मुद्दों के प्रति उपेक्षित रवैयों की चादर ओढे़ रहने वाले शान्त शहर अजमेर में भ्रष्टाचार के कारनामे थम नहीं रहे हैं। महावीर जयंती के शुभ मौके पर यह धार्मिक शहर फिर सुर्खियांें में आ गया। इस बार निशाने पर न्यायपालिका है। अदालत में लिपिकों की भर्ती में पैसे के खेल के चलते अब तक अदालत के दो बाबू, दो वकील और एक अन्य आदमी का नाम सामने आ चुका है। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो करीब बीस लाख रूपए बरामद कर चुका है। अजमेर के जिला जज को हटाकर उनकी जगह नया जज नियुक्त कर दिया गया है।
अजमेर की अदालतों में 47 कनिष्ठ लिपिक, एक अंग्रेजी और सात हिन्दी के स्टेनो की भर्ती के लिए 10 जनवरी को आवेदन मांगे गए थे। 24 फरवरी को लिखित और 14 अप्रैल को कम्प्यूटर परीक्षा ली गई। परिणाम 25 अप्रैल को घोषित होना था। भर्ती परीक्षा के बाद यानि करीब दो महीने पहले भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के जयपुर मुख्यालय को रूपए लेकर भर्ती परीक्षा में उर्त्तीण किए जाने की शिकायतें मिलीं। ब्यूरो ने संदिग्ध लोगों के फोन सर्विलांस पर लगा दिए। जैसे-जैसे परिणाम की तारीख नजदीक आती गई शिकायत की पुष्टि होती गई।
ब्यूरो ने जयपुर और भीलवाड़ा के अधिकारियों की टीम गठित की। अजमेर ब्यूरो को भनक तक नहीं लगने दी और महावीर जयंती की छुट्टी का दिन तय कर एक साथ अजमेर के वकील भगवान सिंह चौहान, केकड़ी के वकील हेमराज कानावत, नसीराबाद के बाबू राजेश शर्मा, उसके भाई अजमेर के बाबू हितेश शर्मा और सरवाड़ के एक व्यक्ति अब्दुल रज्जाक के घर छापा मारा गया। चौहान के घर से 80 हजार नकद, कानावत के घर से एक लाख 80 हजार नकद और अभ्यर्थियों के नाम, रोल नंबर और कुछ पर्चियां मिलीं। इनके आगे सही और गलत के निशान लगे हुए थे। राजेश और हितेश के मकान से 14 लाख रूपए और अभ्यर्थियों की सूची तथा रज्जाक के घर से 85 हजार रूपए बरामद किए हैं। वकील भगवान सिंह चौहान फरार है जबकि बाकी पकड़ में आ गए और उनसे पूछताछ जारी है।
मामले की भनक लगते ही राजस्थान हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार विजिलेंस भुवनेश चंद्र भट्ट अजमेर पहुंच गए। हाईकोर्ट ने आदेश जारी कर अजमेर के जिला जज और भर्ती परीक्षा के प्रभारी अजय कुमार शारदा को एपीओ कर दिया और उनकी जगह सीकर के जिला जज उमेश चंद्र शर्मा को अजमेर का जिला जज नियुक्त कर दिया। जज शारदा अजमेर में फेमिली कोर्ट जज और केकड़ी में अपर सेशन जज रह चुके हैं। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने भर्ती का पूरा रिकार्ड जब्त कर लिया है। जानकार सूत्रों की मानें तो इसमें कई बड़े नाम सामने आने की उम्मीद है। मामला चूंकि न्यायपालिका से जुड़ा है इसलिए ब्यूरो ना केवल अतिरिक्त सतर्कता बरत रहा है, उसके उच्चाधिकारी फूंक-फूंक कर कदम रख रहे हैं।
अजमेर में पिछले दिनों फंसी बड़ी मछलिया
-कैडल फीड प्लांट के मैनेजर सुरेंद्र कुमार शर्मा आठ करोड़ रूपए नकद और 10 किलो सोने समेत गिरफतार।
-अजमेर अरबन कॉपरेटिव बैंक के महाप्रबंधक हनुमान प्रसाद कच्छावा करोड़ों रूपए समेत गिरफतार।
-अजमेर अरबन कॉपरेटिव बैंक के मैनेजर बृजराज सिंह करोड़ो रूपए और अवैध हथियार समेत गिरफतार।
-आईपीएस अजय सिंह राठौड़ एमएलएम कंपनी से घूस लेने के आरोप में गिरफतार।
-पुलिस थानों से मंथली रंगदारी लेते पुलिस अधीक्षक राजेश मीणा रंगे हाथों गिरफतार। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक लोकेश सोनवाल फरार और बारह थानाधिकारी एपीओ।
-राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के वित्तीय सलाहकार नरेंद्र कुमार तंवर करोड़ों रूपए और अकूत संपत्ति समेत गिरफतार।
-और अब बारी न्यायपालिका की।
पहले भी लिप्त रहे हैं अजमेर के वकील
पैसे लेकर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल मे सिपाहियों की भर्ती कराने और राजस्थान न्यायिक सेवा भर्ती परीक्षा का प्रश्न पत्र बेचने के आरोप में वकील भागीरथ सिंह शेखावत पर आरोप लगे। पिछले दिनों ही मुकदमे से बरी।
-राजस्थान लोक सेवा आयोग की भर्तियों में रिश्वत लेकर नियुक्ति दिलाने के आरोप में वकील इंदर सिंह यादव नकदी समेत गिरफतार।
-भीलवाड़ा अदालत में लिपिकों की भर्ती में जिला जज के नाम पर पैसे वसूलने के आरोप में अजमेर निवासी सरकारी वकील अशोक राहुल छाबड़ा रगे हाथों गिरफतार।
-अब अजमेर अदालत में पैसे लेकर लिपिकों की भर्ती कराने के मामले में वकील भगवान सिंह चौहान और हेमराज कानावत पर आरोप।
अजमेर से राजेंद्र हाड़ा की रिपोर्ट. संपर्क: 09829270160, 09549155160