Vineet Kumar : नकवीजी का इंडिया टीवी से इस्तीफा दिये जाने के कारण हिंदी न्यूज़ टेलीविज़न का मसीहा संपादक घोषित किया जाये इसके पहले इस बात की गहन जांच कर लेनी चाहिये कि उन्होंने ये कदम उसूलों के आधार पर उठाया है या फिर कोई व्यवसायिक हित को ध्यान में रखकर?
नकवीजी को लेकर विशेष रूप से सतर्क रहने की ज़रूरत है क्योंकि आप जो पहले आजतक और बाद में दूसरे चैनल पर गंध, खबर के नाम पर नरक देख रहें हैं, पाखण्ड और अन्धविश्वास को खबर की शक्ल में बदलने का काम हुआ है, ये सब उसके जनक हैं और इस पर सवाल किये जाने पर दुत्कारते भी आये हैं.
आजतक में 10 साल से भी ज्यादा रहे और एक से एक बायस्ड स्टोरी चली लेकिन नकवी जी न केवल चुप रहे बल्कि उन्हें प्रोत्साहित किया. इंडिया टीवी में मोदी की अदालत से पहले एकतरफा स्टोरी चलती रही है, कभी विरोध किया हो तो भी पब्लिक नहीं आया. चुनाव का माहौल है, एक से एक धन-पशु थैली लेकर घूम रहे हैं, नकवी जी की ब्रांडिंग का ज़िम्मा पीआर एजेंसी पर छोड़ दें, वो आगे सरोकारी पत्रकारिता करना चाहें तो स्वागत है नहीं तो थैली की खनक के प्रति आत्मीयता आपसे-हमसे ज्यादा है, चिल्ल मारें…
युवा मीडिया विश्लेषक विनीत कुमार के फेसबुक वॉल से.
मूल खबर…
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