Connect with us

Hi, what are you looking for?

पॉवर-पुलिस

सहारा की गुंडई से त्रस्त ईडी अफसर ने खुद को 2जी जांच से हटाने की मांग की

2जी स्कैम की जांच करने वाले प्रवर्तन निदेशालय (इनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट) के अधिकारियों में से एक सहायक निदेशक राजेश्वर सिंह ने 2जी जांच से खुद को अलग करने की मांग कर डाली है. ऐसा इसलिए कि जबसे उन्होंने सुप्रीम कोर्ट को सहारा के उपेंद्र राय, सुबोध जैन आदि के द्वारा धमकाए जाने की बात सूचित किया है, उनके खिलाफ शिकायतों-आरोपों की बाढ़ आ गई है और वे इनका जवाब देते-देते परेशान हो चुके हैं.

<p style="text-align: justify;">2जी स्कैम की जांच करने वाले प्रवर्तन निदेशालय (इनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट) के अधिकारियों में से एक सहायक निदेशक राजेश्वर सिंह ने 2जी जांच से खुद को अलग करने की मांग कर डाली है. ऐसा इसलिए कि जबसे उन्होंने सुप्रीम कोर्ट को सहारा के उपेंद्र राय, सुबोध जैन आदि के द्वारा धमकाए जाने की बात सूचित किया है, उनके खिलाफ शिकायतों-आरोपों की बाढ़ आ गई है और वे इनका जवाब देते-देते परेशान हो चुके हैं.</p>

2जी स्कैम की जांच करने वाले प्रवर्तन निदेशालय (इनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट) के अधिकारियों में से एक सहायक निदेशक राजेश्वर सिंह ने 2जी जांच से खुद को अलग करने की मांग कर डाली है. ऐसा इसलिए कि जबसे उन्होंने सुप्रीम कोर्ट को सहारा के उपेंद्र राय, सुबोध जैन आदि के द्वारा धमकाए जाने की बात सूचित किया है, उनके खिलाफ शिकायतों-आरोपों की बाढ़ आ गई है और वे इनका जवाब देते-देते परेशान हो चुके हैं.

राजेश्वर सिंह के मुताबिक उनके खिलाफ करीब पचास से ज्यादा शिकायतें सहारा के एक पत्रकार ने कई सरकारी प्रतिष्ठानों में की हैं, और ये सभी शिकायतों जवाब देने के लिए उनके पास आ गई हैं. अब वे इन लंबी-चौड़ी शिकायतों का बिंदुवार जवाब दें या फिर 2जी घोटाले की जांच में सिर खपाएं, तय नहीं कर पा रहे. राजेश्वर सिंह के मुताबिक उनके 13 साल के सरकारी करियर में आज तक किसी ने एक भी कहीं पर लिखित शिकायत नहीं की. पर जबसे उन्होंने 2जी घोटाले में सहारा ग्रुप और सुब्रत राय सहारा के इनवाल्व होने की जांच शुरू की है और सहारा के पत्रकारों की तरफ से आए प्रलोभनों व धमकियों के बारे में सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया, उसके बाद से उनके खिलाफ शिकायतों की बाढ़-सी आ गई है. ये शिकायतें तभी अस्तित्व में आईं जब उन्होंने घोटाले में लिप्तता के बारे में पूछताछ के लिए सुब्रत राय सहारा को सम्मान भेजा.

सुब्रत राय और उनके मैनेजरों को भेजे गए इस सम्मन में सहारा ग्रुप से कई सवाल पूछे गए थे जिसमें खास सवाल 2जी स्पेक्ट्र आवंटन पाने में सफल रहने वाली टेलीकाम कंपनी एस टेल और सहारा ग्रुप के बीच वित्तीय लेनदेन के बारे में था. राजकेश्वर सिंह के मुताबिक उनके खिलाफ जो पचास शिकायतें पीएमओ, राष्ट्रपति कार्यालाय, विभिन्न मंत्रालयों को भेजी गईं, वे सभी वित्त मंत्रालय को फारवर्ड कर दी गईं जिसके अधीन प्रवर्तन निदेशालय है. अब उनका विभाग उनसे इन शिकायतों का जवाब मांग रहा है. जाहिर है, आरटीआई और अन्य तरीकों से दायर की गईं शिकायतें और पूछे गए सवालों का जवाब तो देना ही होगा. ऐसे में वह चाहते हैं कि उन्हें 2जी स्कैम की जांच से हटा दिया जाए ताकि वे अपने खिलाफ आरोपों का लिखित जवाब ठीक तरीके से दे सकें.

राजेश्वर सिंह का कहना है कि वह शिकायतों का जवाब देते देते थक चुके हैं. मैं इस सबसे परे जाना चाहता हूं. 2जी स्कैम से हटाए जाने की पहली अपील 7 जून को की थी. उसके बाद से करीब तीन बार यह अपील मैंने प्रवर्तन निदेशालय के अपने वरिष्ठों से की है. राजेश्वर सिंह बताते हैं कि उनके खिलाफ सभी शिकायतें पत्रकार सुबोध जैन ने की हैं जो सहारा का इंप्लाई रहा है और अब उसके बारे में कहा जा रहा है कि वह सहारा का हिस्सा नहीं है. पर सही बात तो यह है कि उसे सहारा प्रबंधन ने रणनीतिक तौर पर सहारा से दूर किया है.  वह बाहर रहते हुए भी सहारा का हिस्सा है और सहारा के इशारे पर काम कर रहा है. मैं सुबोध जैन के खिलाफ दूसरी कंटेप्ट याचिका दायर करने की तैयारी कर रहा हूं. सुबोध जैन ने सारी शिकायतें एक न्यूज चैनल को भेजी थीं और न्यूज चैनल ने उनसे उन शिकायतों पर टिप्पणी की मांग की. यह सब क्या है. यह परेशान करने और जांच को प्रभावित करने की ही तो चाल है.

राजेश्वर सिंह पूछते है कि सुबोध जैन ने उनके खिलाफ शिकायतें तब तक क्यों नहीं की थीं जब तक उन्होंने सहारा के सुब्रत राय को सम्मन नहीं भेजा था. सुब्रत राय को सम्मन फरवरी महीने में इशू किया गया था. सम्मन में राय से एसटेल कंपनी से लेनदेन व रिश्तों के बारे में पूछा गया था. ठीक उसी के बाद उनके आफिस में 25 सवालों का एक लेटर – लिफाफा मिला जिसमें उनसे उन शिकायतों का लिखित जवाब देने को कहा गया था. ये सारी शिकायतें बेहद निजी किस्म की थीं. सवालों को पूछे जाने के क्रम में लेटर में सबसे पहले यह लिखा था- सहारा न्यूज नेटवर्क (सहारा ग्रुप की मीडिया कंपनी) के कब्जे में आपसे संबंधित कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज हैं. इन दस्तावेजों में कई आपके परिजनों से भी संबंधित हैं. इन दस्तावेजों के आधार पर हम लोग एक स्टोरी सीरिज प्रकाशित करना चाहते हैं. पत्रकारीय नैतिकता कहती है कि हम आपको एक बार अपना पक्ष रखने का मौका दें ताकि स्टोरी में आपका भी पक्ष प्रकाशित किया जा सके.

25 सवालों में कुछ सवाल इस तरह के थे- आपने दस साल में 86 फोन कनेक्शन लिए. करीब दर्जन भर बढ़िया मोबाइल हैंडसेट खरीदे. इन सभी के लिए पैसे कहां से मिले? एक अन्य सवाल ये था- आपके पास तीन-चार सिमकार्ड हैं. उन्हें कैसे रिचार्ज करते हैं? आप की जीवनशैली काफी एलीट, लक्जरियस है. इसके लिए आप निजी कंपनियों से फेवर लेते हैं. ये निजी कंपनियां कौन कौन सी हैं. आपके पास कई पत्रकारों का एक नेटवर्क है जो खबरें प्लांट करते हैं. क्या इन पत्रकारों को आप भुगतान करते हैं? आपने 2010 में अपने बच्चे के जन्मदिन पर एक जोरदार और भव्य पार्टी की थी. किसने इस पार्टी को फंड किया किया था?

इन्हीं सब सवालों, धमकियों और प्रलोभनों के कारण राजेश्वर ने सुप्रीम कोर्ट में मानहानि याचिका दायर की. तब सुप्रीम कोर्ट ने सुब्रत राय, उपेंद्र राय और सुबोध जैन को प्रथम दृष्टया दोषी मानते हुए नोटिस जारी किया था और सहारा न्यूज नेटवर्क को इस प्रकरण के बारे में कुछ भी छापने से मना कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट के सख्त रुख के बाद घबराए सहारा प्रबंधन ने सुबोध जैन को टर्मिनेट कर दिया. इसके बावजूद सुबोध जैन ने राजेश्वर सिंह के खिलाफ शिकायतों को भेजने का क्रम जारी रखा. राजेश्वर के मुताबिक वे पिछले कई महीनों से 2जी स्कैम की जांच के बजाय अपने पर लगे आरोपों का जवाब दे रहे हैं.

सहीम सलीम लिखित यह खबर रिडीफ डाट काम के न्यूज सेक्शन में कुछ महीने पहले प्रकाशित हुई. अंग्रेजी से हिंदी अनुवाद किया भड़ास के एडिटर यशवंत सिंह ने किया है. इस प्रकरण से जुड़ी कई खबरें पहले भी भड़ास पर प्रकाशित हुई हैं, जिसे नीचे दिए गए शीर्षकों पर क्लिक करके पढ़ सकते हैं–

2जी के लपेटे में आए सुब्रत राय, सुप्रीम कोर्ट की तरफ से अवमानना नोटिस

Advertisement. Scroll to continue reading.

देशभक्ति का दिखावा करने वाले सहारा समूह ने मधु कोड़ा से भी खाए पैसे

सहारा ने खुद को बेदाग बताया

आश्चर्यजनक और अविश्वसनीय – सहाराश्री ने दी सफाई

काम न आया जोड़तोड़, सीबीआई ने केस दर्ज किया

राडिया से रिश्ता महंगा पड़ रहा, सीबीआई ने जांच शुरू की

उपेंद्र राय के खिलाफ जांच तेज करने के निर्देश

मैं सिर्फ एक बार ईडी अधिकारी राजेश्वर सिंह से मिला हूं : उपेंद्र राय

कारस्तानी उपेंद्र राय की और दांव पर साख सहारा के मीडियाकर्मियों की

13 को सुप्रीम कोर्ट में होगी उपेंद्र राय के खिलाफ सुनवाई

Advertisement. Scroll to continue reading.

तीन महीने में हो जाएगा उपेंद्र राय की किस्मत का फैसला

सीबीआई को उपेंद्र राय के खिलाफ नहीं मिला कोई साक्ष्य!

एक आईपीएस को निपटाने में जुटा राष्ट्रीय सहारा अखबार

सहारा समूह से भिड़े राजकेश्वर की बहन हैं मीनाक्षी

उपेंद्र राय ने भी की थी नीरा राडिया से बातचीत

उपेंद्र राय और नीरा राडिया के बीच बातचीत का टेप

ये जो प्रदीप राय है, वो यही तो काम करता है

Click to comment

0 Comments

  1. prateek

    October 4, 2011 at 11:08 am

    sahara isi tarah se logo ko blackmail karta hai u.p.a. govt is group par kaarbai kyo nahi karti.prateek

  2. prashant

    October 4, 2011 at 3:11 pm

    isme galat kya hai, agar shikayaten hain to jawab dijiye. iska uttar to waisa hi hai ki har kaam kabhi n kabhi to hota hi hai. agar aap sachche hain to batane me dar kaisa.

  3. rajesh rai

    October 5, 2011 at 6:48 am

    जब भी किसी अखबार में खबर छपती है —”फलां गुंडे का आतंक” तब वह गुंडा बहुत खुश होता है. उस का कारोबार इसी से चलता है. सहारा ने यह स्थापित कर रखा है कि उसकी गुंडई ईडी अफसर पर भी चलती है तब कई शिकायतकर्ता दर जाते है. ….लेकिन याद रखना चाहिए कि क़ानून बहुत बड़ा और ताकतवर होता है. जैसे कलमाड़ी, कनिमोझी, अमर सिंह ये समझ बैठे थे कि वे अजर अमर हैं और कोई उनका बाल भी बांका नहीं कर सकता, आज जेल में हैं. सहारा के मालिक भी जेल में होंगे, अगर वे विदेश नहीं भागे तो….इसीलिये विदेशों में जमीन जायजाद खरीदी जा रही हैं.

  4. kumarkalpit

    October 5, 2011 at 8:49 pm

    logon ko darane-dhamkane ke liye hee media line me aaya hai sahara…

  5. GOPAL PRASAD

    December 8, 2011 at 9:46 pm

    This is yellow journalism.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You May Also Like

Uncategorized

भड़ास4मीडिया डॉट कॉम तक अगर मीडिया जगत की कोई हलचल, सूचना, जानकारी पहुंचाना चाहते हैं तो आपका स्वागत है. इस पोर्टल के लिए भेजी...

टीवी

विनोद कापड़ी-साक्षी जोशी की निजी तस्वीरें व निजी मेल इनकी मेल आईडी हैक करके पब्लिक डोमेन में डालने व प्रकाशित करने के प्रकरण में...

Uncategorized

भड़ास4मीडिया का मकसद किसी भी मीडियाकर्मी या मीडिया संस्थान को नुकसान पहुंचाना कतई नहीं है। हम मीडिया के अंदर की गतिविधियों और हलचल-हालचाल को...

हलचल

: घोटाले में भागीदार रहे परवेज अहमद, जयंतो भट्टाचार्या और रितु वर्मा भी प्रेस क्लब से सस्पेंड : प्रेस क्लब आफ इंडिया के महासचिव...

Advertisement