देहरादून : पत्रकारिता की आड़ में दलाली की चादर ओढ़कर उत्तराखण्ड में पत्रकारिता को शर्मसार किया जा रहा है। ऐसा नहीं है कि यह वाकया पहली बार अंजाम दिया जा रहा हो। मीडिया के नाम पर दलाली व भांड़गिरी करने वाले कई इलेक्ट्रानिक चैनल व प्रिंट मीडिया के दलाल लोगों से वसूली कर पत्रकारिता को बदनाम कर चुके हैं और अभी भी कई लोग इस गोरखधंधे को मोटी रकम वसूल कर अंजाम दे रहे हैं।
ताजा मामला उत्तराखण्ड के उधमसिंह नगर के गदरपुर क्षेत्र से जुड़ा हुआ सामने आ रहा है, जिसमें गदरपुर से टीवी 100 के पत्रकार अमित तनेजा के खिलाफ ब्लैकमेल कर रुपये मांगने के आरोप तराई विद्यापीठ प्रेमनगर प्रधानाचार्य द्वारा लगाए गए हैं। इतना ही नहीं स्कूल के प्रधानाचार्य ने तथाकथित पत्रकार के खिलाफ खबर रोकने के नाम पर रुपये मांगे जाने का आरोप लगाया है। इस खबर से क्षेत्र में हड़कंप मचा हुआ है। उन्होंने चैनल के निदेशक को लिखे गए पत्र में इस बात का भी हवाला दिया है कि गदरपुर क्षेत्र के कई अन्य विद्यालयों में अध्यापकों को मानसिक उत्पीड़न को उक्त पत्रकार द्वारा अंजाम दिया जा रहा है, जिससे विद्यालयों में शैक्षिक कार्य भी प्रभावित हो रहा है।
प्रभारी प्रधानाचार्य का यह भी कहना है कि इसके अलावा उक्त तथाकथित पत्रकार द्वारा सूचना अधिकार अधिनियम के माध्यम से भी विद्यालयों के अध्यापकों के खिलाफ जानकारियां मांगी जा रही हैं, जिसके बाद कई जगहों से रंगदारी वसूले जाने की जानकारी भी मिल रही हैं। उत्तराखण्ड में मीडिया के नाम पर भांडगिरी करने वाले ऐसे कई संगठन सक्रिय हैं, जो उधमसिंह नगर के साथ साथ राजधानी देहरादून, हरिद्वार व अन्य जगहों पर अपनी परिवार की गुजर बसर के लिए मालिकों की तनख्वाह पर टिके नहीं रहते, बल्कि उनका गुजर बसर पुलिस की पॉकेट के साथ-साथ प्रापर्टी डीलरों व नेताओं से हो जाता है। पत्रकारिता की बाढ़ में ऐसे दलाल पत्रकारों को किस तरह टीवी चैनल अपने संस्थानों में जगह दे देते हैं, जो उनकी साख को खराब करने के साथ-साथ पत्रकारिता को भी बदनाम कर देते हैं। यह उधमसिंह नगर के गदरपुर में पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी तथाकथित पत्रकारों द्वारा कई जगहों से अवैध धन की वसूली की जा चुकी है।
देहरादून से नारायण परगाईं की रिपोर्ट.