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आईबीएन7 से चार जर्नलिस्टों का इस्तीफा!

आईबीएन7 में काफी कुछ चल रहा है. प्रभात शुंगलू के बारे में चर्चा है कि अब उनका संबंध इस चैनल से नहीं रहा. प्रभात शुंगलू करीब महीने-डेढ़ महीने से आफिस नहीं जा रहे हैं. उनके पी7न्यूज ज्वाइन करने की चर्चा है. प्रभात के बारे में बताया जाता है कि वे साढ़े पांच बजे का प्रोग्राम देखते थे, लेकिन अचानक उनसे यह कार्यक्रम ले लिया गया. उन्हें फिर कोई और काम नहीं दिया गया. काफी दिनों तक बिना काम के रहे प्रभात शुंगलू ने छुट्टी ले ली. भड़ास4मीडिया से बातचीत में प्रभात शुंगलू ने खुद के बारे में उड़ रही अफवाहों का खंडन किया और बताया कि वे मेडिकल लीव पर चल रहे हैं.

<p style="text-align: justify;">आईबीएन7 में काफी कुछ चल रहा है. प्रभात शुंगलू के बारे में चर्चा है कि अब उनका संबंध इस चैनल से नहीं रहा. प्रभात शुंगलू करीब महीने-डेढ़ महीने से आफिस नहीं जा रहे हैं. उनके पी7न्यूज ज्वाइन करने की चर्चा है. प्रभात के बारे में बताया जाता है कि वे साढ़े पांच बजे का प्रोग्राम देखते थे, लेकिन अचानक उनसे यह कार्यक्रम ले लिया गया. उन्हें फिर कोई और काम नहीं दिया गया. काफी दिनों तक बिना काम के रहे प्रभात शुंगलू ने छुट्टी ले ली. भड़ास4मीडिया से बातचीत में प्रभात शुंगलू ने खुद के बारे में उड़ रही अफवाहों का खंडन किया और बताया कि वे मेडिकल लीव पर चल रहे हैं.</p>

आईबीएन7 में काफी कुछ चल रहा है. प्रभात शुंगलू के बारे में चर्चा है कि अब उनका संबंध इस चैनल से नहीं रहा. प्रभात शुंगलू करीब महीने-डेढ़ महीने से आफिस नहीं जा रहे हैं. उनके पी7न्यूज ज्वाइन करने की चर्चा है. प्रभात के बारे में बताया जाता है कि वे साढ़े पांच बजे का प्रोग्राम देखते थे, लेकिन अचानक उनसे यह कार्यक्रम ले लिया गया. उन्हें फिर कोई और काम नहीं दिया गया. काफी दिनों तक बिना काम के रहे प्रभात शुंगलू ने छुट्टी ले ली. भड़ास4मीडिया से बातचीत में प्रभात शुंगलू ने खुद के बारे में उड़ रही अफवाहों का खंडन किया और बताया कि वे मेडिकल लीव पर चल रहे हैं.

आईबीएन7 में कुछ महीनों पहले स्टार न्यूज से आए यशोवर्द्धन शुक्ला ने भी इस्तीफा दे दिया है. बताया जा रहा है कि राजनीति के अखाड़े में तब्दील हो चुके आईबीएन7 में यशोवर्द्धन को इसलिए नहीं पसंद किया गया क्योंकि वे वहां पर प्रभावी एक गुट के हिस्से नहीं बने. टेलीविजन में अपने काम के जरिए लोहा मनवा चुके यशोवर्द्धन ने कहां ज्वाइन किया, यह पता नहीं चल पाया है पर सूत्र बताते हैं कि संभवतः वे स्टार ग्रुप के किसी चैनल के हिस्से फिर से बन सकते हैं. आईबीएन7 में ही कार्यरत प्रभात पांडेय ने इस्तीफा दे दिया है. वे प्रोड्यूसर के पद पर कार्यरत थे. इसी चैनल के एसाइनमेंट पर कार्यरत पारुल ने भी संस्थान को गुडबाय बोल दिया है. सूत्र बताते हैं कि आईबीएन7 में आजकल जी-हुजूरी, चमचागिरी और यस बास करने-कहने वाले ही मौज में हैं. जो इस खेल में फिट नहीं होता, उसे उपेक्षित करके बाहर जाने को मजबूर कर दिया जाता है. जो इस गेम का हिस्सा बन जाता है, वह कई कमजोरियों के बावजूद तरक्की और इनक्रीमेंट पाता रहता है.

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0 Comments

  1. rajeev azad

    May 30, 2010 at 9:38 am

    kalam teri jay bol.

  2. ashish pandey

    May 3, 2010 at 1:29 pm

    ji-hujuri ki parampara to patrakarita ki pahchan ban chuki hai…. jo jitna bada chamcha vo utna bada patrakar… yahi hai aaj ke patrakarita ki paribhash…

  3. Rajesh Verma

    May 4, 2010 at 10:23 am

    Surprising that a person like Prabhat Shunglu could survive so long in IBN 7. It is one of worst media organisations, where mediocrity rules thanks to a nincompoop, Sanjeev Paliwal whose claim to fame in journalism is just a few years in small town newspaper and with doordarshan. By virtue of keeping a spineless editor , Ashutosh in his hip pocket he calls the shots, encourages and rewards sycophancy. It is his patronage that people like Anant Vijay & Iqbal Rijvi survive and flourish who cannot pass the most basic test in journalism. Now, girls are surrendering to this big boss to get a anchoring assignments.
    Similarly, input & Assignment are headed by a thickhead Prabal Pratap and a fossil MK Jha. It is very surprising that why a person like Rajdeep never questioned their contribution in the channel. Which big story the self-styled great journalist Prabal Pratap has done or got done in his 3 years in IBN 7 ?. He is only bothered about which of his bootlicking reporter will organise his `daru’ and murga for the evening.
    Poor chap M K Jha would not know even the names of his reporters. He is on a pension – as long Rajdeep does starts questioning the advantage having him in the channel.
    Rajdeep , you can safely save couple of millions by saying goodbye to all these people and channel will run equally pathetically.
    It is good riddance for Prabhat ji.

  4. Dheeraj Prasad

    May 4, 2010 at 6:52 am

    नमस्कार मेरा नाम धीरज प्रसाद है CNEB न्यूज़ नॉएडा से |
    मैंने एक बार वेदों में पढ़ा था की ऐसे चार हथियार भी होते है जो हार कर भी हमको जीत दिला सकते हैं – शाम / दाम / दंड / भेद | आज का समय केवल चमचो का ही रह गया है, हाँ वह बात अलग है की कुछ चमचे धीरे-धीरे चांदी के बन जाते है तो कुछ उपयोग के बाद फेंक दिए जाते है| पर यह तो चमचे ही तय कर पाते है, संसथान में कुछ ऐसे भी लोग होते है जो चमचे बनना नहीं चाहते, सो बेचारे ठोकरे ही खाते हैं, हमारी क़ाबलियत को उस नहीं देखा जाता, परिणाम काबिल लोग अपनी क़ाबलियत को ले कर कहीं और चल देते है, और रह जाते है केवल चमचों की बारात और दुल्हे के रूप में बॉस, जिनके पीछे सारे चमचे यस बॉस – यस बॉस करते चलते है| मुझे तो वही फिल्म याद आ रही है, वह कौन सी थी हाँ – यस बॉस द शाहरुख़ खान |
    यशोवर्द्धन शुक्ला जी , प्रभात शुंगलू जी, आपके पास तो वैसे भी काफी अनुभव है, जोहरी आपका भूखा होगा आप जोहरी के नहीं |

    धन्यवाद्
    आपका मित्र
    धीरज प्रसाद
    CNEB न्यूज़, नॉएडा

  5. Jeet Bhati

    May 4, 2010 at 7:46 pm

    well said Rajesh ji I have seen all these durty things there,
    Only So called ” Chamchas ” and “Ji Hajuri “people are safe
    in safe zone.

  6. rakesh

    May 5, 2010 at 8:42 am

    यशवंत जी, सच लिखा है आपने. इतना सही भडास ही लिख सकता है. जय जय.

  7. gaurav

    May 5, 2010 at 11:29 am

    यह बात बिलकुल सही है की अभी मीडीया में समय बॉस के तलवे चाटने वालो का ही रह गया है जो जी,जी करता रहेगा वही आगे बढ़ पाएगा पर ऐसा कब तक चलेगा। और अब अगर ऐसा IBN7 जैसे बड़ी सस्थान में भी होने लगा तो फिर IBN7 और बाकी छो संस्थानों में फर्क क्या रह जाएगा। अंत में ये कहना चाहता हुँ की सभी बड़े कार्यकर्ता कृप्या करके इन राजनिती का खेल चलाने वाले enploye को पहचान कर अपने सस्थान से दुर रखे।

  8. viyogi pankaj Gonda UP

    May 26, 2010 at 3:07 pm

    IBN7 K notice par jabardast comment k liy sadhuwad.

  9. Virendra Mishra

    May 26, 2010 at 8:16 am

    Yashwant ji , aap es news portal ke madyam se jo kam kar rahen hain uski jitani bhi sarahana ki jay kam hai. kyo ki aaj ke samay me jab logo ka viswas patrakaro se uthata ja raha hai,aise me is tarah ki patrakarita ki awasyata hai. aap ke prayason ke liye ak bar phir badhai…….. aap yuwa patrakaron ke liye aasha ki kiran hai……………….

  10. mayank

    May 23, 2010 at 12:19 pm

    वैरी गुड ,वैरी गुड ,वैरी गुड ..यशवंत ……..क्या बात,, क्या बात… क्या बात …एक शेर दिल जवान(यशवंत जी) ही नकली पत्रकारों को सबक सिखा सकता है …..कमीने…,अज्ञानी पत्रकारिता के नाम पर …भांड या एक्टर कह लो ….लड़कियों का harrsament करने वाले टीवी मीडिया मै छुपे हुए हैं …इन्हें एक .एक करके नंगा करो …रही कोर्ट की बात ….. डरने की कोई जरुरत नहीं ….आप पत्रकारीता के subash चंद्र बोस हो क्रन्तिकारी …..यसवंत ही इन्हे सुधार सकता है ..कृपा करके हिंदी मूवी यसवंत (नाना पाटेकर की जरुर देखें…..जिसमे एक मछरर आदमी को …….धन्यवाद ..

  11. shaishwa kumar

    May 23, 2010 at 6:40 pm

    ye hui naa baat!

  12. Ekhlaque Khan

    May 24, 2010 at 8:19 am

    Yashwant Ji Media walo ne apne aapko bhagwan ki najaij aulaad samajh rakha hai. ye jo karte hain vahi sahi mante hain. inpar comment karne walon se ye nafrat karte hain. jabki ye tucche log sirf paise aur chatukarita ke bal par patrakarita kar rahe hain. sahi mane me samaj ki sabse badi gandgi yahi tucche, maha dalal log hain.

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