता नहीं यह कौन -सा अफेयर्स है!) स्तंभ के अंतर्गत ‘बदले-बदले सरकार नजर आते हैं’ (पृष्ठ १०) लेख में ‘एनिमल फार्म’ पुस्तक को ‘मशहूर ब्रिटिश लेखक ऑस्कर वाइल्ड की कालजयी रचना’ बतायी गई है. बच्चा-बच्चा जानता है कि इस पुस्तक के लेखक जार्ज आर्वेल हैं. श्री गुप्ता के परिचय में लिखा है-‘लेखक नेशनल आइडिएशन न्यूजरूम, दैनिक भास्कर में संपादक हैं.’ मेरे ससुर ने स्थानीय संपादक को जब इस तथ्य की विस्तृत जानकारी दी तो उनका (संपादक महोदय का) फोन अचानक ‘नेटवर्क प्रॉब्लम’ के साथ कट गया. एक पाठक के नाते मेरा पूरा परिवार इस बात की मांग करता है कि स्थानीय संपादक व लेखक दोनों लिखित क्षमा मांगे एवं ‘लेखक’ को तीन मास तक उक्त कॉलम में लिखने से रोका जाए.