बरेली में पेड न्यूज़ का धंधा बहुत तेजी पर है। इसमें अमर उजाला ने तो शायद अब तक की सारी हदें पार कर दी हैं। इस मामले में काफी पहले से इस बात की अफवाह उड़ाई जा रही है कि कांग्रेस के मौजूदा सांसद और अब फिर प्रत्याशी प्रवीण सिंह ऐरन अमर उजाला में निवेश करके हिस्सेदार हो गए हैं। यह बात कितनी सच, इस बारे में अमर उजाला प्रबंधन को स्थिति साफ करनी चाहिए। ऐरन के पक्ष में और भाजपा के मज़बूत जनाधार वाले नेता संतोष गंगवार के खिलाफ खबर लगातार छापता रहता है अमर उजाला।
इसी आपाधापी में अखबार ने हाल ही बरेली आये कल्याण सिंह के मुंह से भाजपा प्रत्याशी और पूर्व मंत्री संतोष गंगवार को हारने तक की स्पष्ट अपील तक करवा दी, जबकि ऐसा असम्भव और नामुमकिन है। अमर उजाला की खबरें देखीं जाएं तो एक खबर में कल्याण सिंह ने जनता से आह्वान किया है कि मतदान के दिन कोई काम न करें, यानी वोट भी ना डालें और घर की सफाई करें, यह एक ऐसी असंभव बात है कि जो 82 वर्षीय बुज़ुर्ग नेता की देश भक्ति और राष्ट्रवादिता पर सवाल खड़ा करती है। उनके धुरविरोधी और उन्हें साम्प्रदायिक कहने और मानने वाले भी इस तथ्य पर यकीन नहीं करेंगे। यही नहीं, अखबार ने कल्याण के भाषण को न केवल तोड़मरोड़ के पेश किया बल्कि मनगढ़ंत बातों का आशय भी स्पष्ट किया है और संकेत दिया है कि जैसे कल्याण सिंह यह कह गए हैं कि भाजपा को वोट न दें। अगर मान भी लिया जाए कि कल्याण सिंह ने यही कहा तो फिर अखबार के लिए पत्रकारिता के तकाज़े के तहत यह एक और बड़ी खबर थी कि कल्याण तो फिर से बागियों की भाषा बोल रहे हैं। मगर खबर में यह लिखने का साहस नहीं है। दर असल यह सिर्फ एक कोरा झूठ ही है।
इसी दिन के अख़बार में अमर उजाला ने एक और खबर छापी है कि कल्याण सिंह बरेली में संतोष गंगवार के हारने की बुनियाद रख गए। दरअसल बरेली में अमर उजाला इस बार पूरी तरह से कांग्रेस और प्रवीण सिंह ऐरन के हाथों में है, यह तथ्य स्थापित हो चुका है। यहाँ तक कि कांग्रेस के अन्य नेता भी इस बात को खुलेआम कह रहें हैं मगर अखबार की सेहत पर कोई असर नहीं है।
भड़ास को भेजे गए पत्र पर आधारित।
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