हरियाणा के यमुनानगर शहर के कुछ पत्रकारों ने उस समय पत्रकारिता को शर्मशार कर दिया, जब एक बेटे के हाथों मार खाकर आंसू बहाने वाले पिता से भी जलपान की सेवा ले ली। वक्त का मारा बूढ़ा आदमी पांच मिनट पहले पत्रकारों को अपने शरीर की चोटें दिखाकर रो कर हटा ही था। उसने पत्रकारों को जलपान के लिए पूछा, तो वहां मौजूद सारे पत्रकार तैयार हो गए। दहां मौजूद सारे पत्रकारों ने उस बूढ़े पिता की जेब से फास्टफूट और काफी का आनंद लिया। बूढ़े पिता का सबसे बड़ा दर्द था कि उसके बेटे ने उसे कारोबार के लालच में पीटा और शिकायत करने पर भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।
बेचारा बहुत शरीफ आदमी था, प्रेस की उसे ज्यादा जानकारी नहीं थी। उसने प्रेस को इसलिए बुलाया कि बेटे ने करोबार हड़पने के लालच में उसे बुरी तरह पीटा है और पुलिस सुनवाई नहीं कर रही। किसी रिश्तेदार ने कह दिया था कि पत्रकार लोग ठीक सी जगह बैठकर बात कर लेते हैं। सो शहर के रमन रेस्टोरेंट में बैठ गए। शहर के कुछ ही पत्रकार होंगे, जो आए। जो गैरत वाले थे वे नहीं आए। फोन सब पत्रकारों को किए गए थे। पर ज्यादातर ने या तो मना कर दिया और या फिर ये सोच कर नहीं आए कि भाई पारिवारिक मामला है इस मामले को मीडिया में ज्यादा जगह तो मिल नहीं पाएगी। हां, पुलिस द्वारा कार्रवाई न करने को जरूर उदघाटित कर देंगे। तो गैरतमंद पत्रकारों ने कहा कि बस आप ऐसे ही अपनी कहानी बता दीजिए, प्रेस कान्फ्रेंस में तो क्या आना।
लेकिन पत्रकारिता की मान मर्यादा की परवाह न करने वाले तो वहां जरूर पहुंचे। चलो माना कि वो इंसानियत के नाते पहुंचे। लेकिन उस बुजुर्ग की बात सुनने के बाद उसके हाथों से फास्ट फूड और कॉफी कैसे गले से उतर गई।
पत्रकारों को जब जलपान के लिए पूछा गया तो वे झट से तैयार हो गए। एक मिनट के लिए मना भी नहीं कर सके ये महानुभाव। कहा, हां-हां चलिए। कोई कहता, मैं तो स्प्रिंग रोल खाउंगा, कोई बोला चाउमिन का आर्डर दे दो। कोई ब्लैक काफी, कोई व्हाइट। किसी के लिए हॉट तो किसी के लिए कोल्ड। और जलपान करते हुए बोले 'अंकल आपकी खबर लगानी थोड़ा है तो मुश्किल, पर कोशिश तो करेंगे ही।'
जब तक प्लेट से स्प्रिंग रोल खत्म न हुए, तब तक कहानियां चलती रहीं और बुजुर्ग जख्मों के दर्द से कराहता कोने में बैठा रहा।
भड़ास को भेजे गए पत्र पर आधारित।