कोलकाता। पश्चिम बंगाल में चिटफंड घोटाले में गिरफ्तार शारदा ग्रुप के सीएमडी सुदीप्तो सेन को आज कोलकाता की कोर्ट में पेश किया जाएगा। कश्मीर से गिरफ्तार सुदीप्तो सेन और उसके दो साथियों को बुधवार रात को जब ट्रांजिट रिमांड पर कोलकाता लाया गया तो एयरपोर्ट पर भारी हंगामा हुआ। सुदीप्तो का दावा है कि इस घंधे में उसके सिर पर कई सियासी लोगों का हाथ था। वहीं, ठगी का शिकार हुए लोगों के पैसे वापस दिलवाने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक नया टैक्स लागू करने का ऐलान कर दिया है।
कड़ी सुरक्षा के बीच पुलिस सुदीप्तो सेन और उसके साथियों – देबजानी मुखर्जी और अरविंद सिंह चौहान को गाड़ी में बिठाकर एयरपोर्ट से ले गई। सुदीप्तो सेन, देबजानी मुखर्जी और अरविंद सिंह चौहान को जम्मू-कश्मीर में सोनमर्ग के एक होटल से गिरफ्तार किया गया था। तीनों वहीं पर छुपे हुए थे। बुधवार को तीनों को गांदरबल की कोर्ट में पेश किया गया जहां कोर्ट ने सभी आरोपियों को चार दिन की ट्रांजिट रिमांड पर कोलकाता पुलिस को सौंप दिया। अब इन तीनों से कोलकाता में पूछताछ की जाएगी।
लेकिन सवाल ये कि क्या पुलिस सुदीप्तो के जरिए बड़े चेहरों से भी नकाब हटाएगी? टीएमसी पर आरोप लग रहे हैं कि उनके संरक्षण में सुदीप्तो फला फूला। टीएमसी के एक राज्यसभा सांसद कुनाल घोष शारदा ग्रुप के अखबार में एडिटर रह चुके हैं। जबकि एक दूसरे राज्यसभा सांसद सृंजय बोष के शारदा ग्रुप के टीवी चैनल में हिस्सेदारी है। इन दोनों की गिरफ्तारी की मांग भी तेज होने लगी है। शारदा समूह ने सरकार के सामने भी बड़ा संकट खड़ा कर दिया है।
जाहिर है पश्चिम बंगाल सरकार पर आरोप गंभीर है। अब सवाल ममता की छवि का भी है। इसलिए 7 सालों बाद अचानक ममता सरकार की नींद खुली। आनन फानन में कार्रवाई करते हुए राज्य सरकार ने शारदा ग्रुप के 35 बैंक खाते फ्रीज कर दिए। सुदीप्तो और उसकी कंपनी की 35 कारों को जब्त कर लिया गया। कंपनी के कार्पोरेट ऑफिस और बाकी के चार ऑफिस की इमारतों को भी सील कर दिया गया। जमीनों से जुड़े सैकड़ों कागजातों को जब्त किया गया और जांच के लिए एक आयोग भी बिठा दिया गया।
यही नहीं बुधवार देर शाम ममता बनर्जी ने शारदा ग्रुप में लगाए गए निवेशकों के पैसे की वापसी का भरोसा दिया। इसके लिए उन्होंने 500 करोड़ रुपए की व्यवस्था की है। पैसे का इंतजाम होगा सिगरेट पर टैक्स लगाकर। उधर नींद से जागी केंद्रीय कॉरपोरेट मंत्रालय ने भी सेबी और आयकर विभाग से बंगाल की 13 और चिटफंड कंपनियों की जांच का आदेश दिया है। समूह के अखबार तथा चैनलों को भी बंद करके लगभग 1300 पत्रकारों को बेरोजगार कर दिया गया। मीडिया कंपनियों के बंद होने के बाद ही सुदीप्तो की गिरफ्तारी के लिए आवाज मुखर हुई।