सहारा में संजय कंटेंट एडिटर हुआ करते थे. करीब सात वर्षों तक संजय आजतक में रहे हैं. पाठक तब ‘आजतक’ में रिसर्च और प्लानिंग का काम संभाल रहे थे. ‘हेडलाइंस टुडे’ में संजय पाठक स्पेशल, एसाइनमेंट और फारवर्ड प्लानिंग का काम देखेंगे.
आजतक के बाद संजय पाठक ‘समय’ के साथ जुड़े जहां उन्होंने आउटपुट का जिम्मा संभाला था. ‘समय’ की टीआरपी और कार्यप्रणाली को पटरी पर लाने में संजय पाठक का अहम योगदान माना जाता है. संजय पाठक को मीडिया में 16 सालों का अनुभव है और इससे पहले वे कई विभिन्न संस्थानों में अपनी सेवाएं दे चुके हैं.
संजय को साहित्य का शौक है. हिंदी कविता उनकी दीवानगी है. वे आजकल भारतीय चुनाव प्रणाली पर एक किताब भी लिख रहे हैं जो शीघ्र ही आनेवाली है. झारखंड के लातेहार जिले के रहने वाले संजय जैन टीवी, सी वोटर और आंखों देखी में भी काम कर चुके हैं.
उधर, जम्मू से सूचना है कि पुलवामा में हेडलाइंस टुडे के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. इस चैनल के खिलाफ मुकदमा एक गलत खबर प्रसारित करने के बाद दर्ज कराया गया. प्रशासन का कहना है कि चैनल ने गलत खबर प्रसारित कर अफवाह फैलाने का काम किया है. इस कारण उसके खिलाफ आईपीसी की कई धाराओं में आपराधिक साजिश रचने का मामला दर्ज किया गया है.
अभिषेक
August 5, 2010 at 8:23 pm
‘समय’ में कभी टीआरपी और कार्यप्रणाली पटरी पर आई ही नहीं तो फाटक बाबा क्या उखाड़ लेते? हां, बढ़िया नौकरी पा गए थे रिटायरमेंट तक का सोच के… लेकिन अब राय साहब के आने से माहौल बदला तो और बढ़िया वापसी पा गए. किस्मत के धनी हो फाटक बाबा.