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धड़ाधड़ संपादक बदलने वाले ‘राज एक्सप्रेस’ से दो गए

अपने संपादकों को ताश के पत्तों की तरह फेंटने के लिए कुख्यात मध्य प्रदेश के हिंदी अखबार राज एक्सप्रेस से खबर आ रही है कि इसके दो संपादक विभिन्न कारणों से संस्थान से कार्यमुक्त हो गए हैं. राज एक्सप्रेस, इंदौर के संपादक गीत दीक्षित और राज एक्सप्रेस, ग्वालियर के संपादक विजय शुक्ला अब इस समूह के हिस्से नहीं रहे. इनकी जगह नए संपादकों की तैनाती कर दी गई है. इंदौर भेजा गया है रवींद्र जैन को और ग्वालियर पहुंचे हैं राकेश अग्निहोत्री. रवींद्र जैन पहले भी राज एक्सप्रेस में संपादक रह चुके हैं और इन दिनों राज एक्सप्रेस, भोपाल में सेवाएं दे रहे थे. इसी तरह राकेश अग्निहोत्री भी राज एक्सप्रेस, भोपाल में कार्यरत थे.

<p align="justify">अपने संपादकों को ताश के पत्तों की तरह फेंटने के लिए कुख्यात मध्य प्रदेश के हिंदी अखबार राज एक्सप्रेस से खबर आ रही है कि इसके दो संपादक विभिन्न कारणों से संस्थान से कार्यमुक्त हो गए हैं. राज एक्सप्रेस, इंदौर के संपादक गीत दीक्षित और राज एक्सप्रेस, ग्वालियर के संपादक विजय शुक्ला अब इस समूह के हिस्से नहीं रहे. इनकी जगह नए संपादकों की तैनाती कर दी गई है. इंदौर भेजा गया है रवींद्र जैन को और ग्वालियर पहुंचे हैं राकेश अग्निहोत्री. रवींद्र जैन पहले भी राज एक्सप्रेस में संपादक रह चुके हैं और इन दिनों राज एक्सप्रेस, भोपाल में सेवाएं दे रहे थे. इसी तरह राकेश अग्निहोत्री भी राज एक्सप्रेस, भोपाल में कार्यरत थे.</p>

अपने संपादकों को ताश के पत्तों की तरह फेंटने के लिए कुख्यात मध्य प्रदेश के हिंदी अखबार राज एक्सप्रेस से खबर आ रही है कि इसके दो संपादक विभिन्न कारणों से संस्थान से कार्यमुक्त हो गए हैं. राज एक्सप्रेस, इंदौर के संपादक गीत दीक्षित और राज एक्सप्रेस, ग्वालियर के संपादक विजय शुक्ला अब इस समूह के हिस्से नहीं रहे. इनकी जगह नए संपादकों की तैनाती कर दी गई है. इंदौर भेजा गया है रवींद्र जैन को और ग्वालियर पहुंचे हैं राकेश अग्निहोत्री. रवींद्र जैन पहले भी राज एक्सप्रेस में संपादक रह चुके हैं और इन दिनों राज एक्सप्रेस, भोपाल में सेवाएं दे रहे थे. इसी तरह राकेश अग्निहोत्री भी राज एक्सप्रेस, भोपाल में कार्यरत थे.

सूत्रों के मुताबिक राज एक्सप्रेस प्रबंधन बिजनेस बढ़ाने में संपादकों का भरपूर इस्तेमाल करता है. जो ‘भरपूर’ इस्तेमाल होने में ‘इफ-बट’ करने लगते हैं उनकी ‘वाट’ लगा दी जाती है. इसी कारण राज एक्सप्रेस की प्रत्येक यूनिट में बहुत जल्दी-जल्दी संपादक रखे व हटाए जाते हैं. गीत दीक्षित और विजय शुक्ला के मामले में क्या हुआ, ये अभी ठीक-ठीक नहीं पता लेकिन सूत्र बताते हैं कि गीत दीक्षित बहुत जल्द किसी दूसरे मीडिया हाउस के साथ नई पारी की शुरुआत करेंगे. गीत पिछले डेढ़ साल से राज एक्सप्रेस के साथ थे. उससे पहले वे उमा भारती की पार्टी के राज्य मीडिया प्रभारी थे. उमा जब एमपी की सीएम बनीं थीं तो गीत मीडिया सलाहकार हुआ करते थे. उससे पहले वे दैनिक जागरण में थे.

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0 Comments

  1. rajeev

    March 11, 2010 at 1:25 am

    yashvantji aapke dwara pata chala ki gwalior se raj express ke editor vijay shuklaji ne raj se istefa de diya maine patrkarita me aise iog bauht kam dekhe hai jo kaam ke liye khud ya family ko bhul jayen shukia sir bhi inhi me ek hain vijay sir ke saanth kaam kar maine yah sab dekha hai mujhe ab main dehli me kaam kar raha houn magar itna jaanta houn ki sir ne kisi khas vajah se yah kadam utaya hoga mera maanna hai ki shuklaji ko paakar koi bhi akhbaar praud hi karega bhopal me vah ek aisa naam hai jin par media ke log fida hain shuklagi ko shubhkamnayen

  2. sapan yagyawalkya

    March 8, 2010 at 9:58 pm

    Rajexpress ki jadon ke bare main mp ki patrakarita se juda har aadmi janta hai. iske bad bhi maya ke pher main saraswati putra a jate hain. aage aap samajh rahen hain na. sapan yagyawalkya bareli MP

  3. Lalla

    March 7, 2010 at 9:52 pm

    यशवंत लाला जी,

    राज एक्सप्रेस के लिए एक शेर याद आरहा है “जमीं खा गई आसमाँ कैसे कैसे ”
    राज एक्सप्रेस कॅया मालिक अरुण सहलोत दरअसल एक गुंडा है जो मीडिया की आड़ में लोगों पर ज़ुल्म ढा रहा है और प्रशासन सब कुछ जानते बूझते आँख मूंद कर बैठा है .भोपाल में इसकी गुंडा गर्दी के किससे आम हैं पर कोई कुछ नहीं कहता है .इसके कई पूर्व कर्मचारियों के इसने संस्थान छोड़ने पर उनके घर से उन्हें उठवाकर खुद पिटाई लगाई है और गोंदों से भी पिटवाया है.कोई राम आएगा इस रावण से मुक्ति दिलाने ?????

  4. kishan

    March 7, 2010 at 12:37 am

    yaswant bhai muje yeh jankar bahut pida hui ki raj express gwalior se editor vijay shukla ji ne khudko alag kar liya.unke baare mai bahut kuch to nahi malum par itna jarur janta hoon ki ve ek achhe adami hain unhone jahan bhi kaam kiya unke saath kaam karne wale log aaj bhi unko yaad karte hai.raj editor se dhanda aur chanda hi lena chahta hai jiske liye imaan ka bechna jaruri hai jahan tak main vijay shukla ji ko janata hoon ve shidhant se compromise karne waale insaan nahi hai chahe jitni nauriyan choodni pade

  5. k

    March 7, 2010 at 12:18 am

    मालिक को ताश की एक गड्डी भेंट कर दीजिए..

  6. S.K.

    March 6, 2010 at 12:49 pm

    wah wah kya baat kahi hai….. shabdo ke istemaal ki baat karte hain.. aap ye nahi jante ki Rajexpress kis tarah logo ka istemal kar ke phek deta hai….

  7. a. sharma

    March 6, 2010 at 8:14 am

    aap is tarah ke shabdo ka istemal to kar rahe hai, lekin shayad tab apke portal ka janm bhi nahi hua tha, jab mp me patrakaro ko 5000 bhi nahi milta tha. raj ne hi patrakaro ko sammanjanak vetan diya aur kai ko unki ummid se jyada uchai di. aasha karta hu ki aap shabdo ke prayog me savdhani barte.

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