गांधीजी की सेक्स लाइफ के बारे में पंद्रह साल के अध्ययन-शोध के बाद ब्रिटिश इतिहासकार जैड ऐडम्स ने पिछले दिनों जिस किताब “गांधीः नैक्ड ऐंबिशन” का लेखन किया और लंदन में इसका विमोचन किया गया, उस किताब के कुछ अंशों को प्रकाशित करने पर नागपुर में बखेड़ा खड़ा हो गया है.
एसएन विनोद के प्रधान संपादकत्व वाले अखबार ‘दैनिक 1857’ में बीते रविवार को इस किताब के अंश को प्रकाशित किया गया और आगे के अंकों में कुछ और अंश देने की बात कही गई थी. पर कांग्रेस व अन्य पार्टियों के लोगों ने अखबार के खिलाफ आंदोलन शुरू किया तो अन्य अंशों का प्रकाशन रोक दिया गया. पर विरोध आंदोलन तब भी नहीं रुका और कई नेताओं ने अखबार के संपादक को जान से मारने की धमकी दे डाली. विरोध आंदोलन में जो कुछ कहा गया, किया गया, उसका प्रकाशन आज ‘दैनिक 1857’ ने किया है.
साथ ही आज ‘दैनिक 1857’ में यह भी बताया गया है कि इस किताब के अंशों को अंग्रेजी-हिंदी समेत कई भाषाओं के अखबारों और कई वेबसाइटों ने प्रकाशित किया है पर विरोध उन सभी का तो नहीं हो रहा है, केवल ‘दैनिक 1857’ का ही विरोध क्यों? कहीं ऐसा तो नहीं कुछ लोग निहित स्वार्थों के कारण ‘दैनिक 1857’ और इसके प्रधान संपादक एसएन विनोद के पीछे पड़ गए हैं. इस पूरे मामले को समझने के लिए आप ‘दैनिक 1857’ में प्रकाशित खबरों की कटिंग देख सकते हैं, जो इस प्रकार हैं, क्लिक करें-
आप इन खबरों को ‘दैनिक 1857’ की वेबसाइट पर भी देख सकते हैं, क्लिक करे इन लिंक्स पर…
karn dev
May 5, 2010 at 1:25 pm
kisi kitab ke bare me chapna koi galat bat nahi hai kintu gandhi ji ko jyadatar bhartiya logo ne bhagvan man liya hai isliye kuch log yah sab bardast nahi kar pa rahe hain ya aisa bhi ho sakta hai ki……………………….?
harish singh
May 5, 2010 at 6:09 pm
bevajah bhadas nikal rahe hain log. kisi kitab ke bare me chhapne par baval kyon.
SNEHAKHARE
May 5, 2010 at 6:57 pm
jha tak khabar ka swal he khabar puri emandari se likhi gyi he. but khabar ki heding sansni falane ke maksad se di gyi prteet hoti he . mai heding ko galat nhi dhahra rhi par uski vjah se jyatar longo ne to bina pde hi virodh shuru kar diya hoga .
jha tk khabar ko lekar hngame ki bat he to chutbhaiye netao ko baithe bithaye ek mudda mila to kyo chodenge