पिछले दिनों एक साथ कई जर्नलिस्टों को टीवी9 से बाहर का रास्ता दिखाने के कारण विवादित हुए टीवी9 के मालिक रवि प्रकाश को कल जबरन कोर्ट में पेश किया गया. रवि प्रकाश समेत 4 लोग टीवी9 न्यूज चैनल पर प्रसारित एक खबर के चलते कोर्ट द्वारा तलब किए गए थे. बताया जाता है कि ये चारों आरोपी जब कोर्ट पहुंचे तो लोकल चैनल द्वारा कवरेज किए जाने के डर से कार से बाहर नहीं आ रहे थे. तब इन्हें जबरन कार से उतारकर कोर्ट में पेश किया गया. बता दें कि टीवी9 महाराष्ट्र ने चार दिसंबर 2009 और रिपीट 5 दिसम्बर 2009 को एक न्यूज़ प्रसारित की थी. खबर के मुताबिक एक औरत बलात्कार की झूठी शिकायत करती है और लोगों को ब्लैकमेल करती है.
न्यूज़ में बताया गया था कि औरत ने उल्हासनगर के पुलिस स्टेशन में ऐसी 8 शिकायतें की हैं, यानी उसने अपने साथ 8 बार बलात्कार होने क़ी एफआईआर एक ही पुलिस स्टेशन में दी है. आरोप है कि इस खबर को कवर करने वाले रिपोर्टर धर्मेश ठक्कर ने महिला से 2 लाख रुपये क़ी मांग क़ी. जब महिला ने रुपये नहीं दिए तो उन्होंने खबर प्रसारित कर दी. विशेष बात यह है कि ठक्कर ने महिला की तस्वीर, सके घर की तस्वीर एवं उसकी बेटी का भी तस्वीर चैनल पर दिखा दिया जो सुप्रीम कोर्ट के गाइडलाइंस और पत्रकारिता के नियमों का सरासर उल्लंघन है. पेशे से एलआईसी एजेंट पीड़ित महिला ने इस संवाददाता को बताया कि उसने सिर्फ एक बार ही बलात्कार की कोशिश की शिकायत पुलिस स्टेशन में की है.
टीवी9 में न्यूज़ प्रसारित होने के बाद महिला ने उल्हासनगर के ‘चोपड़ा कोर्ट’में मानहानि का केस फाइल किया था. इसके लिए कोर्ट ने चैनल के चार लोगों- रवि प्रकाश, क्लिफोर्ड परेरा, एमकेएनवी मूर्ति तथा टेक्निकल हेड बद्री प्रसाद- को सम्मन जारी किया था. सोमवार को कोर्ट ने चारों के खिलाफ गिरफ़्तारी वारंट निकाला लेकिन उनके वकील ने कोर्ट से रिक्वेस्ट कर उन्हें पेश करने का समय मांगा. कोर्ट परिसर में सोमवार को अच्छा-खासा हंगामा हो गया. कोई लोकल चैनल उनके कोर्ट में पेशी को शूट कर दिखा न दे, इसलिए रवि प्रकाश अपनी कार से बाहर नहीं निकल रहे थे. इस बात की भनक पीड़ित महिला को लगी तो उसने कोर्ट परिसर में हंगामा कर दिया. महिला कह रही थी कि मेरी झूठी खबर दिखानेवाला रवि प्रकाश मीडिया से मुह क्यों छिपा रहा है. मजबूरन रवि प्रकाश को बाहर आना पड़ा. अंततः कोर्ट ने चारों आरोपियों को निजी मुचलके पर छोड़ दिया और 27 दिसंबर को फिर से कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है.
अफरोज आलम साहिल की रिपोर्ट. साहिल टीवी9 मुंबई में काम कर चुके हैं. इन दिनों यूएनआई टीवी दिल्ली में कार्यरत हैं.
sandip
December 14, 2010 at 11:24 am
bahut accha hua inke saath… aise journalist ko to jute se maarna chahiye… in jaise logo ne hi patrkaarita ko badnaam kar rakha hai…
SHAILESH
December 15, 2010 at 6:37 am
afroz aalam ka ye lekh zooth hai. afroz ki personalty hi zoothi hai…
aslam
December 15, 2010 at 9:02 am
अभी तो कई राज खुलेंगे। संत तुलसीदास को सब मालूम है। सब मालूम है भाई। संत तुलसीदास सब जानते हैं। अभी तो कई राज खुलेंगे। हा हा हा हा….चित्रकूट के घाट पर, भई संतन की भीड़, तुलसीदास चंदन घिसे और तिलक करे…….हा हा खुद ही समझ लीजिए कि तिलक करे कौन…..
danish azmi
December 16, 2010 at 7:57 am
yee too tv9 kaa hona he thaa . tv9 mein kuch uch padoo par baithe log pehle dainik akhbaroon mein stringer ki haisiyaat rukhte the jo ab tv9 mein uch padd par baith kaar roob chadte hai AUR UNKOO KYAA AATA JAATA HAI YEE JAG JAHIR HAI
khud ko sant btate hai aur maal ghar pahunchwate hai aisa charitra hai unkaa
vinaypathak
December 18, 2010 at 4:42 am
afroz aalam ki hi trha koi reportar honga jes thali main kaya us main hi chend kiya afroz ko sram bhi nhi ai jes M.D ke sath kam kiya usi key bary main likhaty hue.very bad.afroz.media main sab chlta hi leken afroz ki galti nhi .
vinay pathak