काबुल : अफगानिस्तान में शनिवार को होने वाले राष्ट्रपति पद के चुनाव से ठीक एक दिन पहले दो विदेशी महिला पत्रकारों पर हमला हुआ है. हमला करने का आरोप एक पुलिसकर्मी पर लगा है. खोस्त में हुए इस हमले में जर्मनी की फोटो जर्नलिस्ट मारी गयी हैं और कनाडा की पत्रकार बुरी तरह जख्मी हुई हैं. मारी गई महिला फोटो जर्नलिस्ट को प्रतिष्ठित पुलित्सर पुरकार मिल चुका है.
जर्मनी की आन्या नीडरिंगहाउस और कनाडा की कैथी गैनन समाचार एजेंसी एपी के लिए काम कर रही थीं. आन्या नीडरिंगहाउस नामी युद्ध फोटोग्राफर थीं और उन्हें अफगानिस्तान के उस इलाके और दूसरे विवादित इलाकों का सालों कवरेज करने का अनुभव था. वे 2002 से एपी के लिए काम कर रही थीं. उन्हें और उनकी टीम को इराक युद्ध की रिपोर्टिंग के लिए पुलित्सर पुरस्कार मिला था.
गंभीर रूप से घायल कैथी गैनन को अस्पताल में भर्ती किया गया है. दोनों पत्रकारों पर हमला पाकिस्तान की सीमा से लगे एक छोटे से शहर खोस्त के पुलिस मुख्यालय में हुआ. हमले के काफी समय बाद तक हमलावर की पहचान को ले कर अटकलें लगती रहीं. लेकिन अब खोस्त के गवर्नर के प्रवक्ता ने कहा कि हमला वाकई एक पुलिसकर्मी ने ही किया. रॉयटर्स से बात करते हुए मोबारिज जदरान ने कहा कि नकीबुल्लाह खोस्त के तनाई जिले का पुलिसकर्मी है. उसी ने दो विदेशी पत्रकारों पर गोलियां चलाईं. इसमें एक की मौत हो गयी और एक घायल हुई है.
समाचार एजेंसी एएफपी के अनुसार वारदात जिले के पुलिस मुख्यालय में हुई है. न्यूयॉर्क के एपी मुख्यालय ने अब तक हमले की पुष्टि नहीं की है. वारदात की पृष्ठभूमि स्पष्ट नहीं है. दोनों रिपोर्टर राष्ट्रपति चुनाव की रिपोर्टिंग कर रही थीं और शुक्रवार को ही खोस्त पहुंची थीं. तालिबान ने पहले ही इस बात की धमकी दी थी कि धमाकों और लोगों पर हमलों से चुनावों को भंग करने की कोशिश की जाएगी. पिछले महीने तालिबान ने राजधानी काबुल में हमला करके समाचार एजेंसी एएफपी के वरिष्ठ पत्रकार सरदार अहमद की हत्या कर दी. इस हमले में अहमद के परिवार के तीन सदस्यों समेत 11 लोगों की मौत हो गई थी. 11 मार्च को हुए एक और हमले में स्वीडन के पत्रकार नील्स हॉर्नर की मौत हो गई थी.