अमर उजाला, कानपुर में दो लोगों के ज्वाइन करने की खबर है. एक हिंदुस्तान से आए हैं तो दूसरे आई-नेक्स्ट से. हिंदुस्तान, कानपुर में चीफ कापी एडिटर पद पर कार्यरत संजीव मोहन शर्मा ने इस्तीफा देकर अमर उजाला, कानपुर में डिप्टी न्यूज एडिटर के पद पर आज ज्वाइन कर लिया है. संजीव पहले भी अमर उजाला में रह चुके हैं. बताया जा रहा है कि वे सिटी डेस्क इंचार्ज के रूप में अमर उजाला में काम करेंगे. आई-नेक्स्ट, आगरा के सिटी इंचार्ज संजय त्रिपाठी ने इस्तीफा देकर अमर उजाला, कानपुर में ज्वाइन किया है. संजय आई-नेक्स्ट के सबसे पुराने लोगों में से थे. वे अमर उजाला, मेरठ से इस्तीफा देकर आई-नेक्स्ट, कानपुर की शुरुआती टीम के हिस्से बने. स्टिंग आपरेशन और क्राइम रिपोर्टिंग के कारण चर्चा में आए संजय का तबादला आई-नेक्स्ट, आगरा कर दिया गया था.
लंबी बेरोजगारी के बाद अविनाश दास को नौकरी मिली है. एनडीटीवी और दैनिक भास्कर से निकाले जा चुके अविनाश कुछ दिनों के लिए चौथी दुनिया के साथ दिल्ली में रहे. कई महीनों तक बेरोजगार रहने के बाद अब वे किसी ‘अमृत वर्षा’ नामक अखबार के संपादक बन गए हैं. ब्लागिंग के कारण कुख्यात-विख्यात हुए अविनाश ने करियर की शुरुआत प्रभात खबर से की थी. यह पता नहीं चल पाया है कि ‘अमृत वर्षा’ नामक अखबार है किसका और इसमें किनकी पूंजी लगी हुई है.
अनिल सिंह के बुरे दिन खत्म नहीं हो रहे. स्टार न्यूज ने उनका तबादला मुंबई से दिल्ली किया तो उन्हें छोड़ना पड़ा क्योंकि उनका परिवार मुंबई में सेटल है. स्टार न्यूज छोड़कर वे बिजनेस भास्कर, मुंबई के हिस्से बने. वे बतौर ब्यूरो चीफ वहां नियुक्त किए गए थे. पर अब खबर है कि अनिल ने वहां से भी इस्तीफा देने का फैसला कर लिया है और इस बाबत प्रबंधन को एक नोटिस के जरिए सूचित कर दिया है. यह पता नहीं चल पाया है कि अनिल आगे कोई नई नौकरी करेंगे या फिर खुद का कोई काम शुरू करेंगे. अनिल सिंह लंबे समय तक अमर उजाला के साथ भी रहे हैं. इस समूह के कारोबार अखबार के प्रकाशन में अनिल की महत्वपूर्ण भूमिका रही.
एक पत्रकार
January 30, 2010 at 10:58 am
अविनाश दास जिस कथित मीडिया यानी अमृत वर्षा में ज्वाइन किये हैं, वो दरअसल किसी जमाने में अखबार नुमा चीज़ हुआ करती थी। अमृत वर्षा नब्बे के शुरुआत में उस वक्त चर्चा में आया था, जब भगवाधारी बैजनाथ मिश्रा (वर्तमान में हिन्दुस्तान, रांची के सलाहकार संपादक और साथ ही साथ झारखंड सरकार के सूचना आयुक्त, दोनों पदों पर साथ-साथ सवैतनिक आसीन) ने राजद के खिलाफ बतौर स्थानीय संपादक कुछ अनाप-शनाप लिख दिया था। बैजनाथ मिश्रा की टिप्पणी छपने के बाद किसी ने उस दिन की अमृत वर्षा गलती से देख ली थी। उसे राजद के बाहुबलियों तक पहुंचा दिया गया और भरी दोपहरिया में बैजनाथ मिश्रा को दमतर पीटा राजद वालों ने। असल में अमृत वर्षा कभी भी मुख्य धारा का अखबार नहीं हुआ, बल्कि यह पटना का एक कागज-कलम में नाम का अखबार था। अभी तो ये और भी मृतप्राय है। शायद इस अखबार को रिवाइव करने के लिए ही किसी फाइनांसर की मदद से कुछ लोगों को जोड़ा गया होगा। और बाकी मुझे कुछ खास जानकारी नहीं है।
sp singh
January 30, 2010 at 11:25 am
isse hindustan kanpur ko bhari haani hogi.sanjiv ji jaisa aadmi jaldi nhi milaga.
sam
January 30, 2010 at 2:05 pm
Are jo bhi ho avinash ji ise sambhal lenge mohalla ki tarha hi ise bhi bahas ka aik hissa banne me dair nahi lagegi
ritesh
January 31, 2010 at 10:41 am
avinaash dash akhbaar mein bhii vahi ghatiyaa aur ektarphaa content dalenge jo mohalalive par dalte hain?