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श्याम सुंदर को सहारा ले आए संजीव श्रीवास्तव

सहारा मीडिया में जमे-जमाए लोगों को किनारे कर अपने लोगों का लाने का काम संजीव श्रीवास्तव ने शुरू कर दिया है. संजीव बीबीसी रेडियो हिंदी से आए हैं, सो उनके पीछे-पीछे बीबीसी रेडियो हिंदी से कुछ लोगों के आने की संभावना शुरू से ही जताई जा रही थी. पता चला है कि बीबीसी के साथ दशक भर से ज्यादा समय तक काम करने वाले श्याम सुंदर ने अपना इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने सहारा समय ज्वाइन करने की तैयारी कर ली है.

<p align="justify">सहारा मीडिया में जमे-जमाए लोगों को किनारे कर अपने लोगों का लाने का काम संजीव श्रीवास्तव ने शुरू कर दिया है. संजीव बीबीसी रेडियो हिंदी से आए हैं, सो उनके पीछे-पीछे बीबीसी रेडियो हिंदी से कुछ लोगों के आने की संभावना शुरू से ही जताई जा रही थी. पता चला है कि बीबीसी के साथ दशक भर से ज्यादा समय तक काम करने वाले श्याम सुंदर ने अपना इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने सहारा समय ज्वाइन करने की तैयारी कर ली है. </p>

सहारा मीडिया में जमे-जमाए लोगों को किनारे कर अपने लोगों का लाने का काम संजीव श्रीवास्तव ने शुरू कर दिया है. संजीव बीबीसी रेडियो हिंदी से आए हैं, सो उनके पीछे-पीछे बीबीसी रेडियो हिंदी से कुछ लोगों के आने की संभावना शुरू से ही जताई जा रही थी. पता चला है कि बीबीसी के साथ दशक भर से ज्यादा समय तक काम करने वाले श्याम सुंदर ने अपना इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने सहारा समय ज्वाइन करने की तैयारी कर ली है.

उपेंद्र राय अपने साथ स्टार न्यूज से रजनीकांत सिंह को पहले ही ले आए हैं. इस तरह संजीव और उपेंद्र की जोड़ी ने अपने-अपने पूर्व संस्थानों से एक-एक वरिष्ठ को सहारा का दामन थमा दिया है. सूत्रों के मुताबिक रजनीकांत सिंह के सहारा के न्यूज चैनलों का आउटपुट हेड बनाया जा सकता है. इसी तरह श्याम सुंदर के बारे में चर्चा है कि उन्हें इनपुट हेड की जिम्मेदारी दी जा सकती है. सूत्रों के मुताबिक बीबीसी और स्टार न्यूज से कुछ और लोग सहारा ज्वाइन कर सकते हैं.

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0 Comments

  1. rajdev pandey

    February 7, 2010 at 10:49 am

    thanks
    giuiop’ oijkyuiou

  2. afsar.alam

    February 7, 2010 at 10:56 am

    Wah re media

  3. sahab pranam !

    February 7, 2010 at 12:40 pm

    लाला जी बंद करो ये रखने निकलने की ठेकेदारी …

    “लाला जी “….उर्फ़ दामाद इसलिए कहना पद रहा है,क्योंकि पारिवारिक परंपरा में दामाद को लाला जी कहा जाता है.. ये सहारा का दुर्भाग्य या फिर दिल खुश करने के लिए सौभाग्य कह ले, कि एक और बड़ा लाला “संजीव श्रीवास्तव” के रूप में मिला.लाला बड़ा है,तो काम भी बड़े कर रहा है .आते ही “जन मन गण” किया .एक दो बार नहीं सहारा के सभी चेंनेलो पर…….. कई दिनों तक ये जनाब लोगो को संबिधान याद दिलाते रहे..पर अभी भी देश वही है ,चैनल भी वही है, पर लाला जी ४ कदम जरूर आगे बाद गए….बड़े भी क्यों न? बड़े साहब के करीबी है…मैदान में खेलने से पहले लाला जी ने कंचा,भोरा,गिल्ली डंडा,पिट्ठू, चीठी धप्प,और कई पारंपरिक खेल के छोटे मैदानू को एक किया…भाई लाला जी है तो बात तो मानना ही पड़ेगी..जिसने नहीं मानी तो उसकी छुट्ठी तय…कई के साथ हुआ भी यही और अभी हो रहा है ,मैं क्या लिख रहा हूँ ये बात शायद कई लोग समझ न पा रहे होंगे क्योकि सच को झूठ के प्रमाण कि जरूरुत होती है ..पर ये बाते लाला जी से जुड़े लोग जरूर समझते है….लाला जी घरेलु खेल में ज्यादा भरोसा नहीं करते…इनका अपना खेल है….उनसे खेल कैसे सीखे? ये बात तो दूर की है, पहले तो ये समझना पड़ेगा, कि खेल कौन सा है?….वैसे ठेकेदारी का एक भी गुर हो तो खेल का नाम लेकर ही आप जीत जाओगे …और जब कोई हारा ही नहीं, तो ट्रोफी,मैन ऑफ़ दा मैच और सारे अवार्ड तो आपके ही है…कोई आप से सवाल जबाब भी नहीं करेगा ..समय भी यही कह रहा है,यू पी से लेकर बिहार, ऍम पी सी जी से लेकर राजधानी दिल्ली,और मायानगरी बम्बई तक लाला जी के रहस्मय खेल की चर्चा है .लाला बहुत कठिन होते है और मुश्किल से भी मिलते है.ये सबाल अलग है, कि सहारा को लाला जी मिले या फिर लाला जी को सहारा? …रामलीला महाभारत के लिए जैसे कोई मंडली तैयार करना हो इस लिए कठिन देवता भी उपेन्द्र,श्याम और अब मुझसे और न बुलबाये…..विशेष विमान से बुलवाए जा रहे है ….क्या चैनल में पहले से जो लोग है, वो बदसूरत है? इसलिए सुन्दर किस्म और भगवानो के नाम वाले लोगो को लाया जा रहा है…मैंने पहले ही कहा है बड़े कठिन लोग है,ये लोग किसी बात पर रुस्थ हो जाये तो अंतर्ध्यान हो जाते है..आपने पहले भी देखा सुना होगा…विज्ञानं के युग में यह लोग कठिन शार्प देकर अंधविश्वास को भी इज्ञान बना देते है.ठेकेदारी का जो गुर है… पहले से फजीहत झेल रहे चैनल के मजदूर इस बात से और डरे बैठे है……कोन मुह खोले ….जिसने बोला उसके सामने लाला जी का स्पेशल एक घंटे का “जन मन गण” रिकॉर्ड है…..झेलो ……..कठिन लाला जी की कठिनाईया भी है,…बेचारे कैसे बड़े साहब को बताये ….कि उनके मंदिर में कई मुर्तिया ऐसी है, जो सालो से गणेश जी की तरह दूध पी रही है…चाय के लिए कई बार तो दूध भी ख़तम हो गया ….पर कौन बोलता …सूढ़ वाले गणेश जी !….स्टाफ के किसी आदमी को यदि चाय पीना हो तो,उसे उठकर कैंटीन या फिर पास के ठेले में जाना पड़ता है….हालाकी लाला जी को अपने खेल और खिलाडियों पे पूरा बिश्वास है…ठेका युग में अपने ठेके के तरीके पर भी ….बहुत सुंदर है ,बहुत ही सुंदर …..
    ……

  4. sahab pranam !

    February 7, 2010 at 12:44 pm

    Lala G Stop the contractor out to …

    “Lala’s office says law “…. So Urf law, son-in because of family tradition is called Lala G. .. This support for the misfortune or fortune telling to please take heart, that another big Lala “Sanjeev Srivastava,” as found. Lala is larger, the work is too large. As soon as “Gana public mind” did. A two-time support on all Chennelo …….. Several days are reminders that dude .. but still Smbidhan logo is the same country, same channel, but after Lala G 4 steps forward were definitely too big …. why not? Big Boss is close … in the field before playing Lala ji Kancha, Bhora, Gilly danda, Pittu, Chiti Dpp, and many traditional sports have … brother Lala G is a small Madanu thing to believe will not agree .. who was with her too many Cutti fixed … and now this is happening, what I’m writing this from many people probably can not be understood because the truth lies is proof that Jrurut Those in G. .. but these things definitely understand …. lala lala … they do not live domestic game more confident in my game …. learn how to play them? It has to speak, first have to understand it, the game which is one of the tricks ?…. Well contractor’s name, then the game will win … and when someone lost if you do not, then Trofi, Man is off da match and your entire award … No you will not even answer the question .. is asking the same time, Yu P, from Bihar, Delhi, from G ऍम PC, and Bollywood Lala is about to Bombay G games Rhsmay. Lala are very difficult to get even more difficult. Sbal It’s different, that the Sahara Lala Lala ji or get live support? As for a team to prepare … Ramlila Mahabharata are also the gods hard to Upendra, Shyam and me and no longer specific aircraft Bulbaye Bulwaa are going ….. …. what channels people who already , he’s ugly? So beautiful and kind people with the name of Bgwano Fetching … I have already said is very difficult people, these people get over something, then disappeared Rusth go .. see you have heard before .. . विज्ञानं people in an era of superstition even harder by Sharpe’s इज्ञान make. contractor who has skills … Already facing channel embarrassed and scared about this worker is sitting in front of him said that Lala …. …… cone mouths open one hour live special of “public mood Gana” record …. . …….. Jelo is difficult Ktinaiya Lala law, … how poor that his boss informing …. many Murtia temple is such that in years like Ganesha drinking milk … for tea sometimes has been perfecting milk …. Who speaks on … the Sudh Ganesha If any man !…. staff tea, then got up her canteen or have to go to nearby handcart …. and the players on their game Halaki Lala ji … contract period is completed Biswas on his contract the way …. very beautiful, very beautiful …. .
    ……

  5. khota

    February 7, 2010 at 12:57 pm

    shyam sunder ko iske alwak kahin aur noukari mil nahi sakti thee. dhanya ho chamchawadd…

  6. lalla

    February 8, 2010 at 12:30 am

    क्या दिल खोल कर लिखा है कइयों की तो पेंट खुल जाएगी यह पड़कर .वैसे पड़े फ़ारसी बेचें तेल वाली कहावत लाला जी पर खरी बैठती है.

    लल्ला

  7. Ram kumar

    February 8, 2010 at 1:42 pm

    यशवंत जी मैं भी कभी सहारा में परिवार में हुआ करता था। लेकिन कुछ लाला जी ऐसे ही आएं…जिन्होंने हम जैसे मजदूरों को ध्याड़ी से हटने को कह दिया क्योंकि इनको अपने मजदूरों को हमारी जगह रखना था। संजीव श्रीवास्त भी उन्हीं लालाओं में से एक है..जो कुछ पुराने मजदूरों का घर उज़ाड कर अपने मजदूरों को ध्याड़ी पर रख रहे है..और रखेगें भी…उन्हें फर्क क्या पड़ता है…किसी पुराने मजदूर को बाहर फैकने से…क्योंकि उनका अपना मजदूर जो अब ज्यादा ध्याड़ी पर पुराने मजदूरों की जगह लग गए है…भले ही दूसरी जगह उनके मजदूर की औकात धेले भर की रही हो…।
    यशवंत जी एक ब्रेकिंग न्यूज़ मैं भी आपको देना चाहूंगा…जो की मुझे बीबीसी के सौजन्य से ही मिली है…संजीव श्रीवास्तव को लेकर सौ आने सच है…ख़बर ये हैं कि संजीव श्रीवास्व का बीबीसी से लगभग पता साफ होने वाला था…और उन्हें एक अदद नौकरी की शक्त आवश्यकता था….जो कभी इन्होंने सहारा श्री का साक्षात्कार किया था..तो उसे इन्होंने भुना ही लिया…जनगणमन जो कार्यक्रम इनके माध्यम से प्रसारित हुआ था…उसकी तारीफ आपने भी सुनी ही होगी…क्या सेट था..क्या भाषा थी…और क्या तरीका था…आप चर्चा सुन ही रहे होगे…हम तो प्रार्थना करेगें…बेचारे सहारा कर्मियों के लिए…जिनका वास्ता इन लाला जी से नहीं हुआ…कि हे ईश्वर इनकी रोजी-रोटी बचाए रखना…..रामकुमार…दिल्ली

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