पर्ल ग्रुप से खबर है कि वरिष्ठ पत्रकार श्रीकांत त्रिपाठी की पर्ल मीडिया के भीतर मुख्यधारा में वापसी हो गई है. सूत्रों के मुताबिक श्रीकांत को पर्ल के प्रिंट मीडिया के प्रोजेक्ट का ग्रुप एडिटर बनाया गया है. आज उन्होंने पर्ल मीडिया के नोएडा स्थित आफिस जाकर काम संभाल लिया. श्रीकांत त्रिपाठी की अगवानी निदेशक केसर सिंह समेत कई वरिष्ठ लोगों ने की. श्रीकांत त्रिपाठी की वापसी को ज्योति नारायण के अधिकारों में कटौती की चर्चाओं से ही जोड़कर देखा जा रहा है. श्रीकांत त्रिपाठी ‘शुक्रवार’, ‘बिंदिया’ और ‘मनी मंत्रा’ ग्जीन के ग्रुप एडिटर हुआ करते थे. बाद में उन्हें इन मैग्जीनों से हटा दिया गया था.
श्रीकांत की जगह प्रदीप पंडित को ‘शुक्रवार’ का एडिटर बनाकर बिठाया गया जो अभी भी इस मैग्जीन को संपादक के रूप में देख रहे हैं. अब यह माना जा रहा है कि श्रीकांत त्रिपाठी के ताकतवर होने के बाद मैग्जीनों में काम कर रहे कुछ ऐसे लोगों को निशाना बनाया जा सकता है जो ज्योति नारायण के काफी करीबी माने जाते हैं. इनमें शुक्रवार के एडिटर प्रदीप पंडित और ‘मनी मंत्रा’ मैग्जीन के एडिटर अवनीश मिश्रा हैं. पर्ल से जुड़े कुछ सूत्र कहते हैं कि श्रीकांत त्रिपाठी की वापसी तो हो गई है लेकिन उनके प्रिंट सेक्शन के ग्रुप एडिटर होने की बात जो प्रचारित की जा रही है, वह सही नहीं है. पर इनका यह भी कहना है कि पर्ल मीडिया में इन दिनों कुछ भी हो सकता है, इसलिए किसी भी चीज के बारे में पहले से कोई दावा कर पाना सही नहीं होगा.
श्रीकांत त्रिपाठी के पर्ल मीडिया में फिर से सक्रिय हो जाने के बाद माना जा रहा है कि पर्ल ग्रुप द्वारा अखबार निकालने का प्रोजेक्ट फिर से गति पकड़ेगा. काफी समय से यह प्रोजेक्ट श्रीकांत त्रिपाठी के साथ ही लंबित पड़ा हुआ था. अंदरखाने की उठापटक के कारण भी अखबार लांच करने का काम ठंडा पड़ा था. अब जबकि यह स्पष्ट होता जा रहा है कि पर्ल समूह में श्रीकांत की हैसियत पहले से ज्यादा मजबूत हो रही है तो यह भी माना जा रहा है कि श्रीकांत के नेतृत्व में ही अखबार की लांचिंग की जाएगी.
उधर, श्रीकांत की पर्ल मीडिया की मुख्य धारा में वापसी को ज्योति नारायण के साइड लाइन किए जाने से जोड़कर देखा जा रहा है. सूत्रों का कहना है कि ज्योति नारायण के चलते ही श्रीकांत त्रिपाठी को ‘शुक्रवार’ से हटना पड़ा था. इसका मलाल श्रीकांत को काफी अंदर तक था. पर्ल ग्रुप के चेयरमैन भंगू के करीबी होने के नाते श्रीकांत को पर्ल ग्रुप से ज्योति नारायण बाहर नहीं करा पाए लेकिन मुख्य धारा से हटाकर करीब-करीब साइडलाइन करा दिया था. अब श्रीकांत मजबूत बनकर फिर वापस आए हैं तो चर्चा ए आम है कि ज्योति नारायण की ज्योति वाकई धीमी पड़ चुकी है.
शेष नारायण सिंह
June 4, 2010 at 3:45 pm
श्रीकांत त्रिपाठी को जो लोग साइडलाइन मान रहे थे, वे उन्हें जानते नहीं. श्रीकांत जी को समझ पाना कोई आसान काम नहीं है . मैं उन्हें ने ५ प्रतिशत समझने का दावा करता हूँ , हो सकता है मैं अतिश्योक्ति का शिकार हो रहा हूँ .अपने आप को बढ़ा चढ़ा कर आंक रहा हूँ .उनकी शख्शियत का बाकी हिस्सा कबीर साहेब के निर्गुण की तरह है .. वे आप से घंटों बात करते रहेंगें और मजाल क्या कि आप उनसे वह बात जान लें , जिसे वे आप को बताना नहीं चाहते. और अगर वे आपको कुछ बताना चाहते हैं तो एक या डेढ़ वाक्य में पूरी बात समझा देंगें . जब शुक्रवार का प्रवेशांक निकला था तो मैं वहां गया था . आमंत्रित था मैं . ज्योति नारायण को मैंने देखा था, वे कारपोरेट कल्चर के आदमी हैं .श्रीकांत त्रिपाठी जैसे आचार्य विष्णुगुप्त चाणक्य की परंपरा की आत्मा से उन्हें दब कर रहना चाहिए था. लेकिन बेचारे जल्दी में थे और सब कुछ गँवा बैठे. अभी तो उन्हें कई महीने बाद तक पता चलता रहेगा कि उनका नुकसान कितना हुआ है ..और हो सकता है कि इस काम में भी उनको त्रिपाठी जी से ही मदद लेना पड़े. उन्हें मालूम होना चाहिए कि श्रीकांत त्रिपाठी का जन्म जिस इलाके में हुआ था, वहीं कहीं स्वर्गीय घाघ भी पैदा हुए थे.
Arjun Sharma
June 6, 2010 at 7:44 am
shrikant ji ke kad kathi ke sampadak bahut kam hain. perl group bewakoofon ka group nahin hain wahan bhawishya per nazar rakhne wale log bhi nhain, yeh baat to isi tathya se pramaanit hoti hai ki group ne jyoti narayan ki jaldbazi ke baawzood tripathi ji ko pewilian main to bithaye rakha per team se bahar nahi kiya. 6 month ke waqfe ke baad kam se kam jyoti narayan dawara duboi naav ka khewanhaar to perl ko mil gaya. yeh group media main sachmuch kuch kar dikhayega. yaad rahe perl ke chairman Sh. bhangu ji vijay dixit jaise satahi khiladi nahin hain
DHARMESH SHUKLA
June 6, 2010 at 5:30 pm
KUCH BAT HAI KE HASTI MIT-TI NAHI HAMAARI
SADION RAHA HAI DUSHMAN DAU-E-ZAMAAN HAMAARA
DHARMESH SHUKLA
June 6, 2010 at 5:33 pm
KUCH BAT HAI KE HASTI MIT-TI NAHIN HAMAARI
SADION RAHA HAI DUSHMAN DAUR-E-ZAMAAN HAMAARA
Chakrapani
June 7, 2010 at 9:42 pm
Badhai ho sir!!! Badhai!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!1
Chakrapani
June 7, 2010 at 9:44 pm
badhai and dher saari shubhkaamnayen.
pankaj vashistha
June 8, 2010 at 3:50 pm
aadar ke yogya tripaathi ji
fateh karne ki aapko hardiq badhai
kuch log hamesha gamo ke geet gaate han ,
holi ho ya diwli sada matam manate han,
magar duniya unhi ki ragini par jhoomte dekhi
jalti chita par baith kar jo veena bajate han
hardiq badhai
pankaj vashistha
June 8, 2010 at 3:52 pm
hardiq shubh kamnae
raja
June 11, 2010 at 8:03 pm
shesh narayan jee
Aap shrikant jee ki tarif ker rahe hain ya unki baja rahe hain?