अमर उजाला, बरेली के एचआर हेड हरीश राघव का इस्तीफा : कानपुर से सूचना है कि राष्ट्रीय सहारा अखबार में क्राइम की एक खबर में अपशब्दों का इस्तेमाल करने वाले क्राइम रिपोर्टर की छुट्टी कर दी गई है. इनका नाम मनीष है. पता यह भी चला है कि इस गल्ती के लिए कई वरिष्ठों की सेलरी भी काटी गई है. हालांकि इसकी आधिकारिक तौर पर अभी पुष्टि नहीं हो पाई है. सूत्रों का कहना है कि गल्ती प्रकाशित होने और इसके भड़ास4मीडिया में छप जाने के बाद सहारा के शीर्ष प्रबंधन ने दोषियों को शिनाख्त कर कार्रवाई करने के लिए कह दिया था.
अमर उजाला, बरेली के एचआर हेड हरीश राघव ने इस्तीफा दे दिया है. कुछ लोगों का कहना है कि प्रबंधन ने उनसे इस्तीफा देने को कहा था. वहीं कुछ लोग बताते हैं कि पीएफ के पैसे के ट्रांसफर का कोई मामला था जो प्रबंधन के संज्ञान में आया और इस कारण हरीश राघव को इस्तीफा देने के लिए कहा गया. हरीश राघव से उनका पक्ष जानने के लिए जब भड़ास4मीडिया की तरफ से फोन किया गया तो उनका मोबाइल नंबर स्विच आफ मिला.
shailendra rishi
May 15, 2010 at 5:57 am
aaj ke samay mein sabhyta purn likhna bhi to gali hi ban gaya hai aisemein yadi khule taur per gali likh di to kya burai?
kamta
May 15, 2010 at 8:37 am
यशवंत जी, मेरी जिंदगी का सबसे बेहतरीन इंट्रो था। दिल बाग-बाग हो गया। खबर छापकर आपने एक भले पत्रकार को बेरोजगार करवा दिया।
आलोचना स्वीकार करें।
ROCKY RANJAN, PATNA
May 15, 2010 at 3:09 pm
PRESSKERMI KO HATHANA TO THICK HAI LAKIN ISKE AALAWAY AUR LOG V DOSI HAI YOUN PUR V KARWAI HO
SANJAY
May 15, 2010 at 6:33 pm
patna hindustan se jahanabad edition ke 3 no page par ” boor ke tender” chhap gaya to bo nahi diye bhasad par
Media Observer
May 16, 2010 at 2:15 am
It should be done. How you can do such kind of irresponsible job. Being a journalist you are expected to show a mirror to society. But there are some other person also who did their job with so irresponsible way. What Dy. NE and NE were doing? If they are not responsible for what is publishing in their newspaper, why they are getting heavy salary. Are they responsible for good only? They should resign on moral ground.
sudipt vatsav
May 16, 2010 at 3:49 am
kewal nikal dena kafi nahhi. aage se aisi galti na ho ? isse samaj par bahut bura asar parta hai aur jab loktrant ka 4th sthamv hi aisi galti kare……………………?
Gajendra Rathore
May 16, 2010 at 3:10 pm
नमस्कार यशवंत जी, खबर देख कर अच्छा लगा, सर मेरा मानना है कि आज भी पाठक शब्द की जाँच के लिए और नए शब्दों के लिए अख़बार को ही देखता है, और आप ने खबर छाप कर बहुत अच्छा किया!
जीत भाटी
May 16, 2010 at 8:58 pm
यशवंत जी, आपके पोर्टल पर तो कमेंटस के दौरान सबसे ज्यादा
गाली-गलोच व अभद्र भाषा का प्रयोग होता है, इस संबंध में आप क्या
कदम उठाने वाले है
आपसे गुज़ारिश है कि आप अपने इस पोर्टेल की पवित्रता को बनाए रखे
लोगों को केवल भडास निकालने का मौका दो गंद फैलाने का नहीं…
उम्मीद है की आप अवश्य ही सकारात्मक कदम उठाऐगे
आपका अनुज
जीत भाटी
EKHLAQUE
May 19, 2010 at 7:29 am
YASHWANT JI, ACCHA HUA GALI LIKHNE WALE PATRAKAR KI CCHUTTI KARA DI APNE. INKE BHITAR PATRAKAR NAHI BALKI {PANIYA FAAR SAMACHAR} KA SAMPADAK BANNE KA TAILENT HAI.