राजधानी लखनऊ से निकलने वाले दैनिक 'रोज की खबर' में ढाई माह से वेतन न मिलने से कर्मचारियों के सामने घोर संकट खड़ा हो गया है। कर्मचारियों को आश्वासन दिया गया था कि होली पर एक साथ बकाये दो महीने का भुगतान कर दिया जाएगा। पर ऐसा हुआ नहीं जिससे यहां कार्यरत कर्मचारियों पर होली का रंग चढ़ने से पहले ही फीका हो गया है। कर्मचारियों में खासा आक्रोश बना हुआ है। जानकारी के अनुसार 'रोज की खबर' अखबार के मालिक व संपादक चंद्र प्रकाश का झारखंड से दैनिक झारखंड नाम से एख औऱ अखबार निकलता है। सैलरी की मांग कर रहे कर्मचारियों को बहलाने के लिए 11 मार्च को संपादक ने सभी के बकाये दोनों महीनों का वेतन 13 मार्च की तारीख के पोस्ट डेटेड चेक द्वारा दिया और झारखंड निकल गए।
कर्मचारियों ने जब चेक बैंक में लगाए तो खाते में पैसा न होने की वजह से सभी के चेक बाउंस हो गए। अब जब कर्मचारी संपादक को फोन कर रहे हैं तो उनका फोन नहीं उठ रहा है। इससे सभी कर्मचारियों में हताशा का माहौल है। सभी के चेहरे पर मायूसी छायी हुई है। अखबार के मालिक इससे पहले हिंदुस्तान समाचार पत्र पटना में संपादक रह चुके हैं। अजीब विडंबना है कि अखबार से जुड़े होने के बावजूद भी ऐसे मालिक अपने ही कर्मचारियों के साथ दगा करने से नहीं चूक रहे हैं।
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