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बड़े अभियानों की जानकारी नहीं मिलेगी मीडिया को

मीडिया से बातचीत के लिए दिशानिर्देश का ड्राफ्ट पेश : दिल्ली सरकार ने गुरुवार को हाईकोर्ट में पुलिस के मीडिया बातचीत से संबंधित ड्राफ्ट गाइडलाइन्स पेश की है। सरकार ने दिशानिर्देशों से संबंधित ड्राफ्ट में कहा है कि अपराधियों और आतंकियों को पकड़ने के लिए जरूरी है कि बड़े अभियानों से संबंधित जानकारियों का खुलासा मीडिया के लोगों से न किया जाए। दिल्ली के पुलिस आयुक्त वाईएस डडवाल की ओर से तैयार इस ड्राफ्ट को चीफ जस्टिस एपी शाह और जस्टिस राजीव सहाय की पीठ के समक्ष पेश किया गया।

<p align="justify"><font color="#003366">मीडिया से बातचीत के लिए दिशानिर्देश का ड्राफ्ट पेश :</font><font color="#c0c0c0"> </font>दिल्ली सरकार ने गुरुवार को हाईकोर्ट में पुलिस के मीडिया बातचीत से संबंधित ड्राफ्ट गाइडलाइन्स पेश की है। सरकार ने दिशानिर्देशों से संबंधित ड्राफ्ट में कहा है कि अपराधियों और आतंकियों को पकड़ने के लिए जरूरी है कि बड़े अभियानों से संबंधित जानकारियों का खुलासा मीडिया के लोगों से न किया जाए। दिल्ली के पुलिस आयुक्त वाईएस डडवाल की ओर से तैयार इस ड्राफ्ट को चीफ जस्टिस एपी शाह और जस्टिस राजीव सहाय की पीठ के समक्ष पेश किया गया।</p>

मीडिया से बातचीत के लिए दिशानिर्देश का ड्राफ्ट पेश : दिल्ली सरकार ने गुरुवार को हाईकोर्ट में पुलिस के मीडिया बातचीत से संबंधित ड्राफ्ट गाइडलाइन्स पेश की है। सरकार ने दिशानिर्देशों से संबंधित ड्राफ्ट में कहा है कि अपराधियों और आतंकियों को पकड़ने के लिए जरूरी है कि बड़े अभियानों से संबंधित जानकारियों का खुलासा मीडिया के लोगों से न किया जाए। दिल्ली के पुलिस आयुक्त वाईएस डडवाल की ओर से तैयार इस ड्राफ्ट को चीफ जस्टिस एपी शाह और जस्टिस राजीव सहाय की पीठ के समक्ष पेश किया गया।

ड्राफ्ट को पेश करते हुए महाधिवक्ता गोपाल सुब्रह्मणियम ने कहा कि जब अपराधियों को पकड़ने के लिए बड़े अभियान चलाए जाते हैं, उस समय उनके मॉडस आपरेंडी के बारे में मीडिया को बताना उचित नहीं होता। ड्राफ्ट में कहा गया है कि जब देश की सुविधा का सवाल हो, तब मीडिया से कोई भी सूचना नहीं बांटी जा सकती है। जब तक वह अभियान पूरा न हो जाए या आरोपी व्यक्तियों को पकड़ा न जा चुका हो।

खंडपीठ के समक्ष पेश होकर वरिष्ठ विधि अधिकारी ने कहा कि प्रस्तावित गाइडलाइंस के अनुसार पुलिस को अदालत में चल रहे ट्रायल के मामले में मीडिया में अपनी राय या फैसले को प्रभावित करने वाला बयान नहीं देना चाहिए। लंदन मेट्रोपोलिटन पुलिस सहित अन्य देशों की पुलिस द्वारा अपनाए जा रहे तौर-तरिकों का हवाला देते हुए याचिकाकर्ता गैर सरकारी ने सुझाव दिया है कि बड़ी न्याय और कानून से संबंधित घटनाओं में केवल अधिकृत व्यक्ति ही मीडिया के समक्ष जानकारियों का खुलासा करे। साभार : दैनिक भास्कर

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0 Comments

  1. pushpendra

    February 5, 2010 at 5:52 am

    yaha theek faisla hai.

  2. Dr. Vineet Singh

    February 5, 2010 at 12:51 pm

    ye desh ki suvidha ke liye nahi police ki suvidha ke liye kiya gaya he … taki sachchai or tikhe sawalo se bacha ja sake…. chhipkar kon kam karta he ye batane ki jarurat nahi …. itna hi kahunga afwaho ko moka na den sachchi suchnaen janta tak pahunchni hi chahiye ye loktantra ki atma jinda rakhne ka bhi sawal he…

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