मध्य प्रदेश और देश के जाने-माने पत्रकार श्री वेदव्रत गिरी के निधन की खबर से स्तब्ध हूं। वेदव्रत गिरी का निधन अलीगढ़-एटा के पास एक सड़क हादसे में आज हुआ। वे माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के पहले बैच के छात्र थे। एक अच्छे रिपोर्टर के नाते उन्होंने अपनी एक खास जगह बनाई।
वे सही मायनों में यारों के यार थे। उनका बिंदासपन, चीजों और रिश्तों को लेकर स्पष्टता प्रभावित करती थी। मेरे सीनियर होने के नाते मुझे वे बहुत स्नेह और उम्मीदों से देखते थे। पत्रकारिता विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र सम्मेलनों में उनका भाषण एक अलग ही आकर्षण का केंद्र होता था।
वे बड़ी कड़वी बात भी इस अंदाज में कहते थे कि लोग अपनी हंसी रोक नहीं पाते थे। भरोसा नहीं होता कि वे चले गए हैं। शायद इसी को नियति कहते हैं। एक हंसते-खेलते आदमी का अचानक हमारे बीच से चला जाना एक शून्य रच रहा है। ऐसा शून्य जिसे भरना असंभव है। मेरी श्रद्धांजलि।
लेखक संजय द्विवेदी माखनलाल पत्रकारिता विश्वविद्यालय में हेड आफ डिपार्टमेंट हैं.