पतन की पराकाष्ठा है. भास्कर वालों ने भी ठान लिया है कि इतने नीचे गिर जाना है कि दूसरा कोई उतना नीचे गिरने के पहले हजार बार सोचे और सोच भी ले तो शरम के मारे गिरने से खुद को रोक ले. जाने क्या हड़बड़ी है भास्कर वालों की कि वे गिरते ही जा रहे हैं, लगातार बारंबार. सबकी मिलीभगत है, मूक सहमति है, अन्यथा ऐसी चीजें कैसे छप सकती हैं. किस क्रिएटिव दिमाग की उपज है ये सब.
बात भास्कर डाट काम की हो रही है. इसके बालीवुड सेक्शन में एक खबर प्रकाशित हुई है. उसकी हेडिंग है- ”’लीप ईयर स्पेशल : 29 पोजीशन में करेंगे सेक्स तो अगले चार साल तक रखेंगे याद”. इस खबर में जो मैटर है वो इस प्रकार है- ”सेक्स के दौरान बिस्तर पर शरारतें करना आपसी सेक्स लाइफ को हमेशा जवान रख सकता है। हालांकि हम जानते हैं कि सेक्स का नाम आने पर इससे दूर रहने का आपके पास कोई बहाना नहीं होता है, लेकिन फिर भी इस 29 फरवरी (लीप ईयर- प्रत्येक 4 साल में एक बार) पर आप क्या नया कर रही हैं ? चूंकि यह दिन चार साल में एक बार आता है, तो आपके पास फरवरी महीने के अंत में सेक्स करने के लिए एक अतिरिक्त दिन है। आज लीजिए 29 पोजीशन का आनंद। यह एक ऐसी पोजीशन है जो दोनों के लिए ही काफी आनंददायक हो सकती है। इस पोजीशन में सेक्स करने के लिए आप एक मजबूत कुर्सी दीवार के सहारे लगाएं और घुटनों के बल उसपर बैठ जाएं। याद रहे इस पोजीशन में आपके घुटने दीवार की ओर हों और पैर के पंजे कुर्सी के पीछे की ओर रहें। इस पोजीशन में आपका निचले हिस्से की स्थिति अंक 2 जैसी होगी। इस पोजीशन में आपका पार्टनर सीधे खड़े रहकर आपके साथ संभोग कर सकता है और उसकी स्थिति अंक 9 जैसी होगी। ‘द ग्रेट लवर प्लेबुक’ के लेखक लौ पेगेट कहते हैं कि इस पोजीशन में आप अपने पार्टनर के सबसे अधिक नज़दीक होते हैं, जिससे संभोग का आनंद दोगुना हो सकता है। इस पोजीशन में महिलाएं अपनी बॉडी एंगल में थोड़ा परिवर्तन करके सामने आने वाली परेशानियों को दूर कर सकती हैं।”
इसे पढ़ने के बाद कुछ पाठकों ने भड़ास4मीडिया के जरिए भास्कर वालों से कुछ सवाल पूछे हैं. पहला सवाल तो ये कि भास्कर प्रबंधन के कितने लोगों ने 29 तारीख को 29 पोजीशन वाला सेक्स किया. अगर किया तो उसके डिटेल भास्कर डाट काम पर प्रकाशित करें ताकि लोग कुछ और सीख जान सकें कि उस पोजीशन में करने में क्या क्या कठिनाई आई, क्या क्या मजे मिले. दूसरा सवाल पूछा है कि 29 पोजीशन वाले सेक्स की खबर बालीवुड कैटगरी की खबर कैसे हो गई. क्या बालीवुड का मतलब भांति भांति तरीके से सेक्स करना होता है? बालीवुड के नाम पर नंगई परोसने की बजाय ऐसी खबरों के लिए क्यों नहीं एक अलग से सेक्स सेक्शन क्रिएट कर लेते हैं.
तीसरा सवाल है- क्या भास्कर प्रबंधन यह अघोषित आदेश अपने भास्कर डाट काम के संपादकों को दे चुका है कि वे हिट्स बढ़ाने के लिए कुछ भी प्रकाशित कर दें. अगर ऐसा आदेश है तो क्यों नहीं संपादक लोग अपनी न्यूड फोटो डालना शुरू करते हैं इस वेबसाइट पर ताकि दुनिया में एक नए किस्म का विश्व रिकार्ड बने और खूब हिट्स मिले. तीसरे, कई पाठकों ने भास्कर डाट काम पर प्रकाशित उस खबर में कमेंट के जरिए भी पूछा है कि 29 पोजीशन वाले सेक्स को विस्तार से समझाने के लिए सिर्फ एक चुंबन वाली तस्वीर को ही क्यों लगाया गया है, क्यों नहीं इस मुद्दे पर ग्राफिक्स के जरिए बात की गई ताकि पाठकों को समझने और करने में आसानी हो सके. उम्मीद है भास्कर प्रबंधन इन सवालों पर गौर करेगा और जल्द ही कुछ और सनसनीखेज मसालेदार सेक्सी सेक्सी खबरें सचित्र ढंग से प्रकाशित करेगा.
ऐसे दौर में जब हर कंटेंट पर बहस हो रही हो, जस्टिस काटजू जैसे लोग मीडिया को उसके असल काम की ओर ध्यान दिलाने के लिए बार-बार खबरों के सेलेक्शन का मुद्दा उठा रहे हों, तब भास्कर डाट काम के संपादक लोग अपनी साइट की हिट्स बढ़ाने के लिए पत्रकारीय सोच, समझ और मर्यादा को ताक पर रखकर बेहद घटिया और सस्ती चीजें प्रकाशित कर रहे हैं. सेक्स की खबरें पढ़ाना गलत नहीं है. आप पढ़ाइए. सेक्स को वैज्ञानिक तरीके से बताइए. पर इसके लिए आप बालीवुड कैटगरी का सहारा क्यों ले रहे. क्यों नहीं आप सेक्स कैटगरी क्रिएट कर उसमें सिर्फ सेक्स से जुड़ी खबरें व सवाल जवाब प्रकाशित कर रहे हैं ताकि पाठकों को फायदा मिल सके. आप उस सेक्स कैटगरी में इंटर करने के लिए 18 प्लस की शर्त लगा दें. यह ज्यादा लाजिकल और डेमोक्रेटिक तरीका है. पर वे ऐसा नहीं करेंगे क्योंकि वे खुद को पोर्न साइट नहीं कहलाना चाहते, वे तो न्यूज साइट बने रहना चाहते हैं पर न्यूज साइट बने रहकर हिट्स पाने के लिए पोर्न परोसने से चूकना भी नहीं चाहते हैं. ऐसे कांइयापन, धूर्तता और हिप्पोक्रेसी को आप क्या कहेंगे. उम्मीद करते हैं कि भास्कर वाले इस पर सोचेंगे और जरूर अपना पक्ष रखेंगे ताकि हम सभी उनके न्यूज सेंस व न्यूज सेलेक्शन के एप्रोच को समझ सकें. ये है भास्कर डाट काम पर प्रकाशित खबर से संबंधित स्क्रीनशाट….