फिलहाल ‘कांपैक्ट’ का उद्धार करने में जुटे : भास्कर ग्रुप की मैग्जीन अहा जिंदगी के प्रधान संपादक पद से इस्तीफा देकर अमर उजाला समूह में सलाहकार संपादक (न्यू इनीशिएटिव) के पद पर ज्वाइन कर चुके यशवंत व्यास के बारे में खबर आ रही है कि वे अमर उजाला समूह के साथ मिलकर कई नई मैग्जीन्स लांच करेंगे. सूत्रों का कहना है कि इन मैग्जीन्स को लांच करने के लिए अलग कंपनी बनाई जा रही है जिसमें यशवंत व्यास और सुनील मुतरेजा (अमर उजाला के मार्केटिंग के प्रेसीडेंट) भी हिस्सेदार होंगे. ये पत्रिकाएं खास पाठक वर्ग को ध्यान में रखकर निकाली जाएंगी. सूत्रों के मुताबिक यशवंत व्यास को प्रबंधन ने फिलहाल अपने टैबलायड अखबार ‘कांपैक्ट’ के उद्धार का जिम्मा दिया है.
बताया जा रहा है कि ‘कांपैक्ट’ को हर जगह एक साथ री-लांच किया जाएगा. इसे नए रंग-रूप, लेआउट व कलेवर के साथ फिर से मार्केट में ले आया जाएगा. अभी तक ‘कांपैक्ट’ का जो स्वरूप है वह बेहद सामान्य है. ज्यादा से ज्यादा खबरों को सामान्य लेआउट के साथ परोसना इस टैबलायड का चरित्र है. इस कारण ‘कांपैक्ट’ को वह सफलता नहीं मिल पाई जो जागरण समूह के टैबलायड ‘आई-नेक्स्ट’ को मिली है. कांपैक्ट का वर्तमान लेआउट शशि शेखर के जमाने का है. उस दौर में जब आई-नेक्स्ट की लांचिंग की जा रही थी, अमर उजाला प्रबंधन ने शशि शेखर के जरिए आनन-फानन में ‘कांपैक्ट’ की लांचिंग करा दी. ‘कांपैक्ट’ को जो स्वरूप शशि शेखर ने बनवाया, वह आई-नेक्स्ट से लोहा लेने लायक कतई नहीं था. यशवंत व्यास के मैग्जीन के कंटेंट व लेआउट में विशेषज्ञता को देखते हुए ही टैबलायड ‘कांपैक्ट’ के उद्धार व फिर मैग्जीन्स की लांचिंग का जिम्मा सौंपा गया है.
ये सारी बातें कयास व चर्चा पर आधारित हैं. कृपया इसे सही मानने से पहले एक बार अपने स्तर पर भी तथ्यों की जांच कर लें.
gopal shukla
March 22, 2010 at 3:55 pm
ab re lanch ka koi fayda nahi………………………….
SG
March 22, 2010 at 6:12 pm
yeh bazaar hai bhai….kuch nayi baat nhi….hona hi tha……….itne bade sheershastha logon ko bhi mahino jhooth par jhooth bolte rehna padta hai yeh zaroor thoda…..ap hi ne khabar chapi thi ‘Maine Istifa nahi diya’… ..ab vyasji kya kahenge? ….baat rupayon ki bhi to hai !!! Group badalna hi tha to seedhe hi nikal lete….. aajkal ka trend hai …itna ghumane firane ki kya zaroorat thi….
ashish kumar
March 23, 2010 at 10:10 am
aha! zindgi ka kya hoga
Chandrabhan Singh
March 23, 2010 at 12:28 pm
aha ! zindgi ka hoga kya ? raddi me bika karegi !!
urvash
March 24, 2010 at 2:39 pm
AISA KAHA JATA HAI KI JO BHI HOTA HAI ACHE KE LIYE HI HOTA HAI. AHA! ZINDAGI POSITIVE THOUGHT WALI MAGAZINE HAI TO KUCH ACHA HI HOGA. SO PL. LOGO SE ANURODH HAI KI MAGAZINE KE LIYE KUCH ANUCHIT WORD USE NA KARE TO ACHA HI HOGA.
urvash
March 24, 2010 at 2:49 pm
JO HOTA HAI ACHE KE LIYE HI HOTA HAII.. SHAYAD ISKE PICHE BHI KUCH ACHA HI HOGA.. MAGAZINE ACHI HAII. TO USE KOI AANCH NAHI AAYEGII. SO PL. MAGAZINE KI CHINTA NA KARE. VYAS JI NE JO ITNA SAB RACHKAR JO KAHANI BANAII HAI. YE SENIOR POST PAR BAITE HUYE LOGO KE LIYE ACHI BAAT NAHI.
Dinesh Thakur
March 24, 2010 at 5:29 pm
I-next se loha lene ke liya yah to karna hi tha. Thik kiya ki samay rahte hi compact re-launching ka decide kar liya.
Dinesh Thakur
March 24, 2010 at 5:32 pm
i next se loha lene ke liye aaj nahi to kal re-launch toh karna hi tha.
SARIKA
March 25, 2010 at 4:27 pm
kha galat fhami me hai repoter sahab apni jankari me ejafa kariye har jagah compact i next se aage hai aur to aur allahabad me 90000 compact ke mukable i next matr 30000 bik raha hai jankari karke report jarur likhna BYE
नामवर सिंह `द्वितीय'
April 6, 2010 at 12:12 pm
अब `अहा जि़दगी’ `अरे बापरे जिंदगी’ बन जाएगी.
Namwar Singh Dwitiya
April 6, 2010 at 12:14 pm
अब अहा जिंदगी अरे बापरे जिंदगी बन कर रह जाएगी.