पिछले दिनों साधना न्यूज (बिहार-झारखंड) के नोएडा स्थित आफिस में कामकाज को लेकर दो जर्नलिस्टों नीलेश और रेणु के बीच कहासुनी हुई। किसी खबर को लेकर दोनों अपने-अपने तर्क पर अड़े रहे। दोनों झुकने के लिए राजी नहीं हुए। अंततः बात साधना न्यूज (बिहार-झारखंड) के हेड शशि रंजन, जो उस वक्त रांची में थे, तक पहुंची। उन्होंने दोनों पक्षों को समझाया और नोएडा लौटने पर दोनों से बात कर सही-गलत का फैसला करने की बात कही। इसी बीच, कुछ शरारती तत्वों, अफवाहबाजों ने खबर उड़ा दी कि नीलेश ने शराब के नशे में रेणु के साथ अभद्रता की। साथ में यह भी कि नीलेश को साधना न्यूज से निकाल दिया गया है। रेणु को मैनेजमेंट प्रताड़ित कर रहा है। जाने क्या क्या। अफवाह फैलने के बाद और अफवाह की तीव्रता को देखते हुए साधना न्यूज प्रबंधन ने अपने नोटिस बोर्ड पर एक सूचना चिपका दी है जिसमें पूरे मामले के बारे में विस्तार से बताया गया है। साथ ही रेणु और नीलेश ने भड़ास4मीडिया के पास लिखित पत्र भेजकर अब भी साधना न्यूज से पहले की तरह जुड़े होने और आपस में अमर्यादित विवाद न होने की बात कही है। इन दोनों का कहना है कि काम के दौरान खबरों को लेकर बतकही, बहस, विवाद, कहासुनी, तनाव टीवी का रुटीन है, इससे कोई भी नहीं बच सकता, हम भी नहीं। नोटिस बोर्ड पर जो कुछ चस्पा है, वो इस प्रकार है-
टेलीविज़न के किसी भी न्यज़ रूम में काम का तनाव रहता है। ख़बरों को अपडेट करने के साथ, हर ख़बर को बेहतर ढंग से पेश करने के लिए दिन में कई बार साथियों के बीच नोकझोंक होती हैं लेकिन इसका मकसद केवल चैनल को और बेहतर मुकाम पर ले जाना ही होता है। हमारा अटूट विश्वास है कि बिना एकता के किसी बड़े लक्ष्य को नहीं पाया जा सकता है। हमारे यहां साथियों को अभिव्यक्ति की पूरी छूट है जिससे उनका आपसी सामंजस्य बढ़े और संस्थान को उनकी रचनात्मकता का पूरा फायदा मिल सके। न्यूनतम संसाधनों के बावजूद यदि साधना न्यूज़ के चैनल लगातार प्रगति कर रहे हैं तो इसमें सबसे बड़ा योगदान साथियों के आपसी तालमेल और मनोबल का ही है।
अपने साथियों की कड़ी मेहनत, आपसी सामंजस्य और रचनात्मकता की वजह से थोड़े ही समय में हम मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ में नम्बर वन हैं। यही नहीं बिहार-झारखंड में भी हमारी लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है। जहां एक तरफ कुछ न्यूज़ चैनलों ने मंदी के दौर में अपने कर्मचारियों की सैलरी कम की और छटनी कर वर्षों से काम कर रहे अपने कर्मचारियों को बेरोजगार कर दिया। वहीं साधना न्यूज़ ने न केवल मंदी के दौर में अपने कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाई बल्कि सैकड़ों लोगों को रोजगार भी दिया। यही नहीं संस्थान ने दीपावली के मौके पर कर्मचारियों को बोनस देकर उनके मनोबल बढ़ाने की पूरी कोशिश की।
ये सब हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि एक ख़बर के प्रसारण के तरीके को लेकर, हमारे दो साथियों के बीच दो दिन पहले हुई तक़रार को लेकर विवाद खड़ा करने की कोशिश हो रही है। अफवाह फैलाया जा रहा है। कई गलत बातें प्रचारित की जा रही हैं। सभी न्यूज़ चैनल इस समय वित्तीय दबाव में काम कर रहे हैं। हमारे जैसे नए प्रतिष्ठानों पर दबाव ज़्यादा है। ऐसे में अगर हमारे साथियों के मनोबल और आपसी भाईचारे पर प्रहार की कोशिश की जाती है तो इसे दुर्भाग्यपूर्ण ही कहा जाएगा। जो दो साथी उस दिन की तकरार में, जो कि कतई दुर्भाग्यपूर्ण नहीं थी, शामिल थे, उनके नाम रेणु और नीलेश है। किसी को भी अगर इस बारे में कुछ जानना हो तो कृपया इनसे बात ज़रूर कर लें। इनके मोबाइल नंबर साधना न्यूज के नोएडा आफिस में फोन करके लिए जा सकते हैं।
एक बार फिर कह दें कि साथियों का मनोबल और उनकी एकता ही हमारी सबसे बड़ी शक्ति है। जो कुछ भी सफलता हमने हासिल की है वो सिर्फ और सिर्फ साधना न्यूज़ रूम के पारिवारिक माहौल से ही प्राप्त हुई है। ये हमारे 300 से ज़्यादा साथियों की सामूहिक उपलब्धि है। हमें इस पर गर्व है। कृपया इस टीम के साथ सहयोग करें। मनोबल तोड़ने की अवांछित कोशिश, हमें मानसिक संताप दे रही है। ये कष्ट का समय है। हम सभी पत्रकारों, ब्लागों, पोर्टलों, अखबारों, टीवी चैनलों, मोबाइल एलर्ट सर्विसों…. से सहयोग की उम्मीद करते हैं। हमारी ग़लतियों को ज़रूर उदघाटित करें पर सनसनी फैलाने के लिए बात का बतंगड़ बनाने की प्रवृत्ति से हम सबको बचना चाहिए।
साधना न्यूज़ परिवार
raja
January 20, 2010 at 1:53 pm
sadhna is the best………lekin ye sach hai ki input me baithe log apas me ladayi karte hai jo apne stringaron ko bhi nahi bakhshate…..
चिन्मया
March 29, 2010 at 3:45 am
खबर को लेकर विवाद होना ही तो हमारे सचेतन होने की पहचान है