रायबरेली : रायबरेली में जनता के खिलाफ पुलिस लामबंद हो गयी है। पुलिस की लाठियों की करतूतों के खिलाफ रायबरेली में गुरुवार को हड़ताल रहेगी। पेट्रोल पंपों, दवाखानों और अस्पतालों में तो सांकेतिक बंदी का ऐलान हुआ है, जबकि खुदरा बाजारों में शटर-दरवाजे बंद रहेंगे। बंदी में आटो मोबाइल्स विक्रताओं और आटो-चालकों ने अपने चक्के जाम रखने का ऐलान किया है। अदालतों में तो पहले से ही हड़ताल चल रही है। जिले में अब तक करीब 55 संगठनों ने पूर्ण हड़ताल की घोषणा कर दी है। लेकिन तदर्थवाद पर खड़ा जिला प्रशासन और पुलिस अब तक लगातार अपने अडि़यल रवैये पर है। पुलिस अधीक्षक ने साफ तौर पर कह दिया है कि यह आंदोलन स्थानीय चंद साजिशों का नतीजा है और ऐसी हालत में उसके सामने झुकने का कोई औचित्य नहीं।
19 दिसम्बर को दिनभर चले एक शर्मनाक घटनाक्रमों के बाद से रायबरेली में भूचाल खड़ा हो चुका है। फिरोज गांधी डिग्री कालेज चौराहे पर अनिश्चितकालीन धरना और प्रदर्शन चल रहा है। पहली बार तख्ता-पलट करते हुए जिले में विधायक बने समाजवादी पार्टी के सभी चारों विधायकों ने भी आंदोलन का समर्थन कर दिया है। और अब 27 तारीख को पूर्ण हड़ताल का ऐलान हो गया है। लेकिन प्रशासनिक विकलांगता की हालत यह है कि जिलाधिकारी 3 महीने से छुट्टी पर हैं। प्रभारी जिलाधिकारी के रूप में काम संभाल रहे सीडीओ पूरे मामले से अपना पल्ला झाड़ चुके हैं। पुलिस अधीक्षक ने खुले तौर पर कह दिया है कि यह पूरा मामला साजिश है और उसके सामने घुटना नहीं टेकेंगे।
लेखक कुमार सौवीर यूपी के जाने माने और वरिष्ठ पत्रकार हैं. उनसे संपर्क [email protected] या [email protected] या 09415302520 के जरिए किया जा सकता है.