वाराणसी: देश की धार्मिक राजधानी मानी जाने वाली वाराणसी के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अपने सिपाहियों द्वारा यहां के पत्रकारों की सरेशाम हुई पिटाई को हजम कर लेना चाहते हैं। वे चाहते हैं कि इस पत्रकारिता जगत के चेहरे पर पड़ी पुलिसवालों की इस बेहद शर्मनाक करतूत को थाने की रोजनामचा पर दर्ज न कराया जाए। बल्कि वे इस मामले में अपना एक नया नजरिया पेश कर रहे हैं। वे चाहते हैं कि इस हरकत के दोषी पुलिस सिपाहियों पर वे अनुशासनिक कार्रवाई करें। उनका तर्क है कि अगर इन सिपाहियों के खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई के बजाय अगर आपराधिक मामला दर्ज कराया जाएगा तो वादी यानी पत्रकारों को अनावश्यक झंझटों का सामना करना पड़ेगा।
मामला है, वाराणसी के खासे सम्मानित पत्रकारों को रविवार की शाम सरेआम पुलिसवालों द्वारा की गयी शर्मनाक पिटाई का। आपको बता दें कि लखनऊ के यहां के प्रमुख समाचार-पत्र दैनिक जनसंदेश टाइम्स के चीफ रिपोर्टर राजनाथ तिवारी और रिपोर्टर संदीप त्रिपाठी की गोदौलिया चौराहे पर चंद पुलिसकर्मियों बर्बर पिटाई कर दी थी। इतना ही नहीं, इन पुलिसवालों ने एक घायल महिला को घर तक पहुंचाने पर बेहद आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग किया था। कार से अपने घर जा रही इस महिला को पुलिसवालों ने पैदल जाने पर मजबूर किया।
उप्र की इसी समाजवादी पुलिस की लट्ठ-बाजी के खिलाफ आज काशी पत्रकार क्लब के अध्यक्ष अत्रि भरद्वाज और काशी पत्रकार संघ के महासचिव आर रंगप्पा समेत अनेक पत्रकारों ने रविवार की देर रात वाराणसी के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से भेंट की थी। हैरत की बात है कि इतना बड़ा हादसा होने के बावजूद इस बड़े दारोगा ने मौके पर पहुंचने और वहां हकीकत देखने-जांचने के लिए पहुंचने की कोई भी जरूरत नहीं समझी थी। बल्कि, समाजवादी-न्याय के तहत इस बड़े दारोगा ने काशी के पीड़ित और नाराज पत्रकारों की इल्तिजा सुनने के लिए इन पत्रकार-नेताओं को अपने आवास पर ही बुलवा लिया था। रविवार की रात को इस वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने काशी के अनेक सम्मानित व वरिष्ठ पत्रकारों को अपने आवास पर बुलाया था। इस अधिकारी ने स्पष्ट कहा कि इस घटना की पूरी छानबीन की जाएगी कि इस मामले में कौन-कौन दोषी रहा है। इसके लिए एसएसपी इस पूरे मामले की जांच गोदौलिया चौराहे के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज मंगायेंगे और उसकी छानबीन करके ही उन सिपाहियों को दण्डित करेंगे।
काशी पत्रकार संघ के महासचिव आर रंगप्पा का कहना है कि यह घटना पुलिसिया कार्रवाई का जीवन्त चरित्र-मामला है। उनका कहना है कि हैरत की बात है कि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने अब तक यह तय नहीं किया है कि उन सिपाहियों ने एक घायल महिला को उसके घर तक सुरक्षित जाने पर व्यवधान खड़ा करते हुए इन पत्रकारों की पिटाई करके अपनी अमानवीयता का प्रदर्शन किया अथवा नहीं। काशी पत्रकार क्लब के अध्यक्ष अत्रि भरद्वाज पुलिस की इस नाकारापन पर खासे नाराज हैं। इन पत्रकारों ने इस मामले पर अब सीधे मुख्यमंत्री से बातचीत करने की चेतावनी की है।
लेखक कुमार सौवीर यूपी के वरिष्ठ और बेबाक पत्रकार हैं। संपर्क 09415302520
मूल ख़बरः
वाराणसी में पुलिस ने दो पत्रकारों को लाठियों से बुरी तरह पीटा http://bhadas4media.com/article-comment/19020-varanasi-police-beats-journos.html