बीपीएन टाइम्स में काम करने वाले एक पत्रकार हरिशंकर सिंह की सेलरी का 14 हजार का चेक बाउंस करना बीपीएन टाइम्स मैनेजमेंट को काफी भारी पड़ा। मामला कोर्ट में जाने के बाद आखिरकार प्रबंधन ने 14 के बदले 18 हजार देकर मामले का निपटारा किया। जानकारी के मुताबिक, हरिशंकर सिंह बीपीएन टाइम्स के दिल्ली ऑफिस में बतौर उपसंपादक काम करते थे। उन्होंने जब अपनी नौकरी छोड़ी तो उन्हें मैनेजमेंट की ओर से 14 हजार का चेक बतौर फाइनल सेटलमेंट के तौर पर दिया गया था। जब उन्होंने चेक अपने अकाउंट में डाला तो स्टॉप पेमेंट करके उनका भुगतान रोक दिया गया।
इसके बाद श्री सिंह अपने पत्रकार से वकील बने पीयूष जैन के माध्यम से कड़कड़डूमा कोर्ट चले गए। वहां पर तेज तर्रार मजिस्ट्रेट राकेश कुमार रामपुरी की कोर्ट में मामला चला गया। मजिस्ट्रेट ने बीपीएन टाइम्स की ओर से चेक बाउंस के लिए जिम्मेदार डायरेक्टर को पेश होने के लिए कहा। इतना सुनने के बाद अखबार प्रबंधन अपने पत्रकार से समझौता करने को तैयार हो गया। उसे बतौरा मुआवजा चार हजार रुपये अधिक दिए गए हैं। हालांकि प्रबंधन ने अपने लिखित बयान में श्री सिंह की शिकायत को सिरे से खारिज कर दिया और कहा कि वह कानूनी पचड़ों में पडऩा नहीं चाहते, इसलिए चेक अमाउंट से अधिक का भुगतान कर रहे हैं।
पत्रकार हरिशंकर सिंह का केस लड़ने वाले वकील पीयूष जैन पहले खुद भी मुख्यधारा की पत्रकारिता में लंबे समय तक सक्रिय रहे हैं. उन्होंने नवभारत टाइम्स से लेकर आज समाज तक में वरिष्ठ पदों पर काम किया है. पिछले पांच साल से वह कड़कड़डूमा कोर्ट में प्रैक्टिस कर रहे हैं. एडवोकेट पीयूष जैन ने बताया कि मीडिया के कई लोग समय समय पर उनसे मीडिया हाउसों के मसलों को लेकर संपर्क करते रहते हैं और जो लोग मुकदमा करने की हिम्मत दिखाते हैं, वे उनका सदा सक्रिय सहयोग करते हैं.