करनाल के हरविंदर सिंह एक पत्रकार के कृत्य से बुरी तरह परेशान हैं. उन्होंने उसके खिलाफ कोर्ट में भी मुकदमा कर रखा है पर यह पत्रकार कोर्ट में भी उपस्थित नहीं हो रहा है. बकौल हरविंदर सिंह – तेजेंद्र मोहन मेहता नाम का पत्रकार उनसे एक दुकान का सौदा करने के नाम पर ढाई लाख रुपये चार साल पहले ले लिए, इसके बाद न तो उसने दुकान दिलाई और ना ही पैसे वापस कर रहा है. हरविंदर परेशान हैं. पुलिस भी इनका सहयोग नहीं कर रही है.
हरविंदर बताते हैं कि करनाल में अपने को न्यूज24 और सहारा समय का रिपोर्टर बताने वाले तेजेंद्र मोहन मेहता ने उन्हें चार साल पहले एक दुकान दिलवाने की बात की. उसने अपनी बातों में फंसाकर मुझसे पगड़ी के तौर पर ढाई लाख रुपये बतौर पेशगी ले ली. उनके नाम से उस दुकान का किरायानामा भी उक्त पत्रकार ने उनके नाम लिखकर दे दिया. यहां तक तो ठीक था, पर जब वे दुकान में धंधा करने के लिए पहुंचे तो जानकर भौचक्क रह गए कि ये दुकान किसी और का है. जब उन्होंने तेजेंद्र मोहन से अपने पैसे वापस करने को कहा तो उसने उनके ऊपर मुकदमा करा दिया.
हरविंदर कहते हैं कि उसे पैसा वापस न करना पड़े इसके लिए कई तरह से परेशान करने की कोशिश की. पुलिस के साथ मिलकर मामला दर्ज कराया. उसके द्वारा दर्ज कराए गए मामले में कोर्ट ने एसआई को कड़ी फटकार लगाते हुए हरविंदर को बरी कर दिया. हरविंदर उसके चैनल के वरिष्ठों से भी इस संदर्भ में गुहार लगा चुके हैं परन्तु अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. तेजेंद्र ने ना तो अब तक दुकान ही दिलवाई और ना नही पैसा वापस कर रहा है. थक हार कर हरविंदर ने कोर्ट की शरण ली है, जहां दुकान मालिक से अलग कोर्ट ने तेजेंद्र को एक्स पार्टी बनाया है. इसके बाद भी वो कोर्ट में उपस्थित नहीं हो रहा है.
इन आरोपों की सच्चाई के संदर्भ में जब तेजेंद्र मोहन मेहता से बात की गई तो उन्होंने स्पष्ट कहा कि वह बिल्कुल झूठ बोल रहा है. हरविंदर डिफाल्टर रहा है. वह ब्लैकमेलिंग में भी पकड़ा जा चुका है. उसे मैंने 75 हजार रुपये नकद दिया था, जिसका उसने मुझे चेक दिया था. इस चेक को मैंने कोर्ट में लगा रखा है. इस वजह से वह मेरे ऊपर तमाम तरह के आरोप लगा रहा है. अभी और आरोप मेरे ऊपर लगाएगा. मैंने दुकान दिलाने के नाम पर कोई पैसा नहीं लिया है.