मुंबई : मुंबई की एक अदालत ने शुक्रवार को पिछले साल शहर के सुनसान शक्ति मिल्स में अलग-अलग घटनाओं में दो फोटो पत्रकार एवं एक अन्य युवती से सामूहिक बलात्कार के दोषी पाए गए तीन आरोपियों को मौत तथा एक आरोपी को आजीवन करावास की सजा सुनाई गई। इस मामले में अदालत ने बलात्कार के कई मामले में दोषी पाए जाने से जुड़े नए कानून के तहत पहली बार सजा सुनाई।
अभियोजन पक्ष ने बलात्कार के मामले में फिर दोषी पाए गए विजय जाधव, कासिम बंगाली और सलीम अंसारी को भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (ई) के तहत मृत्युदंड की मांग की थी। प्रधान न्यायाधीश शालिनी फानसाल्कर जोशी ने मौत की सजा सुनाते हुए कहा कि इन तीनों में सुधार की कोई गुंजाइश नहीं है। हालांकि फैसला सुनाने से पहले अदालत ने विशेष लोक अभियोजक उज्ज्वल निकम की दलीलों पर विचार किया। निकम ने कहा था कि कि जिन परिस्थितियों में अपराध किया गया है, उसके लिए दोषियों को अधिकतम सजा मिलनी चाहिए।
अदालत ने गुरुवार को इन तीन आरोपियों को बलात्कार के कई मामलों में दोषी ठहराए जाने से जुड़ी आईपीसी की धारा के तहत दोषी ठहराया। इस धारा के तहत अधिकतम मृत्युदंड का प्रावधान किया गया है। देश में इस संशोधित धारा के तहत पहली बार सजा सुनाई गई। इस धारा को वर्ष 2012 में दिल्ली सामूहिक बलात्कार के बाद जोड़ा गया था। मुंबई में सामूहिक बलात्कार की दो घटनाएं दो महिलाओं – एक टेलीफोन आपरेटर और एक फोटो पत्रकार से जुड़ी हैं। ये घटनाएं पिछले साल मध्य मुंबई में स्थित शक्ति मिल्स परिसर में कुछ हफ्तों के अंतराल में हुई थीं।
पिछले साल जुलाई में 18 साल की टेलीफोन आपरेटर जबकि अगस्त में 22 वर्षीय फोटो पत्रकार से सामूहिक बलात्कार किया गया था। फोटो पत्रकार का विजय जाधव, कासिम बंगाली, सलीम अंसारी, सिराज रहमान और एक नाबालिग लड़के ने बलात्कार किया था। दोनों मामलों में शामिल तीन दोषियों को मृत्युदंड की सजा दी गई जबकि फोटो पत्रकार बलात्कार मामले में सिराज को आजीवन कारावास की सजा मिली।